आरआरटीएस कॉरिडोर के निर्माण की गति को देखकर संतुष्ट दिखे सीएम

 भास्कार समाचार सेवा

मेरठ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भैंसाली में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने पूरे कॉरिडोर पर चल रहे निर्माण गतिविधियों का भी जायज़ा लिया और भैंसाली में की जा रही टनलिंग गतिविधियों का निरीक्षण किया। एनसीआरटीसी ने भारत के पहले आरआरटीएस कॉरिडोर के परियोजना कार्यान्वयन को प्रदर्शित करते हुए एक फोटो प्रदर्शनी लगाई। फोटो प्रदर्शनी में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर की तीन साल की यात्रा जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शिलान्यास करने से लेकर हाल ही में सावली गुजरात से पहली ट्रेनसेट के डीलीवेरी होने तक की यात्रा को दर्शाया गया। साथ ही रेकॉर्ड समय में 17 किलोमीटर के प्रायोरिटी सेक्शन पर की गई महत्वपूर्ण प्रगति, पिछले तीन वर्षों में एनसीआरटीसी द्वारा हासिल किए गए विभिन्न महत्वपूर्ण माईलस्टोन को भी प्रदर्शित किया गया। एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने फोटो प्रदर्शनी में मुख्यमंत्री को परियोजना के पूरा करने के दौरान की महत्वपूर्ण उपलब्धियों और एनसीआरटीसी द्वारा परियोजना के कार्यान्वयन में विभिन्न तकनीकों का कैसे लाभ उठाया जा रहा है, जैसे विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने समझा कि कैसे एनसीआरटीसी कोविड वायरस की तीन तीन लहरों के बावजूद भी इस परिवर्तनकारी परियोजना को अत्याधुनिक तकनीकों की मदद से परिश्रम के साथ पूरा कर रहा है। वे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के निर्माण की गति को देखकर भी संतुष्ट थे।मुख्यमंत्री ने भैंसाली स्टेशन के अपने निरीक्षण के दौरान स्टेशन पर किए जा रहे टनलिंग कार्य का बारीकी से अवलोकन किया।

लंबी सुरंग बनाने का काम हुआ शुरू 

प्रबंध निदेशक विनय कुमार ने बताया, मेरठ सेंट्रल और बेगमपुल, दोनों स्टेशनों की दिशाओं में सुरंग बनाने के लिए चार टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम- सुदर्शन) को भैंसाली में उतारा जाना है। इनमें एक टीबीएम ने मेरठ की भैंसाली से मेरठ सेंट्रल तक करीब दो किलोमीटर लंबी सुरंग बनाने का काम शुरू भी कर दिया है। भैंसाली से मेरठ सेंट्रल तक दूसरी सुरंग बनाने के लिए दूसरा टीबीएम भी इसी स्थान पर असेंबल किया जा रहा है। भैंसाली मेरठ का इकलौता स्टेशन है, जहां चार टनल बोरिंग मशीन एक साथ टनल बनाने का काम करेंगी।

दो डिपो स्टेशनों सहित होंगे 25 स्टेशन

बताया, 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर दो डिपो स्टेशनों सहित 25 स्टेशन होंगे। लोकल ट्रांजिट की जरुरत के लिए 21 किलोमीटर की अवधि में 13 स्टेशनों के साथ मेरठ में आरआरटीएस नेटवर्क पर लोकल ट्रांजिट सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं। साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किमी प्रायोरिटी सेक्शन पर निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है। प्रायोरिटी सेक्शन के वायडक्ट का निर्माण पूरा होने के करीब है और सिग्नलिंग और टेलीकॉम सिस्टम लगाने का काम भी किया जा रहा है। प्रायोरिटी सेक्शन में कुल 5 स्टेशन साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो होंगे और इनका निर्माण कार्य प्रगति पर है। ओवर हेड विद्युत तारों के कार्यान्वयन के लिए आगे की राह अब साफ हो गई है और ट्रैक बिछाने का काम निर्धारित समय सीमा के भीतर किया जा रहा है। 

ये है तैयारी

दुहाई डिपो में आरआरटीएस ट्रेनों के रख-रखाव के लिए लाइन को नियमित करने और निरीक्षण करने तथा रोलिंग स्टॉक मेंटेनेंस यार्ड का निर्माण कार्य भी पटरी पर है। विभिन्न प्रयोगशालाओं से लैस आरआरटीएस के प्रशासनिक भवन, सिम्युलेशन रूम और प्रशिक्षण के लिए विभिन्न प्रकार की कक्षाओं का निर्माण भी चल रहा है। एनसीआरटीसी अगले साल की शुरुआत तक प्रायोरिटी सेक्शन पर परिचालन शुरू करने और पूरे कॉरिडोर को 2025 तक शुरू करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।

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