बच्चों को अपनी डाट से डराये नहीं, वरना हो जाएंगे डिप्रेशन का शिकार

बच्चों को अनुशासन सिखाइए, लेकिन जरा प्यार से। बचपन से ही माता-पिता का सख्त रवैया बच्चों को तनाव में रखता है और डिप्रेशन का शिकार बना देता है। उनके दिमाग पर गहरा असर डालता है। वे हमेशा के लिए मानसिक रूप से बीमार हो सकते हैं। नए अध्ययनों से यह पता चला है कि सख्त पेरेंटिंग की वजह से बच्चे अपना आत्मविश्वास खो देते हैं। बड़े होकर भी वे इससे उबर नहीं पाते।

बच्चों का डीएनए बदल सकती है डांट


बच्चों की शैतानियों पर उन्हें डांटना लाजमी है, लेकिन उनके प्रति हमेशा सख्त रवैया अपनाना उनके मानसिक स्वास्थ्य को लंबे समय तक प्रभावित करता है। पेरेंट्स अगर बच्चों से हमेशा कड़ाई से पेश आते हैं, तो इसका असर बच्चाें के डीएनए पर पड़ सकता है। बेल्जियम की ल्यूवेन यूनिवर्सिटी में हुए नए अध्ययन से पता चला है कि माता-पिता का लगातार कड़ा रवैया बच्चे का डीएनए बदल सकता है।

वैज्ञानिकों ने इस स्टडी में शामिल सभी बच्चों के डीएनए में ऐसे 4.50 लाख स्पॉट्स खोजे हैं, जिन पर पेरेंट्स की डांट का असर पड़ता है। एम्स्टर्डम मेडिकल सेंटर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर क्रिस्टियान विंकर्स ने बताया कि तनाव डीएनए के मिथेलेशन नियामक तंत्र को प्रभावित करता है। इससे पुराने और भूले हुए तनाव भी उजागर होते हैं।

सख्त पेरेंटिंग से बीमार होते हैं बच्चे


इस अध्ययन में शामिल वैज्ञानिकों ने दावा किया कि सख्त पेरेंटिंग से गुजरे बच्चे बड़े होने पर भी दोस्त नहीं बना पाते। ऐसे बच्चों के लिए लोगों से भावनात्मक रूप से जुड़ना मुश्किल होता है। वे समाज से कटे-कटे रहते हैं। पढ़ाई-लिखाई में भी बहुत बेहतर नहीं कर पाते। शोध से मिले निष्कर्षों के बाद वैज्ञानिकों ने यह समझाने की कोशिश की कि बचपन से सख्त पेरेंटिंग का असर बच्चों के शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। वे बीमार रहने लगते हैं। इसका असर बच्चा जीवनभर झेलता है।

दूसरों के सामने डांटने से बच्चा जिद्दी हो जाता है


बच्चों को दूसरों के सामने डांट-फटकार न लगाएं। दूसरों के सामने मारने-पीटने जैसा शारीरिक दंड भी ना दें। इसे वे अपने सम्मान पर हमला मान लेते हैं। इससे बच्चे जिद्दी और गुस्सैल बनते जाते हैं। उनका व्यवहार बदलने लगता है। वे मां-बाप से बातें छिपाने लगते हैं। अपना गुस्सा कहीं न कहीं उतारने लगते हैं। धीरे-धीरे हिंसक भी होते जाते हैं।

बच्चे मानसिक तनाव के शिकार


अमेरिका में इन दिनों 10 में से एक बच्चा मानसिक तनाव का शिकार हो रहा है। 12 से 16 वर्ष के बीच के बेल्जियम के 23 लड़कों और लड़कियों पर वैज्ञानिकों ने यह अध्ययन किया। इसमें बच्चों ने बताया कि पेरेंट्स सख्ती से पेश आते हैं। कई बार पेरेंट्स उन्हें शारीरिक दंड भी देते हैं।

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