फ़तेहपुर : पुलिस की अराजकता का शिकार हुआ युवक, चौकी में लगा ली फांसी

फ़तेहपुर । अगर जरायम करना है तो कोतवाली क्षेत्र इन दिनो अपराधियो के लिए मुफीद अड्डा बन गया है, ये हम नहीं कह रहे ऐसा कोतवाली क्षेत्र में घट रही घटनाएं, वायरल वीडियो आदि से अंदाजा लगाया जा सकता है। उधर चुनाव में ब्यस्त अफसरो का नियंत्रण या तो अधीनस्थों के ऊपर से समाप्त हो चुका है या फिर किसी की भागीदारी है जो भ्रष्ट पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने से रोक रही है।

अपराध करना है तो कोतवाली क्षेत्र में आइए

 आपको बता दें कि कोतवाली में इंस्पेक्टर के कारखास और ड्राइवर ने क्षेत्र में हो रहे अपराध का ठेका ले रखा है, सपा सरकार बनने पर सबको देख लेने की धमकी देने वाले ये निकम्मे क्षेत्र में हो रहे सभी अपराधों का हिस्सा लेते हैं। कोतवाल के कमाऊपूतो सहित एक दरोगा का वसूली के रुपयों के बंटवारे में गाली गलौज का वीडियो वायरल भी हो चुका है जिस पर सिर्फ जांच चल रही है।

भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को कौन दे रहा संरक्षण पूछ रही शहर की जनता

जांच के नाम पर इन भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को बचाने का ठेका एक अफसर ने ले रखा है। आचार संहिता लगने के बाद से कोतवाली पुलिस के इन कमाऊ पूतो ने छापेमारी के नाम पर कई जगह अराजकता फैलाई। सनगांव में एक घर से नकदी जेवरात तक उठा लिए, परिवार के लोगों को मारा पीटा। मनबढ़ व भ्रष्ट पुलिसकर्मियों की लिस्ट में राधानगर का दरोगा व उसके दो कारखास भी पीछे नहीं है। इन्होंने मोरंग की वसूली में जमकर मेहनत की। इस चौकी में प्रत्येक प्रार्थना पत्र में उगाही का ऐसा दौर चला कि एक नवयुवक की जान पर बन आई। बताते हैं कि एक प्रेम प्रसंग के मामले में युवक ज्ञान सिंह को चौकी की पुलिस बीती रात उठाकर लाई। उसे दरोगा ब्रजेश सिंह व सिपाहियों ने जमकर मारा पीटा, आरोप है कि छोड़ने के नाम पर उससे अधिक रुपयों की मांग की गई।

पुलिस की भूमिका संदिग्ध नज़र आई

बता दे रुपया न दे पाने की स्थिति में उस गरीब नवयुक ने अपनी जान देना ही उचित समझा। वह चौकी के अंदर बाथरूम में दरवाजा बंद करके बेल्ट से फांसी के फंदे पर लटक गया। जानकारी होने पर घबराए पुलिसकर्मी उसे जिला चिकित्सालय लेकर गए जहां से उसे हैलट रिफर कर दिया गया। उधर अफसरों को जानकारी हुई तो वह भी भागकर अस्पताल पहुंचे। बताते हैं मामले में दोषी पुलिसकर्मियों को बचाने के लिए इस प्रकरण में भी नई कहानी रचने की स्क्रिप्ट लिखी जा सकती है। शनिवार को एक अन्य मामले में भी कोतवाली पुलिस की भूमिका संदिग्ध नज़र आई।

हरियाणा निवासी चंदन प्रसाद की गाड़ी अज्ञात लोगों द्वारा खागा से लूट ली गई। गाड़ी से सम्पर्क टूटने पर वह खागा एफआईआर लिखाने के लिए हरियाणा से फ़तेहपुर आ रहे थे। नउआबाग में जाम लगे होने पर किसी ने उनको बकन्धा से शहर का रास्ता बता दिया, उसी रास्ते मे एक गोदाम में अपनी गाड़ी खड़ी देख मालिक चौंक गए। उन्होंने 112 पुलिस को फोन कर बुलाया जहां लूटी गई गाड़ी माल सहित खड़ी थी। 112 पुलिस ने कोतवाली पुलिस को जानकारी दी।

कोतवाली पुलिस ने घटनास्थल की जांच की तो पता चला ओमप्रकाश बाजपेयी का गोदाम है, वह चोरी के माल को उतरवा रहा था। इतने में ही मुख्य आरोपी ओमप्रकाश ने कोतवाली के एक दरोगा से फोन पर बात की तो मौके में मौजूद पुलिस ने मुख्य बदमाश को मौके से छोड़ दिया। मौके पर मौजूद पुलिस ने सरिया से लदा ट्रक माल सहित बरामद कर लिया। ट्रक का असली ड्राइवर भी गायब है। आशंका है उसकी हत्या करके माल सहित ट्रक लूटा गया हो। आपको बता दें कि गोदाम का मालिक ओमप्रकाश बाजपेयी शातिर लुटेरा है वह औरैया से ट्रक लूट में जेल भी जा चुका है। लूट व चोरी के माल को ठिकाने लगाकर उसने करोड़ों की संपत्ति भी बनाई है। बताते हैं कि कोतवाली के एक दरोगा से उसके करीबी रिश्ते हैं जिसकी आवभगत भी वह करता है।

शातिर लुटेरे किसी की मदद से हुए फरार

अब यह जांच होना भी आवश्यक हो गया है कि वह कौन है जिसने शातिर लुटेरे को फरार कराने में मदद की। कोतवाली क्षेत्र में घट रही घटनाओं व भ्रष्ट पुलिसकर्मियों की अराजकता से जनता त्रस्त है, ऐसे पुलिसकर्मियों  को किसका संरक्षण प्राप्त है यह भी सामने आना चाहिए। पुलिस के जिम्मेदार अधिकारी अगर अभी नहीं चेंतेगे तो आखिर कब चेतेंगे, योगी सरकार में भी इन भ्रष्ट पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो पा रही ये सवाल शहर की अधिकतर जनता के जेहन में कौंध रहा है।

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