आठ घंटे की माथापच्ची के बाद गहलोत सरकार के मंत्रियों में विभागों का हुआ बंटवारा

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जयपुर । प्रदेश में आखिरकार मंत्रियों के विभागों का बंटवारा हो ही गया। आठ घंटे की मंथन और बैठकों के कई दौर के बाद प्रदेश में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच विभागों के वितरण को लेकर सहमति बनी। इस सूची में एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ही दबदबा दिख रहा है।

मुुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास वित्त विभाग, आबकारी विभाग, आयोजन विभाग, नीति आयोजन विभाग, कार्मिक विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, राजस्थान राज्य अनवेेषण ब्यूरो, सूचना प्रौद्योगिकी और संंचार विभाग, गृह और न्याय विभाग उनके पास ही रहेगा। उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के पास सार्वजनिक निर्माण विभाग, ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और सांख्यिकी विभाग रहेगा।

इसके बाद बुलाकी दास कल्ला के पास ऊर्जा विभाग, पीएचईडी, भूजल विभाग, कला साहित्य संस्कृति और पुरातत्व विभाग भी रहेगा। इसके बाद शांति कुमार धारीवाल के पास स्वायत्त शासन और नगरीय विकास और आवासन मंडल, विधि और विधिक कार्य विभाग, परामर्शी कार्यालय, संसदीय मामले का विभाग रहेगा।

परसादी लाल के पास उद्योग विभाग राजकीय उपक्रम विभाग रहेेगा। मास्टर भंवरलाल मेधवाल के पास सामाजिक न्याय, अधिकारिता और आपदा प्रबंधन विभाग रहेगा। लालचंद कटारिया के पास कृषि, पशुपालन और मत्स्य विभाग रहेेगा।

रघु शर्मा के पास चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं (ईएसआई) और सूचना व जनसंपर्क विभाग दिया गया है। प्रमोद भाया के पास खान और गोपालन विभाग, विश्वेंद्र सिंह के पास पर्यटन और देवस्थान विभाग, हरीश चौधरी के पास राजस्व और उपनिवेशन विभाग, कृषि संचित क्षेत्र विकास जल उपयोगिता विभाग दिया गया है। रमेश चंद मीणा को खाद्य औैर आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग, उदयलाल अंजना को सहकारिता विभाग, इंदिरा गांधी नहर परियोजना, प्रताप सिंह खाचरियावास को परिवहन विभाग, सैनिक कल्याण विभाग, शोल मोहम्मद को अल्पसंख्यक मामले, वक्फ और जन अभियोग निराकरण विभाग दिया गया है।

राज्यमंत्रियों को भी स्वतंत्र प्रभार देकर उनके महत्व को बढ़ाया गया है। इसमें गोविद सिंह डोटसरा को शिक्षा (प्राथमिक और माध्यमिक) का स्वतंत्र प्रभार, पर्यटन विभाग, देव स्थान विभाग दिया गया है। ममता भूपेश को महिला और बाल सुरक्षा विभाग का स्वतंत्र प्रभार दिया गया है।

इसके साथ जन अभियोग निराकरण विभाग, अल्पसंख्यक मामले और वक्फ विभाग भी दिया गया है। अर्जुन सिंह बामनिया को जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग का स्वतंत्र प्रभार, उद्योग विभाग और राजकीय उपक्रम राज्यमंत्री बनाया गया है। भंवर सिंह भाटी को उच्च शिक्षा विभाग का स्वतंत्र प्रभार, राजस्व विभाग, उपनिवेश विभाग कृषि संचित क्षेत्रीय विकास एवं जल उपयोगिता विभाग दिया गया है।

सुखराम विश्रोई को वन विभाग का स्वतंत्र प्रभार, पर्यावरण विभाग का स्वतंत्र प्रभार, खाद्य और आपूर्ति विभाग का राज्यमंत्री और उपभोक्त मामले का राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है। अशोक चांदना को युवा मामले एवं खेल विभाग का स्वतंत्र प्रभार, कौशल नियोजन एवं उद्यमिता विभाग, परिवहन विभाग और सैनिक कल्याण विभाग दिया गया है। टीकाराम जुली को श्रम विभाग का स्वतंत्र प्रभार कारखाना एवं बायलर्स प्रशिक्षण विभाग का स्वतंत्र प्रभार, सहकारिता और इंदिरा गांधी नहर परियोजना विभाग का राज्यमंत्री बनाया गया है।

भजनलाल जाटव को गृह, रक्षा और नागरिक सुरक्षा विभाग का स्वतंत्र प्रभार, मुद्रण एवं लेखन सामग्र्री विभाग का स्वतंत्र प्रभार, कृषि, पशुपालन, मत्स्य विभाग का राज्यमंत्री बनाया गया है। राजेन्द्र सिंह यादव को आयोजन जनशक्ति विभाग का स्वतंत्र प्रभार, स्टेट मोटर गैराज विभाग, सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग, आपदा प्रबंधन व सहायता का राज्यमंत्री बनाया गया है। सुभाष गर्ग को तकनीकी शिक्षा विभाग (स्वतंत्र प्रभार), संस्कृत शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार), चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ्य, आयुर्वेद व भारतीय चिकित्सा, चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवाएं ईएसआई, सूचना व जनसंपर्क का राज्यमंत्री बनाया गया है।

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