बालपुर,गोंडा। कार्यदायी संस्था ने पंचायत सचिवालय को अधूरा छोड दिया जिसे दस साल बाद पूरा नहीं कराया जा सका। इससे पंचायती राज का सपना अधूरा दिख रहा है। यह हाल हलधरमउ बालपुर का है इसमें पशुओं को बांधा जा रहा है और इसके परिसर में ग्रामीण गोबर कंडा बनाकर रख रहे है। हलधरमऊ विकास क्षेत्र की ग्रामपंचायत बालपुर हजारी गोंडा लखनऊ हाईवे पर स्थित होने के बावजूद भारी उपेक्षा का शिकार होकर रह गया है।
पंचायतीराज व्यवस्था को धारातल उतारने को लेकर करीब 12 साल पहले एक ग्राम सचिवालय का निर्माण यहां के मजरे अहिरनपुरवा में शुरू कराया गया। बिना निर्माण पूरा किये ही इसका निर्माण अचानक बीच में रोक दिया गया। काफी बाद में पता चला कि कार्यदायी संस्था ने इसके निर्माण के दौरान भारी वित्तीय अनियमितता कर दिया है इसीलिये इसका निर्माण अचानक रुक गया और तभी से ठप पड़ा है। आधे अधूरे इस भवन का छत तक नहीं डाला जा सका है। खिड़की दरवाजे तक नहीं लगाये जा पाये है।
इसमें बड़ी बड़ी झाड़ियां उग आई है और जहरीले कीड़े मकोड़े रहते हैं, यहां पर जिला पंचायत की जिम्मेदारी नहीं दिख रही है। हलधरमऊ विकास क्षेत्र के खण्ड विकास अधिकारी राजेन्द्र यादव व प्रधान धर्मपाल सिंह ने बताया कि इसका निर्माण कार्य बीआरजीएफ योजना के तहत पैक्सफेड कार्यदायी संस्था की ओर से कराया जा रहा था। बाद में यह कार्यदाई संस्था ब्लैकलिस्टेड कर दी गई।