‘पहले अपने घरों को संभाल लो…’, बंगाल हिंसा पर भारत ने बांग्लादेश को सुनाई खरी-खोटी

पश्चिम बंगाल में हाल ही में हुई हिंसा ने राजनीतिक गलियारों में बवाल मचा दिया है। इस विवाद के बीच, बांग्लादेश की टिप्पणी पर भारत ने कड़ी फटकार लगाई है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस की ओर इशारा करते हुए कहा कि बांग्लादेश को पहले अपने देश के हालात पर ध्यान देना चाहिए, उसके बाद हमें ज्ञान देने का अधिकार है।

भारत ने बांग्लादेश द्वारा पश्चिम बंगाल में अल्पसंख्यक मुस्लिमों के सुरक्षा की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस प्रकार की टिप्पणियां बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के मुद्दे को छुपाने का प्रयास हैं। जायसवाल ने स्पष्ट किया कि बांग्लादेश में लगातार अल्पसंख्यकों के अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है और इसके अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं।

उन्होेंने कहा कि “अनुचित टिप्पणियों करने के बजाय, बांग्लादेश को अपने अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।”

बांग्लादेश ने जताई थी पश्चिम बंगाल की चिंता

बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने पश्चिम बंगाल में हालिया सांप्रदायिक हिंसा को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार से अपील की थी कि वे अल्पसंख्यक मुस्लिमों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। आलम ने कहा कि वे मुसलमानों पर हमलों की निंदा करते हैं, जिससे जान-माल का नुकसान होता है।

पश्चिम बंगाल में हिंसा का कारण

गौरतलब है कि यह सांप्रदायिक हिंसा वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ मुस्लिम समुदाय द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के बाद भड़की है, विशेष रूप से मुर्शिदाबाद सहित कुछ क्षेत्रों में। इसके परिणामस्वरूप, बांग्लादेश में हिंदुओं को भी निशाना बनाये जाने की घटनाएं देखी जा रही हैं।

भारत-बांग्लादेश संबंधों में गिरावट

पिछले साल अगस्त में बांग्लादेश में हुए बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद अवैध रूप से अचानक अपदस्थ हुई प्रधानमंत्री शेख हसीना के भागने के बाद से भारत-बांग्लादेश संबंधों में भारी गिरावट आई है। यूनुस के नेतृत्व में आई अंतरिम सरकार के आने के बाद से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं, को निशाना बनाया जा रहा है।

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