भारत को बेसबरी से है पाकिस्तान का इंतजार, कल मेलबर्न में बिखेरेगा अपना जलवा

टी-20 वर्ल्ड कप का आगाज 16 अक्टूबर को हो चुका है, लेकिन सुपर-12 के मुकाबले आज से शुरू होंगे। भारत अपने पहले मुकाबले में 23 अक्टूबर को दोपहर 1:30 बजे से मेलबर्न में पाकिस्तान से भिड़ेगा। इसे फाइनल से पहले का फाइनल कहा जा रहा है।

महामुकाबले से पहले हमने espncricinfo के आंकड़ों के आधार पर दोनों टीमों के 22 खिलाड़ियों के परफॉर्मेंस का एनालिसिस किया और उनकी स्ट्रेंथ और वीकनेस निकाली। हमने पाया कि- ‘भारतीय बल्लेबाजों का स्ट्राइक रेट पाकिस्तानियों से ज्यादा है।’

चलिए जान लेते हैं कि दोनों टीमों की ओर से किन 11-11 खिलाड़ियों को मौका मिल सकता है। उनका टी-20 इंटरनेशनल में ट्रैक रिकॉर्ड कैसा है। इनकी मजबूती और कमजोरी क्या है।

मजबूती-

रोहित शर्मा- आक्रामक बल्लेबाजी कर सकते हैं। पहले ओवर से ही वो गेंदबाज और विपक्षी टीम को दबाव में लाने का प्रयास करते हैं। उनको अगर पहली बॉल भी लूज मिलती है तो वह उसे बाउंड्री के पार पहुंचाने को देखते हैं। इस साल उन्होंने 141.28 के औसत से रन बनाए हैं।

बाबर आजम- स्ट्रोकिंग प्लेयर हैं। उनके कवर ड्राइव की तुलना विराट कोहली से की जाती है। मैदान पर काफी कूल रहते हैं। उनका फॉर्म कमाल की है। उनकी बल्लेबाजी में निरंतरता नजर आती है। इस साल उन्होंने 19 मैच में 611 रन बनाए हैं।

कमजोरी

रोहित शर्मा- सीधी गेंद पर हिटमैन दुनिया के बेस्ट बल्लेबाजों में से एक हैं, लेकिन गेंद टप्पा पड़ने के बाद जब स्विंग होती है तो वहां रोहित शर्मा के लिए परेशानी पैदा हो जाती है। अगर उन्हें लगातार अंदर आती गेंद फेंकी जाए तो वो अपना विकेट गंवा बैठते हैं। बाएं हाथ के गेंदबाजों के सामने फंसते हैं।

बाबर आजम- पाकिस्तान के कप्तान मैदान पर टिकने में टाइम लेते हैं। ऐसे में इस खिलाड़ी का स्ट्राइक रेट खराब हो जाता है। इस वजह से दूसरे बल्लेबाजों पर भी प्रेशर आता है। बाबर को इन स्विंग और लेग स्पिनर की गुगली पर कई बार विकेट गंवाते हुए देखा गया है।

मजबूती

केएल राहुल- इस खिलाड़ी के पास हर तरह के शॉट हैं। एक बार सेट होने के बाद उनका स्ट्राइक रेट कम नहीं होता है। फास्ट बॉलर और स्पिन गेंदबाज दोनों को अच्छे से खेलते हैं।

मोहम्मद रिजवान- टीम को अच्छी शुरुआत देते हैं। बड़ी पारी खेलने में माहिर। मैच को फिनिश भी करते हैं। इस समय टी-20 क्रिकेट में दुनिया के नंबर-1 बल्लेबाज हैं। इस साल रिजवान ने 18 मैचों में 54.73 की औसत से 821 रन बनाए हैं।

कमजोरी

केएल राहुल- राहुल बड़े टूर्नामेंट के बड़े मैचों में फ्लॉप हो जाते हैं। 2019 के वनडे वर्ल्ड कप से ये सिलसिला जारी है। न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में राहुल 1 रन बनाकर आउट हो गए थे। वहीं, 2021 के टी-20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ उनके बल्ले से सिर्फ 3 रन आए थे।

मोहम्मद रिजवान- लेग साइड में ज्यादा स्कोर करने की कोशिश में कई बार कैच थमा बैठते हैं। अंदर आती गेंद को खेलने में परेशानी होती है।

मजबूती

विराट कोहली- टीम इंडिया के पूर्व कप्तान इस समय टी-20 क्रिकेट में शानदार फॉर्म में है। एशिया कप के आखिरी मैच में उन्होंने 61 बॉल में 122 रनों की पारी खेली थी। टी-20 वर्ल्ड कप में भी इस खिलाड़ी का बल्ला जमकर बोलता है। विराट ने 76 की औसत से टी-20 क्रिकेट में रन बनाए हैं।

फखर जमान- भारत के खिलाफ फखर का बल्ला खूब चलता है। उन्होंने 2017 की चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत के खिलाफ धुआंधार शतक लगाकर टीम को मैच में जीत दिला दी थी। फखर ने मैच में 106 बॉल में 114 रन बनाए थे। तेज गेंदबाज हो या स्पिन बॉल फखर बड़े-बड़े शॉट लगाने में माहिर हैं।

कमजोरी

विराट कोहली- ऑफ स्टंप से बाहर जा रही गेंद के सामने फंसते हैं और कई बार इस बॉल पर आउट हो चुके हैं। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज और लेग स्पिनर को अच्छी तरह से नहीं खेल पाते हैं।

फखर जमान- फिटनेस उनका साथ नहीं दे रही है। चोट से उबर के आ रहे हैं। फॉर्म भी उनके साथ नहीं है। इनस्विंग बॉल खेलने में काफी परेशानी होती है।

मजबूती

सूर्यकुमार यादव- 2022 में इस खिलाड़ी का प्रदर्शन कमाल रहा है। उन्होंने इस साल 184 की स्ट्राइक रेट से 801 रन बनाए हैं। सूर्या टीम इंडिया के 360 डिग्री खिलाड़ी हैं। हर तरह के शॉट खेलने में सूर्या माहिर हैं। स्पिन और तेज गेंदबाजों के खिलाफ नटराजन से लेकर हेलिकॉप्टर शॉट तक लगा लेते हैं।

हैदर अली- पाकिस्तान सुपर लीग में इस खिलाड़ी का जलवा रहता है। बड़े-बड़े शॉट खेलने में माहिर हैदर 31 मुकाबलों में 497 रन बना चुके हैं। हैदर इस वर्ल्ड कप में टीम के मध्यक्रम में सबसे बेहतरी बल्लेबाज साबित हो सकते हैं।

कमजोरी-

सूर्यकुमार यादव- बाएं हाथ के तेज गेंदबाज के सामने अच्छा परफॉर्म नहीं कर पाते। बड़े मुकाबलों में प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा।

हैदर अली- खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं। इस साल 10 मैच में 11 की औसत से सिर्फ 91 रन बनाए हैं।

मजबूती

हार्दिक पंड्या- स्पिन बॉलिंग में गति पर नियंत्रण, टप्पा सही जगह पर गिराते हैं। अच्छे फिनिशर हैं।

शादाब खान- स्पिन गेंदबाजों को बड़े-बड़े छक्के लगाते हैं। तेजी से रन बनाने के लिए इन्हें पाकिस्तान की टीम बल्लेबाजी क्रम में ऊपर भी भेजती है। जब भी जरूरत पड़े टीम को विकेट निकाल के देते हैं।

कमजोरी

हार्दिक पंड्या- ऑस्ट्रेलिया में असर कम। 10.91 की इकोनॉमी से रन देते हैं। चोट पीछा नहीं छोड़ती 2021 के वर्ल्ड कप में चोट के कारण गेंदबाजी नहीं कर पाए थे।

शादाब खान- शुरू के ओवर में रन पड़ जाए तो वापसी नहीं कर पाते हैं। भारत के खिलाफ इस खिलाड़ी का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। 3 टी-20 मुकाबलों में 3 विकेट ही ले पाए हैं।

मजबूती
दिनेश कार्तिक- टीम इंडिया के फिनिशर कार्तिक ने इस साल 150.82 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं। आखिरी ओवरों में कार्तिक बड़े-बड़े शॉट लगा सकते हैं। टीम इंडिया ने उन्हें मैच को खत्म करने का रोल दिया है, जिसे वो बहुत ही शानदार तरीके से निभा रहे हैं।

इफ्तिखार अहमद- इफ्तिखार गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों में पाकिस्तान से योगदान करते हैं। बल्लेबाजी में वो एंकर का रोल निभाते हैं। वहीं, बॉलिंग में वो बीच के ओवरों में विकेट निकाल के देते हैं।

कमजोरी

दिनेश कार्तिक- कार्तिक ने बड़े टूर्नामेंट में अभी तक कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया है। IPL 2022 के बाद ही टीम मैनेजमेंट ने उन पर भरोसा जताया है। इससे पहले वो टीम का हिस्सा भी नहीं थे।

इफ्तिखार अहमद- इस साल इफ्तिखार बल्ले से फ्लॉप रहे हैं। उन्होंने इस साल 117 की औसत से 282 रन बनाए हैं।

मजबूती

अक्षर पटेल- पावर प्ले और मिडिल ओवर में अच्छी गेंदबाजी करते हैं और विकेट निकाल के देते हैं। जरूरत पड़ने पर बल्लेबाजी भी कर सकते हैं। 2022 में क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में अच्छा प्रदर्शन किया है।

मोहम्मद नवाज- इस साल 137 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी की है। गेंद को बांउड्री के बाहर भेजने में माहिर हैं। गेंदबाजी में पॉवर-प्ले में खतरनाक हो जाते हैं। अपनी स्पिन गेंदबाजी से टॉप बल्लेबाजों को पवेलियन भेज देते हैं। इस साल उन्होंने 18 मैच में 19 विकेट झटके हैं।

कमजोरी

अक्षर पटेल- बड़े टूर्नामेंट में खेलने का अनुभव नहीं है। वर्ल्ड कप की टीम में भी रवींद्र जडेजा के चोटिल होने के बाद आए हैं।

मोहम्मद नवाज- एक दो बांउड्री लगने के बाद शॉट पिच पर बॉलिंग करने लगते हैं। बल्लेबाज इसका फायदा उठाता है और बड़े-बड़े शॉट लगाता है। इस साल उन्होंने लगभग 8 की इकोनॉमी से रन दिए हैं।

मजबूती

भुवनेश्वर कुमार- बॉल को स्विंग कराने में माहिर हैं। पावर प्ले में टीम को विकेट निकालकर देते हैं। टी-20 क्रिकेट में 10 साल का अनुभव है। एशिया कप में टीम इंडिया के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं।

हारिस रऊफ- इस साल पाकिस्तान का ये तेज गेंदबाज शानदार फॉर्म में है। 16 मैच में इस खिलाड़ी ने 20.21 की औसत से 23 विकेट झटके हैं। हारिस 145 से 150 के स्पीड में गेंदबाजी कर सकते हैं।

कमजोरी

भुवनेश्वर कुमार- डेथ ओवरों में बहुत महंगे साबित होते हैं। बड़े टूर्नामेंट में इनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ उनके डेथ ओवर में खराब गेंदबाजी के कारण ही टीम को हार का सामना करना पड़ा था।

मजबूती

अर्शदीप सिंह- युवा गेंदबाज हैं। डेथ ओवर और पावर प्ले में शानदार गेंदबाजी करते हैं।

नसीम शाह- एशिया कप में अपनी शानदार गेंदबाजी से सबको प्रभावित किया। 145 की स्पीड से गेंदबाजी कर सकते हैं। बड़े-बड़े छक्के लगाने मे माहिर हैं।

कमजोरी

अर्शदीप सिंह- ऑस्ट्रेलिया में खेलने का अनुभव नहीं है। शुरुआती ओवर में रन पड़ने के बाद वापसी करने में मुश्किल होती है।

नसीम शाह- एक बार लाइन लेंथ खराब हो जाए तो कोई भी बल्लेबाज बड़े शॉट खेल सकता है।

मजबूती

मोहम्मद शमी- सीम और स्विंग दोनों गेंदबाजी करने में माहिर हैं। ऑस्ट्रेलिया में खेलने का अनुभव भी है।

शाहीन अफरीदी- भारत के बल्लेबाजों को परेशान कर सकते हैं। रोहित-राहुल को बाएं हाथ के गेंदबाजों को खेलने में परेशानी आती है। डेथ और शुरू के ओवरों में असरदार साबित होते हैं।

कमजोरी

मोहम्मद शमी- 1 साल बाद इंटरनेशनल टी-20 क्रिकेट में वापसी कर रहे हैं। टी-20 इंटरनेशनल क्रिकेट में इकोनॉमी 10 की है।

शाहीन अफरीदी- आखिरी ओवरों में महंगे साबित होते हैं। यॉर्कर फेंकने के चक्कर में बॉल शॉट रह जाती है और बल्लेबाज बांउड्री के बाहर बॉल भेज देते हैं।

मजबूती

युजवेंद्र चहल- ऑस्ट्रेलिया के बड़े मैदान पर उनके खिलाफ रन बनाना मुश्किल होगा। टी-20 क्रिकेट में दुनिया के सबसे शानदार लेग स्पिनरों में से एक हैं। ऑफ स्टंप के बाहर फेंक कर बड़े-बड़े बल्लेबाजों को परेशान करते हैं।

मोहम्मद हसनैन- युवा गेंदबाज हैं और स्पीड 140 के ऊपर है। बिग बैश लीग में खेलने का भी अनुभव है।

कमजोरी

युजवेंद्र चहल- इस साल फॉर्म साथ नहीं दे रहा है। 19 टी-20 मैच में 21 विकेट ही ले पाए हैं। इकोनॉमी भी 7 से ज्यादा है।

मोहम्मद हसनैन- गेंदबाजी एक्शन को लेकर सवाल उठ चुके हैं। ऐसे में एक्शन बदलने के बाद ज्यादातर मैचों में महंगे साबित होते हैं।

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