
लखनऊ। अधिवक्ता परिषद अवध हरदोई द्वारा संविधान दिवस के अवसर पर “वर्तमान परिप्रेक्ष्य में भारतीय संविधान” विषय पर गोष्ठी आयोजित की गईं |
समता पब्लिक स्कूल के बच्चों ने राष्ट्रगीत से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ लगभग एक घंटे के उद्बोधन में मुख्य वक्ता अश्वनी उपाध्याय ने अपने उद्बोधन में बताया भारत में ज़ब तक क़ानून का खौफ नहीं होगा, तब तक भारत सुरक्षित नहीं होगा, भारत बचाने की जिम्मेदारी अध्यापक और अधिवक्ता की है इन दोनों के प्रयास से भारत में बड़ा परिवर्तन आ जाएगा,भारत में क़ानून का राज है और क़ानून ही घटिया है इसलिए भारत सुरक्षित नहीं है, देश को सुरक्षित करने के लिए न्याय पालिका को भ्र्ष्टाचार मुक्त होना पड़ेगा, देश में अनुच्छेद 352 का प्रयोग करके इमरजेंसी लगानी चाहिए किन्तु इमरजेंसी का प्रयोग प्रधानमंत्री की कुर्सी बचाने के लिए नहीं राष्ट्र बचाने के लिए होना चाहिए,सरकार से आग्रह है विकास बहुत हुआ अब देश सुरक्षित होना चाहिए,बाहर से सुरक्षा की दीवार बने, और अंदर क़ानून की दीवार मजबूत हो | विदेशी फंडिंग से देश में भारी पैमाने पर धर्मा आंतरण हो रहा है, जिससे देश को खतरा है |
विशिष्ट अतिथि पीसी राय ने बताया कि 1992 में उत्तर प्रदेश में अधिवक्ता परिषद का गठन हुआ,अधिवक्ता परिषद अधिवक्ताओं के लिए राष्ट्रवादी संगठन है | विशिष्ट अतिथि आनंद शुक्ला ने बताया कि अधिवक्ता परिषद की उतपत्ती न्याय दिलाने के लिए की गईं, धर्म सिर्फ सनातन है, धर्म का मतलब कर्तव्य पालन है, हम अब अपने धर्म का पालन करते हुए पीड़ित और वँचित को न्याय दिलाने के लिए संकलपित हों | भारतीय संविधान का उलंघन हो रहा है, इसमें सुधार की आवश्यकता है |
विशिष्ट अतिथि अश्वनी त्रिपाठी ने कहा राष्ट्र हितों के संरक्षण के लिए अधिवक्ता परिषद को सांस्कृतिक आतंकवाद से मुक्त कराना होगा |मुख्य अतिथि देश रत्न शुक्ला,पूर्व सम्पादक पानजन्य,अन्य मजहब सनातन और हिंदुत्व को समाप्त करने की मिशनरी में लगे हुए है, सनातन धर्म को खतरा हिन्दुओं से ही है, इस खतरे से निपटने के लिए अधिवक्ता परिषद को जुटना होगा, संविधान दिवस मनाने की कल्पना ही इसलिए की गईं कि अधिवक्ता जागरूक हो अधिवक्ता प्रोफेशन के लिए नहीं मिशन के रूप में कार्य करना है |
कार्यक्रम का संचालन महामंत्री राहुल सिंह ने किया अध्यक्षता डा सतेन्द्र सिंह ने की, कार्यक्रम में मुख्य रूप से एडवोकेट सुनीत बाजपेई, दीपक गुप्ता,कौशलेन्द्र सिंह, उमेश गुप्ता, लक्ष्मी कांत तिवारी, मानवेन्द्र सिंह, कर्मवीर सिंह, गौरव भदौरिया, अशोक सिंह आजाद, राघवेंद्र सिंह, विश्वराज सिंह आदि मौजूद रहे |











