कानपुर : एक हजार टन सोने की भविष्यवाणी करने वाले शोभन सरकार बाबा हुए ब्रह्मलीन, जानिए इनके बारे में सब कुछ…

  • ब्रह्मलीन होने की खबर पाते ही लॉकडाउन में भी आश्रम में भक्तों का लगा तांता
  • चौबेपुर स्थित सिंहोडे आश्रम में ले जाया गया बाबा का पार्थिव शरीर


कानपुर। सात साल पहले उन्नाव में एक हजार टन सोने की भविष्यवाणी कर राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय मीडिया में सुर्खियों में रहने वाले विरक्तानंद जी महाराज (शोभन सरकार) बुधवार को ब्रह्मलीन हो गये। उन्होंने अपने आश्रम स्थित आरोग्यधाम अस्पताल में अंतिम सांस ली। शोभन सरकार के ब्रह्मलीन होने की खबर जैसे ही भक्तों में लगी तो लॉकडाउन की परवाह किये बिना भक्तों का तांता आश्रम में लगने लगा। राजनेताओं, समाजसेवियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने भी बाबा के अंतिम दर्शन किये और उनके पार्थिव शरीर को चौबेपुर स्थित दूसरे आश्रम सिंहोडे ले जाया गया जहां पर अंतिम संस्कार होगा।

उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात के शिवली स्थित विख्यात शोभन सरकार के महंत 1008 स्वामी विरक्तानंद जी महाराज (शोभन सरकार) 71 वर्ष की उम्र में बुधवार को ब्रह्मलीन हो गये। उन्होंने बुधवार को अपने आश्रम स्थित आरोग्यधाम अस्पताल में अंतिम सांस ली। इन्होंने सात साल पहले पड़ोसी जनपद उन्नाव के डौंडियाखेड़ा गांव में एक हजार टन सोने के भंडार की भविष्यवाणी की थी और नेशनल से लेकर इंटरनेशनल की मीडिया में चर्चा में आये थे। उनके देहांत की खबर लगते ही इलाके में शोक की लहर दौड़ गई और लोगों की भीड़ कोरोना संक्रमण का खौफ भूलकर आश्रम की ओर उमड़ पड़ी।

11 साल की उम्र में वैराग्य धारण कर छोड़ दिये थे घर

शिवली थानाक्षेत्र के शुक्लन पुरवा के रहने वाले पंडित कैलाश नाथ तिवारी के घर जन्मे सूर्यभान तिवारी बचपन से ही पूजा पाठ में लगे रहते थे। इसी के चलते 11 साल की उम्र में उन्होंने वैराग्य धारण कर लिये और शोभन सरकार आकर पूजा पाठ करने लगे। यहां के महंत रघुनंदन स्वामी ने उनकी सेवा भाव को देख 1970 में महंत की पदवी प्रदान कर शोभन सरकार की पूरी जिम्मेदारी सौंप दी। शोभन सरकार ने गांव के लोगों के लिए कई तरह के जनहित के काम किए हैं। यही वजह है कि गांव वाले भी उन्हें अब भगवान की तरह मानने लगे हैं। कानपुर ही नहीं आसपास के कई जिलों तक में उनके भक्त हैं।

सोने की भविष्यवाणी से सुर्खियों में आए

शोभन सरकार ने वर्ष 2013 में उन्नाव जिले के डौंडियाखेड़ा गांव में राजा राव रामवख्श के खंडहर हो चुके महल में एक हजार टन सोने का भंडार होने का सपना देखने का दावा किया था। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेजों ने महल पर कब्जा कर राजा राव रामबख्श को फांसी दे दी थी। उन्होंने प्रदेश सरकार को जानकारी दी थी इस महल के भूगर्भ में हजारों टन सोना दबा है। इसके बाद एएसआई ने 18 अक्टूबर को राजा राव रामबख्श के खंडहर महल में खुदाई शुरू कराई। जियोलॉजिकल ऑफ इंडिया ने एएसआई को 29 अक्टूबर को रिपोर्ट दी थी, जिसमें उसने कहा था कि महल के नीचे सोना, चांदी या अन्य धातु दबी हो सकती है। करीब एक महीने तक चली खोदाई का काम काम 19 नवंबर, 2013 को पूरा हुआ, लेकिन सोना का भंडार न मिलने पर खोदाई को रोक दिया गया था।

सरकार की हुई थी किरकिरी

बता दें शोभन सरकार के सपने के आधार पर खजाने की खोज पर केंद्र व प्रदेश सरकार की खूब किरकिरी भी हुई थी। तत्कालीन विहिप के नेता अशोक सिंघल ने कहा था कि सिर्फ एक साधु के सपने के आधार पर खुदाई करना सही नहीं है। खजाना मिलने से पहले ही इसके कई दावेदार भी सामने आ गए थे। राजा के वंशज ने भी उन्नाव में डेरा जमा दिया था। ग्रामीणों ने भी उस पर दावा किया था जिसके बाद तत्कालीन केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया था कि खजाने पर सिर्फ देशवासियों का हक होगा। उधर तत्कालीन समाजवादी पार्टी की सरकार ने कहा था कि खजाने से निकली संपत्ति पर राज्य सरकार का हक होगा।

आसपास के कई जिलों तक में फैले हैं उनके भक्त
शोभन सरकार का वास्तविक नाम महंत विरक्ता नन्द था। इनका जन्म जन्म कानपुर देहात के शिवली में हुआ था। पिता का नाम पंडित कैलाशनाथ तिवारी था। कहते हैं कि शोभन सरकार को 11 साल की उम्र में वैराग्य प्राप्त हो गया था। शोभन सरकार ने गांव के लोगों के लिए कई तरह के जनहित के काम किए हैं। यही वजह है कि गांव वाले भी उन्हें अब भगवान की तरह मानने लगे हैं। कानपुर ही नहीं आसपास के कई जिलों तक में उनके भक्त हैं।

शोभन सरकार के चलते बना था गंगा पुल

वर्ष 2004 में शोभन सरकार ने कानपुर और उन्नाव के बीच एक नया पुल बनाने की मांग की जा रही थी, लेकिन सरकार ने उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया। इसपर शोभन सरकार ने भक्तों के चढ़ावे से पुल बनाने का फैसला किया। हठी शोभन सरकार ने देखते ही देखते कई ट्रक बिल्डिंग मटीरियल खरीद लिया गया। जब यह बात शासन तक पहुंची तो सरकार ने पुल बनवाने की घोषणा की। बाद में शोभन सरकार ने पास ही स्थित प्रसिद्ध देवी स्थल चंद्रिकादेवी का उस राशि से जीर्णोद्धार कराया और वहां एक नया आश्रम भी स्थापित किया।

पुलिस ने संभाला मोर्चा

शोभन सरकार के ब्रह्मलीन होने की खबर जैसे ही उनके भक्तों तक पहुंची तो भक्त लॉकडाउन की बिना परवाह किये आश्रम की ओर चल दिये। आश्रम में भक्तों की भारी भीड़ जमा हो गयी। इसी बीच बाबा के पार्थिव शरीर को उनके दूसरे आश्रम चौबेपुर स्थित सिंहोडे आश्रम ले जाया गया जहां पर भक्तों की भारी भीड़ जमा होने लगी। इस पर कानपुर नगर के प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस मौके पर पहुंच गयी। एसएसपी ने खुद भक्तों को दिशा निर्देश देते रहे और शारीरिक दूरी बनाये रखने की अपील करते रहे। इस दौरान उच्च शिक्षा राज्य मंत्री नीलिमा कटियार, विधायक अभिजीत सिंह सांगा, भगवती सागर, सुरेन्द्र मैथानी सहित प्रशासनिक अमला भी मौजूद है।

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