लखीमपुर खीरी : गन्ने का मूल्य ₹20 प्रति कुंतल बढ़ने पर किसी ने सरकार की सराहना, किसी ने ऊंट के मुंह में जीरा बताया 

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गन्ना किसानों के गन्ने का बीस रुपए प्रति कुंतल मूल्य बढ़ाये जाने के आदेश के क्रम में किसानों ने अलग-अलग प्रतिक्रियाएं व्यक्त की हैं। सरकार द्वारा गन्ना किसानों के मूल्य बीस रु0 प्रति कुंतल बढाया जाना ऊंट के मुंह में जीरे के समान बताया जा रहा है।

मितौली निवासी प्रगतिशील किसान मुकुल मिश्रा ने बताया सरकार द्वारा विषम परिस्थितियों में भी गन्ना किसानों  के गन्ने का मूल्य₹20 प्रति कुंतल बढ़ाया गया। आने वाले समय में भी सरकार गन्ना किसानों के लिए मूल्य बढ़ाने का काम करेगी।

लल्हौआ निवासी  प्रगतिशील किसान उपेंद्र सिंह ने सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गन्ना किसानों के लिए जो कदम उठाया गया है वह सराहनीय है । 

प्रदेश सरकार द्वारा गन्ना किसानों के गन्ने का मूल्य  मात्र ₹20 प्रति कुंतल  बढ़ाए जाने को लेकर कस्ता विधानसभा के पूर्व सपा विधायक सुनील कुमार लाला ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा वर्तमान सरकार ने गन्ना किसानों के साथ दोहरी नीति अपनाते हुए गन्ने का भाव मात्र ₹20 बढ़ाया गया गन्ना किसानों के गन्ने का भाव ₹50 प्रति कुंतल बढ़ाया जाना चाहिए था। भाजपा सरकार द्वारा गन्ना किसानों की पूर्ण रूप से उपेक्षा की गई है। 

क्षेत्रीय किसान पियरा जमुनहिया निवासी शिवकुमार मिश्रा ने बताया सरकार ने गन्ने का भाव मात्र ₹20 प्रति कुंतल बढाकर किसानो की उपेक्षा ही की गई है। कोरोना काल से अब तक किसानों की कमर टूटी हुई है किसान कर्ज के बोझ से दबा हुआ है किंतु सरकार ने किसानों के हित में गन्ने का मूल्य मात्र ₹20 बढ़कर किसानों के आंसू पोछने का प्रयास किया है।

महंगाई दिन भर दिन बढ़ती जा रही है और गन्ने पर लागत भी कई गुना ज्यादा बढ़ गई हैं। गन्ने का रेट उस हिसाब से नहीं बढ़ रहा। इस बार भी जो सरकार ने ₹20 गन्ने के बढ़ाये हैं वे भी किसानों के लिए ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर है। सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए।

अमनदीप सिंह संधू 

प्रदेश महासचिव 

भारतीय किसान यूनियन टिकैत

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