लखीमपुर : 6 माह से नही बांटा गया पोषाहार, पोषाहार कालाबाजारी के चलते हुई शिकायत

बिजुआ खीरी। एक तरफ योगी सरकार द्वारा भ्रष्टाचार पर रोक लगाने को लेकर काफी सक्रिय है, और भ्रष्टाचार के खिलाफ अफसरों को काफी फटकार लगा, भ्रष्टाचार जीरो करने की नीति को बढ़ावा दे रहे हैं। मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार जीरो करने के मंसूबो पर पानी फेरने वाले भ्रष्टाचारी अधिकारियों द्वारा महेशापुर का मामला शांत नही हो पाया की दूसरा नया कारनामा सामने आया है।

ब्लॉक बिजुआ क्षेत्र के ग्राम पंचायत दाऊदपुर में स्थित आंगनवाड़ी केन्द्र पर तैनात आंगनवाड़ी कार्यकत्री की मनमानी के चलते छः माह से पोषाहार नही बांटा गया है।

भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाने को खास प्रयासरत भले नजर आ रहे हैं मुख्यमंत्री जी पर जिला खीरी में बैठे आला अफसर के भ्रष्टाचार के चलते मुख्यमंत्री के आदेशों और प्रयासों का कोई असर नजर नहीं आ रहा है यहां पर हर कोई भ्रष्टाचार की बहती गंगा में हाथ धोते देखा जा सकता है इसका जीता जागता उदाहरण आप विकासखंड बिजुआ में देख सकते है,ताजा मामला ग्राम पंचायत दाउदपुर में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पर तैनात आंगनबाड़ी कार्यकर्ती की मनमानी एवं भ्रष्ट आचरण को देखकर आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं।

बताते चले यहां तैनात आंगनबाड़ी कार्यकर्ती मनोरमा द्वारा विगत 6 माह से पोषाहार का वितरण न करने तथा पोषाहार की बिक्री किए जाने का मामला जन चर्चा का विषय बना है गौर तलब हो कि दाउदपुर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ती मनोरमा पत्नी रघुवीर के द्वारा आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन कभी-कभार ही किया जा रहा है उक्त केंद्र के द्वारा सभी धात्री गर्भवती महिलाओं किशोरियों को मिलने वाला पोषाहार व अन्य सामग्री का 6 माह से वितरण नहीं किया जा रहा है।

महिलाएं ने बताया सामग्री देने सहित पोषाहार के वितरण की बात कहते हैं तो उक्त मनोरमा साफ-साफ कहती हैं कि हम हर महीने आपको पोषाहार व अन्य सामग्री नहीं दे पाएंगे क्योंकि हमें ऊपर भी पैसा देना पड़ता है। तुम जो कार्रवाई करना है करो मनोरमा के इस दुर्व्यवहार से आहत महिलाओं द्वारा कई प्रार्थना पत्र दिए गए लेकिन ऊपर तक पहुंच रहे हिस्से के चलते आज तक कोई कारवाई किया जाना तो दूर जांच करना तक उचित नहीं समझ गया पीड़ित पक्षों द्वारा मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत कर मामले की जांच कर कार्यवाही की मांग की गई।

तो उक्त प्रार्थना पत्र की जांच किए बगैर कार्यालय में बैठे-बैठे मनमानी फर्जी आख्या लगा कर शिकायत का निस्तारण कर दिया गया है उपरोक्त आरोप दर्जनों महिला पुरुषों द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ती एवं उनके सक्षम अधिकारियों पर लगाए गए हैं यदि लगाई गई आख्या का ही कर लिया जाए अध्ययन तो बाल विकास परियोजना अधिकारी बिजुआ के द्वारा लगाई गई रिपोर्ट की सच्चाई खुलकर सामने आ जाएगी।

फर्जी आख्या लगा शिकायतों का निस्तारण करके शासन प्रशासन को गुमराह करने में महारत हासिल सीडीपीओ पर भी कार्यवाही की आच आना होगा तय और मनोरमा के भ्रष्टाचार का भी होगा पर्दाफाश। ग्रामीणों ने मीडिया के माध्यम से अपनी आवाज सूबे के मुखिया तक पहुंचा कर निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।

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