लखीमपुर : रक्षक ही बने भक्षक – पोषाहार वितरक ही बन रहे गर्भधात्री और नवजात शिशुओं के दुश्मन

बिजुआ खीरी। नवजात शिशुओं व बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए सरकार द्वारा उचित पोषाहार वितरण कर प्रत्येक गर्भधात्री व शिशुओं को लाभान्वित कराया जाता है, ताकि जन्म से लेकर पांच वर्ष तक के बच्चों को कुपोषण से बचाया जा सके।

सरकार द्वारा आ रही सुविधाओ को उन तक पहुंचाने वाले कर्मचारियों का एक नया कारनामा सामने आया है, जिसमे बिजुआ ब्लॉक के ग्राम पंचायत महेशापुर की आंगनवाड़ी सरोजनी देवी ने गर्भधात्री व बच्चों को एक्सपायर रिफाइण्ड , चने की दाल व दलिया का विरतण कर दिया। लाभार्थियों ने इस मामले को शोशल मीडिया के माध्यम से वायरल कर इस जानकारी उच्च अधिकारियों तक पहुंची , जिसमे उच्च अधिकारियों ने मामले को संज्ञान लिया, सीडीपीओ भीरा ने जांच हेतु सुपरवाइजर को गाँव भेजा। सोचनीय विषय यह है की एक्सपायरी डेट का पोषाहार आया तो आया कहां से? क्या एक्सपायरी डेट पर किसी भी अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया? ग्रामीणों में बिना देखे ही वितरण कर दिया।

इस विषय मे जब आंगनवाड़ी कार्यकत्री से जानकारी लेनी चाही तो उनके पति द्वारा बताया गया कि पिछले माह सितम्बर में इस पोषाहार सामग्री का उठान किया गया था, हम लोगो ने बिना देखें ही वितरण कर दिया है, यह पोषाहार सामग्री हमे भीरा केन्द्र द्वारा प्राप्त हुई थी जिसे मैंने बांटा है। लाभार्थियों के माध्यम से हमे पोषाहार सामग्री के एक्सपायर होने की जानकारी मिली है। जिसकी जाँच के लिए भीरा से मैडम आई है।

जांच करने पहुंची सुपरवाइजर शिवरानी ने बताया यह एक्सपायरी पैकेट यहां से ले जाओ इनकी जरूरत नहीं है और वीडियो मत बनाओ फोटो भी कोई न खींचे मीडिया कर्मी हो तो पहले हमें अपना आई कार्ड लाओ ऐसा कहकर सुपरवाइजर ने लोगों के बयान नहीं लिए और न ही लोगों की समस्या और आंगनवाड़ी के पति के इशारे पर ग्राम प्रधान के घर बैठकर मनमानी रिपोर्ट भेज दी। ग्रामीणों का आरोप है कि पुनःआंगनवाडी के पति ने केंद्र पर आकर मौजूद शिकायतकर्ताओं से कहा मेरा कुछ नहीं कर पाओगे, ऐसे पता नहीं कितनी बार शिकायतें हुई हैं एक फोन आएगा बस अधिकारियों के दिमाग दुरुस्त हो जाएंगे।          

 वर्जन – मिथलेश वर्मा (सीडीपीओ भीरा)

यह मामला ग्राम पंचायत महेशापुर का है, इसकी जांच के लिए मैंने सुपरवाइजर व अन्य दो लोगो को जांच के लिए भेजा था, उन्होंने आख्या दी है कि आंगनवाड़ी ने बताया है कि हमे कार्यालय से मिले हैं, तो उनको कल हम बुला रहे है रिकॉर्ड के साथ में , हालांकि 100 पर्सेंट झूठ बोल रही है, वर्कर रजिस्टर मंगाएंगे, मोबाइल मंगाएंगे। मोबाइल से वेरिफिकेशन करेंगे कि किसको कब कितना राशन मिला है। अब हम इस मामले की तह तक जायेंगे, क्योंकि आंगनवाड़ी ने मुझ पर इल्जाम लगाया है कि एक्सपायर पैकेट कार्यालय से दिए गए हैं। अब आंगनवाड़ी ये फ्रूफ करें कि ये एक्सपायर पैकेट कार्यालय से उठाए गए हैं। कहाँ फरवरी के पोषाहार और इस समय अक्टूबर चल रहा है। फिलहाल जाँच ठीक नहीं है, हम अपने स्तर से जांच करेंगे।

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