महाराष्ट्र में सत्ता संघर्ष तेज हो गया है। शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत ने दोटूक कहा है कि मुख्यमंत्री तो शिवसेना का ही होगा। सूबे की जनता की भी यही इच्छा है। शिवसेना के पास विधायकों की पर्याप्त संख्या है। शिवसेना प्रवक्ता ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा, मतगणना को 8 दिन बीत गए हैं और भाजपा अभी तक सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू नहीं कर पाई है। अगर भाजपा के पास बहुमत है तो उसे सरकार का गठन करना चाहिए।
*साहिब…*
*मत पालिए, अहंकार को इतना,*
*वक़्त के सागर में कईं,*
*सिकन्दर डूब गए..!*— Sanjay Raut (@rautsanjay61) November 1, 2019
राऊत ने कहा कि भाजपा की ओर से अभी तक किसी भी तरह का प्रस्ताव शिवसेना को नहीं मिला है। शिवसेना को सत्ता में बराबर यानी आधी भागीदारी चाहिए। इस बाबत भाजपा की ओर से अधिकृत प्रस्ताव नहीं आया है। राऊत ने कहा कि वह व्यापारी नहीं हैं कि सत्ता के लिए सौदेबाजी करें। राऊत ने साफ शब्दों में कहा कि मुख्यमंत्री पद शिवसेना को चाहिए।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को सत्ता गठन की प्रक्रिया के तहत ही शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार से मिले थे। हालांकि संजय राऊत ने पत्रकारों को बताया था कि वह किसानों की समस्या को लेकर शरद पवार और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिले। मगर सब जानते हैं कि शिवसेना राज्य में गैर भाजपा सरकार बनाने का प्रयास कर रही है।
राकांपा विधायक दल के नेता अजीत पवार ने कहा है कि शरद पवार व संजय राऊत के बीच हुई बातचीत की जानकारी उन्हें नहीं है। राकांपा विपक्ष में ही रहेगी। इसी तरह की प्रतिक्रिया पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे ने दी है। शिंदे ने कहा कि कांग्रेस विपक्ष में बैठने की भूमिका पहले ही स्पष्ठ कर चुकी है, उसमें किसी भी तरह का बदलाव नहीं हुआ है।
केंद्रीय राज्यमंत्री रावसाहेब दानवे ने कहा कि भाजपा और शिवसेना ही मिलकर सरकार का गठन करेंगी। इसे लेकर दोनों दलों में चर्चा चल रही है और बहुत जल्द निर्णय किया जाएगा। राज्य के वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि भाजपा व शिवसेना के नेताओं में चर्चा का दौर जारी है। जल्द राज्य में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार का गठन कर लिया जाएगा।
गुरुवार को शिवसेना विधायक दल की बैठक में शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने अपने संबोधन में मुख्यमंत्री पर नाराजगी व्यक्त की थी। ठाकरे ने कहा था कि वह सभी को अपना मित्र मानते हैं, लेकिन उन्हें झूठा कहा गया है। इसके बाद सभी शिवसेना विधायकों ने सरकार गठित करने के लिए शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को अधिकृत कर दिया था। इसके बाद ही शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से मिले थे।
जानकारी के अनुसार शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मतगणना के दिन कहा था कि सत्ता में फिफ्टी-फिफ्टी का समझौता अमित शाह ,मुख्यमंत्री और उनके बीच हुआ है और उसी समझौते के अनुसार ही राज्य में सरकार का गठन होगा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दीपावली मिलन कार्यक्रम में पत्रकारों से अनौपचारिक चर्चा में कहा था कि इस तरह का कोई समझौता नहीं हुआ है। इस बात से शिवसेना अध्यक्ष नाराज बताए जा रहे हैं।