महोबा: मध्य प्रदेश की कॉक्स डिस्लरी में छोड़े जा रहे दूषित पानी की ग्राम प्रधान ने की शिकायत

महोबा। मध्य प्रदेश की कॉकस डिस्लरी से छोडें जा रहे जहरीले पानी से उत्तर प्रदेश के आधा दर्जन गांवों में फेल रहे प्रदूषण के संबंध में ग्राम प्रधान धवर्रा सोनम खरे के द्वारा अनुविभागीय दंडाधिकारी नौगांव को शिकायती पत्र देकर समस्याओं से अवगत कराया जिसके संबंध में अनुविभागीय अधिकारी के द्वारा के द्वारा संबंधित विभाग आबकारी निरीक्षक को कार्यवाही हेतु व काक स्टेशनरी के प्रबंधक को तीन दिन में जवाब देने के लिए कारण बताओ नोटिस किया जारी।

ग्राम प्रधान सोनम खरीदने दिए गए प्रार्थना पत्र में स्पष्ट रूप से बताया कि इस दूषित पानी को सीलप नदी में छोड़े जाने से जनजीवन प्रभावित हो रहा है जहां एक और गोवंश बीमार होने के साथ-साथ बीमारी से ग्रसित होकर मर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर इसकी दुर्गंध से कई असाध्य रोगों से ग्रामीण ग्रसित हो रहे हैं इसलिए इस दूषित पानी का समाधान किया जाना अति आवश्यक है। डिसलरी के दूषित जहरीले पानी से कूपों व चेक डैमों का पानी भी लाल हो गया है।

इस पानी से फसलों को भी हो रही है काफी क्षति

यह मामला मध्य प्रदेश हुआ उत्तर प्रदेश से जुड़ा है जिस कारण हर बार जांच अधर में लटक जाती है नौगांव में स्थित कॉकस डिशलरी जिसमें अंग्रेजी शराब व बीयर बनाई जाती है जिसके उत्पादन में जो वेस्ट मटेरियल निकलता है वह सीलप नदी में डाल दिया जाता है जो नदी मध्य प्रदेश में उत्तर प्रदेश के बॉर्डर से होते हुए धसान नदी में मिल जाती है जिससे नदी के तटवर्ती गांव जो उत्तर प्रदेश से संबंधित हैं जिनमें धवरॉ, गढ़िया, घिसल्ली, चंद्रपुरा, गंज ,रावतपुरा गरौली गांव के लोगों को नरक का जीवन व्यतीत करना पड़ रहा है साथ ही उनके जानवर भी इस पानी को पी कर बीमार होकर मर रहे हैं ।

मामला मध्य प्रदेश में उत्तर प्रदेश के बीच फंसा हुआ है इसलिए न उत्तर प्रदेश वाले अधिकारी कुछ कर रहे हैं न ही मध्य प्रदेश वाले कुछ कर रहे हैं दोनो सरकारों के बीच यहां के निवासी पिस रहे है। आम जनता जो इस नर्क में रहने को मजबूर है जहां हम 5 मिनट खड़े होकर सांस भी नहीं ले सकते उस जहरीले वातावरण में इन गांव वालों को जीवन यापन करना पड़ रहा है और मजबूरी में रहना भी पड़ रहा है कई बार अधिकारियों से शिकायत के बावजूद भी कोई निष्कर्ष नहीं निकला। धवर्रा गांव के निवासी बताते हैं कि हमारे जानवर व गांव के लोग इस नदी के पानी का कई तरीकों से उपयोग करते हैं जिससे हमारा स्वास्थ्य खराब हो जाता है व हमारे जानवरों की बीमारी मुख्य कारण है ।

हम लोग बहुत परेशान हैं और बताते हैं कि कई बार हम शिकायत भी कर चुके हैं पर कोई सुध नहीं ले रहा। विगत कुछ माह पहले इस समस्या को लेकर उत्तर प्रदेश के गांव के निवासियों सहित नौगांव के लोगों ने एक साथ मिलकर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा जिसका संज्ञान लेकर उप जिलाधिकारी नौगांव ने दस विभागों को कारण बताओ नोटिस जारी किया।

जिनमें मुख्यता नियंत्रक क्षेत्रीय कार्यालय प्रयोगशाला मध्य प्रदेश, विभागीय अधिकारी लोक यांत्रिकी विभाग, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत नौगांव, तहसीलदार, वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र, वरिष्ठ कृषि अधिकारी ,पशु चिकित्सा अधिकारी , आबकारी निरीक्षक ,खाद्य एवं औषधि विभाग को नोटिस जारी कर तत्काल जवाब मांगा गया है लेकिन किसी प्रकार की कोई कार्यवाही न होने से ग्राम प्रधान सोनम खरे ने पुनः अनुविभागीय दंडाधिकारी नौगांव से शिकायत की है। लगभग 25 वर्षों से विषैले पानी का दंश झेल रहे ग्रामीणों को अब शासन प्रशासन से कुछ उम्मीद जग रही है लेकिन देखना यह है कि क्या कार्यवाही अमल में लाई जाएगी या नहीं।

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