मैनपुरी : अखिलेश ने मुलायम की कर्मभूमि को चुना सियासी अखाड़ा

मैनपुरी। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने लिए सियासी अखाड़ा चुन लिया है। आजमगढ़ लोकसभा सीट से इस्तीफा देकर अखिलेश ने साफ कर दिया कि पिता मुलायम सिंह यादव की कर्मभूमि से ही आने वाले पांच साल तक वह सियासी दांव चलेंगे। उनके इस निर्णय ने राजनीति के पंडितों को भी चैंका दिया है।

आजमगढ़ की लोकसभा सीट से इस्तीफा दे सबकों चैंकाया

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। ये वही करहल है जिसे मुलायम सिंह यादव की कर्मभूमि कहा जाता है। पिता की कर्मभूमि अब विरासत के रूप में बेटे अखिलेश के हाथों में पहुंच गई है। इस विरासत को सहेजने के लिए अखिलेश यादव को आजमगढ़ लोकसभा सीट से इस्तीफा देने जैसा बड़ा निर्णय लेना पड़ा।

प्रदेश में सपा को बहुमत न मिलने के बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि अखिलेश यादव विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे लेकिन अखिलेश ने अपने फैसले से सबको चैंका दिया। उन्होंने मंगलवार को आजमगढ़ सीट से लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। आने वाले पांच साल तक अखिलेश यादव करहल के अखाड़े से ही उत्तर प्रदेश की सियासत करेंगे। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव और आगामी विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि भी करहल से ही तैयार करेंगे। उनके इस निर्णय से जिले के सपा कार्यकर्ताओं में खुशी है।

आजमगढ़ के कार्यकर्ताओं को संदेश

करहल से विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद से अखिलेश यादव के मन में आजमगढ़ को लेकर दुविधा की स्थिति थी। पहली बार करहल में छह मार्च को जनसभा करने आए अखिलेश ने मंच से यह संदेश भी दिया था। उन्होंने कहा था कि आजमगढ़ के कार्यकर्ता मायूस न हों, करहल और सैफई मेरा घर है, आजमगढ़ भी दूर नहीं है। आजमगढ़ भी मेरा घर ही है।

सपा कार्यकर्ताओं ने की थी अपील

करहल विधानसभा क्षेत्र के सेक्टर और बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं के साथ अखिलेश यादव ने 19 मार्च को सैफई में बैठक की थी। इसमें होली की शुभकामनाओं के साथ ही आगे की रणनीति पर भी मंथन हुआ था। इसमें कार्यकर्ताओं ने अखिलेश यादव से अपील की थी कि वे करहल की सीट न छोड़ें।

प्रशासन के लिए राहत की खबर

अखिलेश द्वारा आजमगढ़ लोकसभा सीट से इस्तीफा दिए जाने के बाद जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली है। अखिलेश अगर करहल विधानसभा सीट से इस्तीफा देते तो यहां उप चुनाव कराना पड़ता। इसमें प्रशासन को फिर से मशक्कत करनी पड़ती। जब प्रशासन को पता चला कि उपचुनाव नहीं होगा तो अधिकारी भी बेफिक्र हो गये हैं।

सपा कार्यकर्ताओ में खुशी

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करहल विधानसभा क्षेत्र की सदस्यता से इस्तीफा न देने के फैसले से सपा कार्यकर्ता खुश हैं। पूर्व राज्यमंत्री सुभाषचंद्र यादव, पूर्व विधायक सोबरन सिंह यादव, जिलाध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव, पूर्व एमएलसी अरविंद यादव, पूर्व विधायक अनिल यादव, नरेशचंद्र भटेले, रामकुमार यादव, राकेश यादव, राहुल यादव, नीरज यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री के निर्णय का स्वागत किया है।

क्या बोले सपा जिलाध्यक्ष

सपा जिलाध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा सीट और मैनपुरी जिले की जनता का सम्मान रखा है। कार्यकर्ताओं की अपील को स्वीकार करते हुए अध्यक्ष ने करहल से विधायक बने रहने का निर्णय लिया है। इसके लिए कार्यकर्ता और पूरी पार्टी उनकी आभारी है।

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