एक अक्टूबर से हुए कई बदलाव, जानिए आप भी नहीं तो…

1 अक्टूबर अपने साथ कई बदलाव लेकर आया है। आज से इनकम टैक्स देने वाले अटल पेंशन स्कीम में निवेश नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा कार्ड पेमेंट के लिए टोकनाइजेशन सिस्टम लागू हो गया है। कॉमर्शियल गैस सिलेंडर भी सस्ता हो गया है। यहां हम ऐसे ही 6 बदलावों के बारे में आपको बता रहे हैं जिनका असर आप पर होगा।

स्कीमब्याज दर (% में)
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम7.6
सुकन्या समृद्धि योजना7.6
PPF7.1
किसान विकास पत्र7.0
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट6.8
टाइम डिपॉजिट6.7
मंथली इनकम स्कीम6.7
रेकरिंग डिपॉजिट5.8
सेविंग अकाउंट4.0
  1. स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स पर मिलेगा ज्यादा ब्याज

​​​​​​सरकार ने पोस्ट ऑफिस की कई स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स पर मिलने वाले ब्याज में बढ़ोतरी की है। 2 साल के टाइम डिपॉजिट पर ब्याज दर को 5.5% से बढ़ाकर 5.7% कर दिया है। 3 साल के टाइम डिपॉजिट पर ब्याज दर को 5.5% से बढ़ाकर 5.8% कर दिया गया है।

सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम पर ब्याज दर अब 7.4% से बढ़कर 7.6% हो गई है। वहीं, मंथली इनकम अकाउंट स्कीम पर अब 6.6% की बजाय 6.7% सालाना ब्याज मिलेगा। इसके अलावा किसान विकास पत्र पर ब्याज दर 6.9% से बढ़कर 7.0% हो गई है।

  1. इनकम टैक्स देने वाले अटल पेंशन स्कीम में निवेश नहीं कर सकेंगे

अब से इनकम टैक्स का भुगतान करने वाले अटल पेंशन योजना का लाभ नहीं ले सकेंगे। मौजूदा नियम के अनुसार 18 साल से 40 साल तक की उम्र का कोई भी भारतीय नागरिक सरकार की इस पेंशन योजना से जुड़ सकता है, भले ही वह इनकम टैक्स भरता हो या नहीं। इस योजना के तहत हर महीने 5 हजार रुपए तक की मासिक पेंशन दी जाती है।

  1. टोकनाइजेशन सिस्टम लागू होगा

कार्ड पेमेंट के लिए टोकनाइजेशन सिस्टम लागू हो गया। इसके लागू होने के बाद मर्चेंट, पेमेंट एग्रीगेटर और पेमेंट गेटवे ग्राहकों की कार्ड से जुड़ी जानकारी को स्टोर नहीं कर सकेंगे। टोकनाइजेशन सिस्टम लागू करने का उद्देश्य ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड को रोकना है। टोकनाइजेशन अनिवार्य नहीं है, लेकिन यह एक ही वेबसाइट या ऐप से बार-बार खरीदारी को आसान बनाता है।

  1. म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले लोगों को नॉमिनेशन डिटेल देना जरूरी

अब से म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले लोगों के लिए नॉमिनेशन डिटेल देना जरूरी होगा। ऐसा नहीं करने वाले निवेशकों को एक डिक्लेरेशन भरना होगा। डिक्लेरेशन में नॉमिनेशन की सुविधा नहीं लेने की घोषणा करनी होगी।

एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) को निवेशक की जरूरतों के अनुसार फिजिकल या ऑनलाइन मोड में नॉमिनेशन फॉर्म या डिक्लेरेशन फॉर्म का विकल्प देना होगा। फिजिकल विकल्प के तहत फॉर्म में निवेशक के सिग्नेचर होंगे, जबकि ऑनलाइन फॉर्म में निवेशक ई-साइन फैसिलिटी का इस्तेमाल कर पाएंगे।

  1. कॉमर्शियल गैस सिलेंडर सस्ता

इंडियन ऑयल की ओर से 1 अक्टूबर को जारी कीमत के मुताबिक 19 किलो का कॉमर्शियल सिलेंडर सस्ता हुआ है। राजधानी दिल्ली में इसकी कीमत 1,885 रुपए से 25.50 घटकर 1859.50 हो गई है। कोलकाता में कीमत 1,995.50 रुपए से 36.5 रुपए घटाकर 1959.00 रुपए कर दी गई है।

इसी तरह मुंबई में इसकी कीमत 1,844 रुपए से 35.5 रुपए कम 1811.50 रुपए और चेन्नई में 2,045 रुपए से 36 रुपए कम होकर 2009 रुपए हो गई है। यह लगातार छठी बार है, जब कीमत में कमी आई है। घरेलू LPG सिलेंडर की कीमत नहीं बदली है। दिल्ली में 14.2 किलो के गैस सिलेंडर की कीमत 1053 रुपए है।

6.डीमैट अकाउंट को लेकर नियमों में बदलाव

आज से डीमैट अकाउंट होल्डर्स के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन जरूरी हो गया है। NSE के अनुसार मेंबर्स को अपनी डीमैट अकाउंट में लॉन-इन करने के लिए एक ऑथन्टिकेशन फैक्टर के रूप में बायोमीट्रिक ऑथन्टिकेशन का इस्तेमाल करना होगा। दूसरा ऑथन्टिकेशन एक ‘नॉलेज फैक्टर’ हो सकता है। यह पासवर्ड, पिन या कोई पजेशन फैक्टर हो सकता है, जिसकी जानकारी सिर्फ यूजर को होती है।

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