नई दिल्ली : पर्यटन के लिए दिल्ली में जुटे भारत, एशिया, यूरोप के 200 से अधिक देशी-विदेशी प्रदर्शक

नई दिल्ली। देश में पर्यटन बढ़ाने के लिए दिल्ली में शुक्रवार को भारत, एशिया, यूरोप अन्य देशों से 200 से अधिक देशी-विदेशी प्रदर्शक जुटे। प्रदर्शनी में हिस्सा लेने वाले प्रदर्शकों एवं प्रख्यात पार्टनर्स में मॉस्को सिटी टूरिज्म कमेटी, सिंगापुर टूरिज्म बोर्ड, श्री लंका कन्वेन्शन ब्यूरो, सेंट पीटर्सबर्ग कन्वेन्शन ब्यूरो और भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय आदि शामिल रहा। इनके साथ गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मेघालय और तेलंगाना के पर्यटन बोर्ड भी प्रदर्शनी में हिस्सा ले रहे हैं। विशेष तौर पर इस दो दिवसीय इस प्रदर्शन का मकसद काम व छुट्टियों के लिए की जाने वाली यात्रा को आसान बनाना है।

भारत में बिजनेस लेजर और एमआईसीई ट्रैवल के लिए प्रमुख प्रदर्शनी बीएलटीएम की शुरूआत आज राजधानी में हुई। बीलेजर ( काम व छुट्टियों के लिए की जाने वाली यात्रा) तथा एमआईसीई (मीटिंग, इन्सेन्टिव, कॉन्फ्रैन्स एवं एक्ज़हीबिशन्स) के लिए बीएलटीएम का आयोजन दिल्ली में किया गया। यह आयोजन कॉर्पोरेट एवं बिजनेस ट्रैवल तथा एमआईसीई के लिए प्रमुख प्लेटफॉर्म की भूमिका निभाता है।

उद्घाटन मौके पर पर्यटन मंत्रालय रीजन डायरेक्टर नार्थ आर के सुमन भी मौजूद रहे। बीएलटीएम के चेयरमैन एंड सीईओ संजीव अग्रवाल ने कहा देश में घरेलू पर्यटन तो बढ़ा है लेकिन अभी भी विदेशी पर्यटकों की संख्या में इजाफा नहीं हो पा रहा है। पर्यटन उद्योग को कोविड से मिला जख्म अभी पूरी तरह से भरा नहीं है। उन्होंने कहा कि जी-20 के सफल आयोजन से इस क्षेत्र में मजबूती मिलेगी और आने वाले समय में टूरिज्म बढ़ेगा, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि पहले अपने प्रोडक्ट को ब्रांड बनाएं। वाइल्ड लाइफ टूरिज्म लोगों को बहुत आ​कर्षित करता है लेकिन इसमें सुधार की बहुत आवश्यकता है।

नेटवर्क ऑफ इंडियन एमआईसीई एजेन्ट्स के चेयरमैन गजेश गिरधर ने कहा कि ‘‘भारत का आउटबाउंड पर्यटन बाजार तेजी से बढ़ रहा है जो 2023 में 15,163.4 मिलियन डॉलर के आंकड़े तक पहुंचने के लिए तैयार है और 2032 तक 11.4 फीसदी सीएजीआर की दर से बढ़ेगा। सरकार द्वारा दिए गए सहयोग के चलते भारत में एमआईसीई पर्यटन सेक्टर तेजी से विकसित हो रहा है। हमारी पर्यटन साईट्स एमआईसीई विकास के अनुरूप हैं। भारत का आउटबाउंड एमआईसीई मार्केट दुनिया के सबसे तेज़ी से विकसित होते बाजारों में से एक है। हमें उम्मीद है कि 2024 तक कोविड से पहले वाले स्तर तक पहुंच जाएगंगे।’’

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