मानसून के दौरान न हो जल भराव से बचाव के लिए पूरे मनोयोग से कार्य करें अधिकारी : डीएम

भास्कर समाचार सेवा
हापुड़। मानसून दस्तक देने वाली है। इस दौरान जल भराव की भी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जिसको ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी मेधा रूपम व मुख्य विकास अधिकारी प्रेरणा सिंह ने सकारात्मक सोच, प्रतिबद्धता व पूरे मनोयोग के साथ उससे बचाव के लिए पहल की है। दोनो अधिकारियों ने इसके लिए स्थानीय निकायों, ग्राम पंचायतों और औद्योगिक क्षेत्रों के लिए कार्य योजना बनाकर नाले और नालियों की समय से ठीक से सफाई कराने के लिए इनसे संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देशित किया है। जिलाधिकारी की ओर से चेतावनी दी गई है कि इस कार्य में लापरवाही बरतने व जल भराव होने पर संबंधित अधिकारियों व
कर्मचारियों के खिलाफ करवाई की जाएगी। दोनो अधिकारी चाहते हैं कि मानसून के सीजन में जलभराव के कारण लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े, जीवन व संपत्ति की क्षति न होने पाए। नगरीय क्षेत्रों में बेहतर साफ सफाई कर जल निकासी की बेहतर व्यवस्था करने की जिम्मेदारी स्थानीय निकायों के प्रभारियों व उनकी टीम की होगी।ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी जिम्मेदारी जिला पंचायत राज अधिकारी, उनकी टीम , ग्राम प्रधान व पंचायत सदस्यों की होगी। औद्योगिक क्षेत्रों में जल भराव के लिए जिम्मेदार यूपीएसआईडीसी के क्षेत्रीय अधिकारी और उनकी टीम की होगी। दोनो अधिकारी चाहते हैं कि सभी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करें और जल भराव के जोखिम को कम करें। आंकलन करें कि जो ड्रेनेज सिस्टम है वह मानसून के समय जल निकासी के लिए पर्याप्त है या नही। गंदगी के कारण जाम तो नही है। क्या ड्रेनेज सिस्टम को अपग्रेड करने की जरूरत है। पिछले 10 सालों का अनुभव किन क्षेत्रों में कितना जल भराव होता रहा है, बचाव के लिए क्या किया जाता रहा है, कितनी वर्षा होती रही है, अब क्या क्या करें कि जल भराव का सामना न करना पड़े। क्या जल भराव के कारण बीमारियां खासकर जल जनित व मच्छर जनित होती रहीं हैं तो इस बार इन बीमारियों का भी जोखिम कम हो। जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी चाहती हैं कि जल भराव के खतरे के प्रति यहां के लोग भी जागरूक हों । व्यक्तिगत, परिवार, और स्वयंसेवी संगठनों के स्तर पर भी जल भराव से निपटने की तैयारी अहम हो सकती है। हमारी तैयारी सभी स्तरों पर जितनी बेहतर होगी, उसका लाभ खतरे से सामना होने पर बेहतर मिलेगा। जोखिम कम होगा, जन व धन की क्षति भी कम होगी। सभी स्तरों पर इसके लिए एक मजबूत दल का गठन स्थानीय स्तर पर कर सके हैं। प्रधान की अध्यक्षता में, सभासद की अध्यक्षता में , रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष की अध्यक्षता में और औद्योगिक संगठनों के अध्यक्ष की अध्यक्षता में दल का गठन कर सकते हैं। इसमें समाज के जागरूक व सकारातमक सोच वाले लोगों को शामिल कर सकते हैं। दोनो अधिकारियों का मानना है कि सरकारी प्रयास में समाज की भी सहभागिता बढ़ चढ़ कर हो तो सफलता में कोई संदेह नही रह जायेगा।
साफ सफाई दल के ये होंगे काम

1- ग्राम, मोहल्ला, वार्ड में सफाई ठीक रहे यह देखना इस दल का काम होगा।

2- सफाई ठीक न रहने पर यह दल निकायों के प्रभारी, सभासद, ग्राम प्रधान व पंचायत सदसय को सूचना देगा।

3- सफाई की स्थिति न सुधरने पर यह दल रिमाइंडर देगा, पंचायती राज विभाग व उच्च
अफसरों और जिला प्रशासन को अवगत करायेगा।

4- जलभराव न होने पाए यह देखना इस दल का काम होगा। जलभराव की जानकारी
ग्राम प्रधान, वार्ड के मेंबर को देने का काम भी यह दल करेगा।

5- गंदगी व जलभराव से वार्ड, ग्राम व मोहल्ले में बीमारी तो नहीं पनपने वाली है
इसका भी आंकलन यह दल करेगा। इसकी जानकारी स्थानीय निकायों के प्रभारी, सभासद, ग्राम प्रधान और वार्ड मेंबर को देगा।

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