योग विद्या से लोग हो रहे स्वस्थ

भास्कर समाचार सेवा

दिल्ली। आधुनिकता की आड़ में अपनी संस्कृति और संस्कारों को ताक में रखे हुवे अनजाने में ही सही हमारी नई पीढ़ी अपने स्वास्थ्य और भविष्य के साथ साथ अपने नैतिक कर्तव्यों को ही विसारे जा रही है। निज स्वार्थ से परे हमें हमारे,देश,समाज एवं प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्यों का भान रखना हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए तभी हमारा भारत विश्वशिखा पर विश्वगुरु की छवि को दृढ़ता से स्थापित हो सकेगा। वहीं वर्तमान में प्रत्यक्ष रूप से ऐसी धरणा को फलीभूत कर रहे है। दिल्ली के निवासी विलक्षण प्रतिभा के धनी विश्व योग गुरु डॉ अनिल जैन जिन्होंने न जाने कितने ही ऐसे लोगों को जो मानसिक एवं शारीरिक रूप विक्षिप्त थे। उन्हें अपनी योग विद्या के तप से शिक्षित करके नया जीवन प्रदान कर नयी सोच एवं सनातन संस्कृति के माध्यम से प्रगाढ़ता के गंतव्य तक पहुंचाया है।


यहीं नहीं डॉ अनिल जैन ने जहाँ कोरोना काल में लोग घरों में बैठे रहे वहीं जैन ने अपनी जान जोखिम में डालकर पीड़ितों की सहायता करने अपनी जान की परवाह नहीं की एवं लोगों को भोजन पानी एवं उनकी जरूरतो को पूरा करने में रात दिन डटे रहकर मानवता ही प्रकृति के लिये भी नायाब प्रयासों को फलीभूत किया और पशु पक्षीयों को भोजन उपलब्ध करा कर चौरासी लाख योनियों में जन्म लेकर एक मानव रूपी जन्म वास्तव में सार्थक कर दिखाया है। आप हमेशा अपने व्यक्तिगत प्रयासों द्वारा असहायो की सहायता करना उन्हें प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराकर मानवता की मिशाल बन कर खड़े हुवें हैं।


डॉ अनिल जैन ने गंगा एवं प्रकृति के प्रति अति संवेदनशील होकर के सरकार से भी जवाब माँगा एवं सरकार द्वारा किये गये कार्यों का ब्यौरा एवं मोयना करने में अपने भारतीय एवं राष्ट्रभक्त होने के उत्तरदायित्वों से कर्तव्य विमुखता कदापि नहीं की
अतः आज के दौर में हमारे बीच आदरणीय जैन जी जैसी महान विभूतियां है। जिन्हे हमें उन्हें अपनी प्रेरणा मान कर उनके इस महान कार्य में सहयोगी बन कर इनके सपने को साकार करने में बढ़ चढ़ के आगे आना हर भारतीय का राष्ट्र के प्रति एवं अपने प्रति परम कर्तव्य होना चाहिए मां भारती के अनन्य भक्त विश्व योग गुरु आदरणीय अनिल जैन जीके पुण्य प्रयासों को नित नई उपलब्धियां प्राप्त होती रहे यहीं हम सभी भारतीयों की शुभकामना है।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें