[ पीड़ित विधवा महिला ]
दैनिक भास्कर ब्यूरो ,
पीलीभीत। विधवा महिला को नौकरी से निकाले जाने के मामले में स्वास्थ्य विभाग की फजियत कराने के बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी मंगलवार को धरना स्थल पर पहुंचे और महिला को आश्वासन देकर धरना समाप्त करा दिया। सीएमओ ने महिला को नौकरी पर वापस लेने की बात कही है।
दीपावली से पूर्व स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय पीलीभीत से निष्कासित महिला बबीता देवी ने झूठे आरोपों के खिलाफ सांकेतिक धरना शुरू किया था। इसके बाद महिला के खिलाफ हुई कार्रवाई की ओर लोगों का ध्यान गया। स्वास्थ्य विभाग की जमकर फजियत हुई।
बताया जाता है कि स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय पीलीभीत के प्राचार्य अनावश्यक रूप से महिला को प्रताड़ित कर रहे थे, इतना ही नहीं चार बरसों से लगातार वार्ड आया की नौकरी कर रही बबीता देवी को विगत 6 अक्टूबर में नवजात शिशु को गिरा देने का आरोप लगाकर नोडल प्रधानाचार्य ने पत्राचार करते हुए 9 अक्टूबर को सेवाएं समाप्त करा दीं।
दीपावली से पहले गरीब विधवा महिला बबीता देवी की नौकरी छीन लेने के मामले में जमकर विरोध हुआ और बबीता देवी ने सांकेतिक धरना दिया। इसके बाद मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आलोक कुमार धरना स्थल पर पहुंचे और उन्होंने महिला को वापस लेने का आश्वासन देकर धरना समाप्त कर दिया। सीएमओ डॉक्टर आलोक कुमार ने बताया कि महिला के लिए शीघ्र ही वापस ले लिया जाएगा।
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