पीएम मोदी 25 फरवरी को करेंगे रायबरेली एम्स का लोकार्पण

देश के जिन पांच एम्स का पीएम मोदी 25 फरवरी को लोकार्पण करेंगे उनमें से एक रायबरेली एम्स भी है। रायबरेली एम्स की नींव रखी गई थी कांग्रेस सरकार में और परवान चढ़ा मोदी सरकार में। वर्ष 2007 में इसे केंद्र की यूपीए सरकार से मंजूरी मिली थी लेकिन राज्य की सरकार कई साल तक ज़मीन ही नहीं उपलब्ध करा पाई। वर्ष 2012 में शहर की सीमा पर स्थित मुंशीगंज चीनी मिल की ज़मीन एम्स के लिए उपलब्ध कराई गई जिस पर आठ अक्टूबर 2013 को यहाँ की सांसद सोनिया गाँधी ने भूमि पूजन किया था।

वर्ष 2009 में केंद्र से नौ सौ करोड़ की मंजूरी भी मिल चुकी थी जिसकी पहली किस्त से बिल्डिंग का काम चल रहा था तभी 2014 में मोदी सरकार आ गई। मोदी सरकार आने के बाद यहाँ एक बार फिर काम ने गति पकड़ी और 13 अगस्त 2018 से ओपीडी शुरू हो गई। काम लगातार जारी रहा और नौ जुलाई 2021 से यहाँ तीन सौ बेड का अस्पताल शुरू हो गया। इसी साल से यहाँ एमबीबीएस के लिए सौ सीटों का भी आवंटन हो गया। वर्तमान समय में एम्स रायबरेली 710 बेड के अस्पताल, अपातकालीन सेवा, एनआईसीयू एमआरयू से लैस है। बीते जनवरी माह से यहाँ नौ ऑपरेशन थिएटर के साथ ही इमरजेन्सी बेड बढ़ाई गई हैं।

मौजूदा समय में यहाँ कैंसर, हृदय रोग, न्यूरो सर्जरी व किडनी का इलाज विशेषज्ञता के साथ आम लोगों को मिल रहा है। माना जा रहा है पीएम मोदी इस संस्थान का जब आगामी 25 फरवरी को लोकार्पण कर देंगे उसके बाद इसके और अधिक विकसित होने की उम्मीद बढ़ जायेगी। आगामी पच्चीस फरवरी को इसके लोकार्पण के दौरान ही 100 बेड का क्रिटिकल केयर ब्लॉक भी शुरू हो जायेगा। इसके शुरू होने से गंभीर बीमारी वाले मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। फिलहाल यहाँ 24 घंटे इमरजेन्सी के साथ ही 29 विभागों की ओपीडी मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है।

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