बचपन से अपनी तरफ आकर्षित करती थी पुलिस की वर्दी

भास्कर समाचार सेवा

खेकड़ा। सफलता की ये ऐसी कहानी है जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। सोचने के लिए मजबूर भी होंगे, कि अगर मन में किसी चीज को पाना हो तो दुनिया का कोई भी काम ऐसा नहीं जिसे आप नहीं कर सकते। बात चूंकि नौकरी से जुड़ी है तो एक सीख इस कहानी से ये भी मिलेगी कि अगर आपमें लगन है तो अपने मुकाम तक पहुँचना कोई मुश्किल काम नहीं है। अलीगढ़ के रहने वाले वर्तमान ललियाना चौकी प्रभारी ने भी कुछ ऐसा किया। विनोद कुमार शर्मा पांच भाई बहन है। पिता परिवाहन विभाग बतौर एक अधिकारी से सेवानिवृत्त है। उनके बड़े भाई मनोज कुमार बीएसएफ में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात है। विनोद ने प्रारंभिक शिक्षा अलीगढ़ के गोंडा कस्बे में ही की थी वह पढ़ने लिखने में बचपन से ही अच्छे है। उन्होंने यूपीटीयू के जरिये वर्ष 2009 में बुंदेलखण्ड यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल ब्रांच से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है। डिग्री खत्म करने के बाद प्राइवेट जौब के साथ सिविल सर्विस की तैयारी की लेकिन उनको सफलता नही मिली। जिसके बाद उन्होंने वर्ष 2012 मे नोएडा की सैमसंग कंपनी को ज्वाइन किया जिसमे उन्होंने करीब 8 वर्ष अपनी सेवाएं दी। बचपन से ही विनोद कुमार शर्मा को पुलिस की वर्दी अपनी तरफ आकर्षित करती थी। उनका बचपन से एक पुलिस इंस्पेक्टर बनने का ख्वाब था। उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस में उपनिरीक्षक के पद पर नौकरी के लिए आवेदन किया जिसमे उनको सफलता मिल गई। वर्ष 2014 में उनकी शादी गुजरात की अंकिता स्वामी से हो गई। शादी से पूर्व अंकिता एक बैंकर थी लेकिन शादी के बाद अंकिता ने जौब छोडकर परिवार की सेवा करना उसने उचित समझा । विनोद के अब दो बच्चे  है जिसमे एक बेटे का नाम दिव्यांश शर्मा एवं बेटी का नाम मेहांशी शर्मा है। उत्तर प्रदेश पुलिस में उपनिरीक्षक के पद पर उनके चयन से पूरा परिवार नाराज था। घर से दूर जाने के डर से परिवार का कोई भी सदस्य बिल्कुल नहीं चाहता था कि वह पुलिस की नौकरी ज्वाइन करे। 94000 रू मासिक सैलरी ओर सैमसंग जैसी विश्वस्तरीय कंपनी मे असिस्टैंट मैनेजर पद की नौकरी छोडकर आधे से भी कम सैलरी पर नौकरी करने का निर्णय लेना उनके लिए कोई आसान काम नही था। परंतु पुलिस की वर्दी पहनने वाले अपना बचपन का सपना भी सच करना था। तब उन्होंने परिवार के विरोधाभास के बावजूद एवं मन में हो रही उथल-पुथल को शांत करके पुलिस सेवा ज्वाइन करने का निर्णय लिया। जिसके बाद वह मुरादाबाद में स्थित PTC 2 ट्रेनिंग हुई जिसके पश्चात उनकी तैनाती बागपत जनपद के चांदीनगर थाने पर हुई ।अंडर ट्रेनिंग रहते हुए उन्होंने क्षेत्र में हुई कई चोरियों को सफलतापूर्वक खुलासा किया, साथ ही थाना क्षेत्र के लम्बे समय से वांछित चल रहे अपराधियों की गिरफ्तारी भी की। जनवरी 2022 में उन्हें पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन द्वारा ललियाना चौकी प्रभारी बनाया गया। उन्होंने अंडर ट्रेनिंग रहते हुए पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रशस्ति पत्र प्राप्त हुआ ओर दो बार नगद धनराशि का पुरस्कार प्राप्त हुआ है। वह थाना चांदीनगर के कौप औफ द मंथ भी बने। उनका कहना है कि वह हमेशा पुलिस की छवि को सुधारने के लिए काम करना चाहते है ओर जनता में यह संदेश पहुंचाना चाहते है कि पुलिस उनके लिए हमेशा तैयार है उनके बचाव व सुरक्षा के लिए और अपराध को कम करने के लिए पुलिस हमेशा सतर्क है।  अब वह परिवार एवं बच्चों को मिस करते हुए नौकरी एवं परिवार के बीच सामंजस्य बैठाने की कोशिश करते रहते है।

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