उसे भाई कहें या जल्लाद, जिसके हाथ नहीं कांपे दो मासूमो की हत्या करते हुए.. 

रिश्ता हुआ शर्मसार : मौसेरे भाई ने चाकू से गर्दन रेतकर की थी भाई-बहन की हत्या

जब नहीं मिले घर में रूपए व जेवर, तब भेद खुलने के डर से दे दिया घटना को अंजाम

अमित शुक्ला 

शुक्लागंज उन्नाव। गंगाघाट कोतवाली क्षेत्र के ऋषि नगर नगर मोहल्ले में सोमवार दोपहर ढाई बजे घर के अन्दर घुसकर दो बच्चों की गर्दन रेत कर हत्या कर दी गई थी, जिससे पूरे क्षेत्र में सनसनी मच गई और क्षेत्रीय लोगों में दहशत का माहौल बन गया था इसके साथ ही लोगों में इस घटना को लेकर आक्रोश फैल गया था। घटना स्थल पर देर रात पहुंच कर डीएम देवेन्द्र कुमार पाण्डेय व एसपी माधव प्रसाद वर्मा ने निरीक्षण किया जिसमे उन्होंने घटना को अंजाम देने वाले हत्यारोपियों को जल्द से जल्द पकड़ने के लिए पांच टीमें गठित की, जिसमें पुलिस, फारेंसिक, डाग स्क्वायड शामिल थे। इसी के साथ ही साथ जिलाधिकारी के आदेश पर देर रात ही दो सीनियर डाक्टरों द्वारा दोनों बच्चों का पोस्टमार्टम किया गया।

पुलिस की टीम ने सोमवार देर रात ही घटनास्थल से आलाकत्ल बरामद कर लिया और जानकारी जुटा मुखबिर की सूचना व अन्य जानकारियों की मदद से गंगाघाट पुलिस ने बारह घण्टे में ही हत्यारोपियों को गिरफतार कर लिया। हत्यारोपी मृतक बच्चों का सगा मौसेरा भाइ निकला जिसने अपने दोस्त के साथ मिलकर इस भयावह घटना को अंजाम दिया था। पूछताछ करने पर उसने लूट का मामला बताया है। पुलिस की जानकारी के मुताबिक मृतक बच्चों के मौसेरे भाई शुभांकित शुक्ला उर्फ गोलू पुत्र वीरेन्द्र नाथ शुक्ला निवासी कंचन नगर ने अपने दोस्त राहुल निवासी मिश्रा कालोनी के साथ मिल घटना को अंजाम दिया था। गिरफ्तार करने वाली टीम में गंगाघाट कोतवाली निरीक्षक हर प्रसाद अहिरवार, एसएसआइ रवीन्द्र सिंह भदौरिया, एसआइ मो. मन्नान, एसआइ मनोज सिंह, हे.का. ज्ञान सिंह, हे.का. सुल्तान सिंह, का. नीरज कुमार व मय स्वाट टीम प्रभारी डीके साही शामिल रहे।

घटना को अंजाम देने के लिए रचा था षड़यंत्र

शुभांकित की पत्नी प्रेग्नेंट थी जिसकी डिलीवरी होनी थी, जिसको लेकर वह नगर के एक निजी अस्पताल में आया था। जहां उससे रूपयों की मांग की गयी पर उसके पास रूपए न होने के कारण उसने अपनी मौसी मोनू मिश्रा को फोन कर अस्पताल बुलाया और उनसे कहा कि मैं रूपयों का इंतजाम करने जा रहा हूं। उसने वहां अपने साथी राहुल और अमित अवस्थी को बुलाया और मौसी के घर पर लूट करने की योजना बनाई। मौसी के अस्पताल पहुंचने के बाद शुभांकित व उसके दोनो साथी मोनू मिश्रा के घर गए।

शुभांकित ने घर का दरवाजा खटखटाया मृतक अंशिका ने दरवाजा खोला जिससे शुभांकित ने पानी की बोतल मंगाई और बाहर ही अपने साथियों को पानी पिलाया। जिसके बाद तीनों अंदर गए शुभांकित ने मृतक अंशिका व मृतक राघव को अन्दर वाले कमरे में लेकर साथ में बैठ गया। उसके दोनों साथी घर की दूसरी मंजिल पर गए जहां दोनों ने कमरे में रखी अलमारी खोली जिसमें कुछ न मिला उसके बाद बेड के अंदर देखा वहां भी कुछ न मिला, सारा सामान बिखेर दिया। उसके बाद दोनों नीचे आ गए उन दोनों ने शुभांकित से कहा कि उपर कुछ भी न मिला, जिसपर मृतक अंशिका को शक हुआ उसने विरोध किया, तो शुभांकित व राहुल ने दोनों बच्चों को पकड़ लिया और अमित ने नीचे वाले कमरे में रखे बक्से को खोलकर देखा, जिसमे भी कुछ न मिला।

मृतक अंशिका ने शुभांकित की सारी करतूत अपनी मम्मी से बताने की बात कही जिसपर बौखलाए शुभांकित ने अपने साथियों के साथ मिलकर हत्या की रचना रच दी। उसके बाद उसने आलाकत्ल व घटना को अंजाम देने के बाद सारा सामान घर में छिपा कर वहां से सीधे अस्पताल चला गया।

शव पहुंचते ही मोहल्ले में मचा कोहराम

डीएम के आदेश पर मृतक अंशिका15 व राघव3 का देर रात ही पोस्टमार्टम करा गया था, जिसके बाद सुबह जब दोनों बच्चों का मृत शरीर घर पहुंचा तो घर के साथ ही मोहल्ले में कोहराम मच गया, लोगों का मजमा लगने लगा। मां मोनू का रो रोकर बुरा हाल हो गया है, वह पूरी तरह से बदहवास हो गइ, उधर पिता चोरी से अन्दर ही अन्दर रो रहे थे, मोहल्ले में मातम का माहौल छा गया है।

लोगों में जहां एक ओर मातम का माहौल रहा, वहीं दूसरी ओर उनमें आक्रोश भी था। घर का चिराग बुझ गया था। मृतक राघव माता व पिता को बहुत ही प्यारा था, जो अपनी मृतक बहन अंशिका के बारह साल बाद हुआ था। मां मोनू रो रोकर अपने बच्चों को वापस लाने की बात कर रही थी, जिन्हें लोग ढांढस बंधा रहे थे। वहीं सांसद साक्षी महाराज भी मृतक बच्चों के घर उनके माता पिता को ढांढस बंधाने पहुंचे।

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