सीतापुर : मजदूर की मौत पर परिजनों का फूटा गुस्सा, नगर पालिका गेट पर काटा हंगामा

सीतापुर। लहरपुर नागर पालिका परिषद द्वारा 15 अगस्त के मौके पर हो रही सजावट के दौरान मजदूर की मौत में मामले में आक्रोशित परिजनों ने पालिका कार्यालय के गेट पर शव रखकर जम कर प्रदर्शन किया। इस दौरान परिजनों ने हादसे के लिए जिम्मेदार लोगो पर एफ आई आर दर्ज कर कार्रवाई किए जाने व मुवावजा दिए जाने की मांग की। बाद में स्थानीय प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद परिजन शव का अंतिम संस्कार करने पर राजी हुए।

बीती 14 अगस्त को लहरपुर नगर पालिका परिषद की ओर से स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हो रही सजावट के दौरान स्थानीय शहर बाजार चैराहे पर मजदूर समीर की हाइड्रोलिक फेल होने के चलते मौत हो गई थी। जिसके बाद मंगलवार को मृतक मजदूर के परिजनों ने हादसे के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की माग को लेकर नगर पालिका गेट पर शव रख कर जम कर हंगामा काटा। कई घंटो तक मृतक के परिजनों का प्रदर्शन चलता रहा।

प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद किया अंतिम संस्कार, रिपोर्ट दर्ज करने की मांग

इस दौरान शहर बाजार चैराहे पर ट्रैफिक बाधित हो गया। जिसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा। मौके पर पहुंचे एस डी एम अनिल कुमार सोनी व कोतवाली प्रभारी मुकुल वर्मा के हस्तक्षेप के बाद परिजन पालिका प्रशासन के साथ बात चीत को राजी हुए। इस दौरान पालिका प्रशासन की ओर से मृतक केंपरीजनो को आर्थिक सहायता दिए जाने व परिवार के सदस्य को संविदा पर नौकरी दिए जाने के आश्वासन के बाद परिजन अंतिम संस्कार को रही हुए। जिसके बाद पालिका प्रशासन ने राहत की सांस ली।

घटना को लेकर पूरा दिन कस्बे में चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। जावेद अहमद, पालिकाध्यक्ष लहरपुर बात चीत के बाद समझोता हो गया है। पीडि़त पक्ष कोई कारवाई नहीं करना चाहता है। हाइड्रोलिक की स्थिति के बारे में मुझे जानकारी नहीं है। अगर पहले से खराब थी,तो ये लापरवाही है।

पहले से खराब थी हाइड्रोलिंग

पालिका सूत्र बताते है, कि जिस हाइड्रोलिक से हादसा हुआ, वो पहले से ही खराब थी। दो दिन पहले भी हाइड्रोलिक में खराबी के चलते हादसा होते होते बचा था। वाबजूद इसके पालिका प्रशासन की ओर वहीं हाइड्रोलिक का इस्तेमाल किया जाता रहा। पालिका प्रशासन की यही लापरवाही मजदूर समीर की मौत की वजह बनी।

नियम कानून ताक पर रख कराया गया कार्य

पालिका प्रशासन की ओर से 15 अगस्त के मौके पर सजावट का काम तमाम नियम कानूनों को ताक पर रख कर कराया गया। इसके लिए पालिका प्रशासन द्वारा पंजीकृत ठेकेदार से काम ना करा कर निजी ठेकेदार लखीमपुर के किसी जावेद काजी द्वारा कराया गया। जो हादसे के बाद से ही फरार है। मजे की बात तो ये है, कि पालिका प्रशासन इस ठेकेदार का नाम तक लेने को तैयार नहीं है।

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