महाराष्ट्र : PM मोदी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे के 56वें दीक्षांत समारोह में शिरकत होने पहुंचे. यहां छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पूरा देश आईआईटी छात्रों से प्रेरणा लेता है और विदेश में भी हमारे छात्र कामयाब हैं. उन्होंने छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए कहा असली चुनौती बाहर आपका इंतजार कर रही है. डरे नहीं ;मुश्किलों का सामना करना ही जिंदगी है..
पीएम ने कहा, ‘आज इस अवसर पर सबसे पहले मैं डिग्री पाने वाले देश-विदेश के विद्यार्थियों और उनके परिवारों को बधाई देता हूं, उनका अभिनंदन करता हूं. बीते 6 दशकों की निरंतर कोशिशों का ही परिणाम है कि आईआईटी बॉम्बे ने देश के चुनिंदा उत्कृष्ट संस्थानों में अपनी जगह बनाई है.’
आगे है असली चुनौती
पासआउट हो रहे छात्रों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘आज जो डिग्री आपको मिली है, ये आपके निष्ठा और प्रतिबद्धता का प्रतीक है. याद रखिए कि ये सिर्फ एक पड़ाव भर है, असली चुनौती आपका बाहर इंतजार कर रही है. आपने आज तक जो हासिल किया और आगे जो करने जा रहे हैं, उससे आपकी अपनी, आपके परिवार की, 125 करोड़ देशवासियों की उम्मीदें जुड़ी हैं.’
पीएम मोदी ने स्टार्ट अप योजना का भी जिक्र किया. उन्होंने बताया, ‘स्टार्ट अप की जिस क्रांति की तरफ देश आगे बढ़ रहा है, उसका एक बहुत बड़ा माध्यम हमारे आईआईटी हैं. आज दुनिया IIT को यूनीकॉर्न स्टार्ट अप्स की नर्सरी तक मान रही है. ये एक प्रकार से तकनीक के दर्पण हैं, जिसमें दुनिया को भविष्य नजर आता है.’
IIT की नई परिभाषा
इससे आगे पीएम मोदी ने कहा, ‘मेरा आप सभी से भी इतना ही आग्रह है कि अपनी असफलता की उलझन को मन से निकालें और आकांक्षाओं पर फोकस करें. ऊंचे लक्ष्य, ऊंची सोच आपको अधिक प्रेरित करेगी, उलझन आपके टैलेंट को सीमाओं में बांध देगी.’ पीएम ने कहा कि सिर्फ आकांक्षाएं होना ही काफी नहीं है, लक्ष्य भी अहम होता है.
पिछले साल आईआईटी गांधीनगर में छात्रों को किया था संबोधित
पीएम मोदी अक्सर छात्रों को संबोधित करते रहते हैं. अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ में भी वो कई बार छात्रों को संबोधित कर चुके हैं. इससे पहले पिछले साल भी उन्होंने आईआईटी गांधीनगर में छात्रों को संबोधित किया था. यहां उन्होंने कहा था कि हिंदुस्तान में आईआईटी एक ब्रान्ड बन चुका है और आने वाले वक्त में आईआईटी के कैंपसों पर चर्चा होगी.
साथ ही उन्होंने देश की यूनिवर्सिटीज में शिक्षा की हालत पर चिंता जताते हुए कहा था कि दुनिया की 100 टॉप यूनिवर्सिटी में भारत की कोई यूनिवर्सिटी का नाम शामिल नहीं होता है, यह कलंक मिटना चाहिए.