सुशील चंद्रा का बयान- पारदर्शिता बनाए रखता चुनाव आयोग…तो कैसे हो सकता EVM से छेड़छाड़

यूपी विधानसभा चुनाव। विधानसभा चुनाव का परिणाम देखने से पहले ही पांच राज्यों के चुनाव नतीजों को मद्देनजर रखते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने चुनावी नतीजो से पहले ही ईवीएम मशीन को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। बता दें कुछ दिन पहले ही समाजवादी पार्टी की ओर से लगाए गए आरोपों पर मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ने कहा है कि EVM से छेड़छाड़ का कोई सवाल ही नहीं है, क्योंकि भारत के चुनाव आयोग ने हमेशा पारदर्शिता बनाए रखी है।।

इसी के आगे चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी ने एडीएम वाराणसी को निलंबित कर दिया है, क्योंकि उन्होंने राजनीतिक दलों को प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए ईवीएम की आवाजाही के बारे में सूचित करने के लिए प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया है। जब ईवीएम मशीन को लेकर चुनाव आयुक्त इतना शक्रिय हो सकता  तो ये कैसे संभव है कि ईवीएम मशीन में कोई गड़बड़ी हो सकती है। फिलहाल इस EVM मशीन में कोई भी गड़बड़ी नही हुई है।

राजनीतिक एजेंटों की मौजूदगी में EVM होता है सील

सुशील चंद्रा ने कहा कि, वर्ष 2004 से लगातार ईवीएम का इस्तेमाल किया जा रहा है। वर्ष 2019 में हमने हर मतदान केंद्र पर वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) शुरू किया। उन्हें देखने के बाद ही राजनीतिक दलों के एजेंटों की मौजूदगी में ईवीएम को सील किया जाता है। इसके साथ ही उनके हस्ताक्षर लिए जाते हैं। इसके बाद डीलर ईवीएम को सुरक्षा के बीच स्ट्रांग रूम में रखते है। हमारे साइड स्ट्रांग रूम में 24 घंटे निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगे हैं।

स्ट्रांग रूम पर राजनीतिक दलोंल की नजर

राजनीतिक दलों के एजेंट भी स्ट्रांग रूम पर नजर रखते हैं, इसलिए ईवीएम से किसी तरह की छेड़छाड़ का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने ये भी कहा कि, ईवीएम को स्ट्रांग रूम से भी बाहर नहीं निकाला जा सकता है।

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