डॉक्टरों को चाहिए कि वे मरीजों को जेनरिक दवाएं ही खिलाएं मगर वे नब्ज पकड़ते ही भूल जाते नाम
निरंकुश सरकारी डॉक्टरों पर लगाम कसने के सरकार लाख प्रयास कर ले, लेकिन डॉक्टर व अधिकारियों के बीच तू-तू डॉल तो मैं पात-पात का खेल चलता ही रहा है। सरकार चाहती है गरीबों को सस्ती दवाएं उपलब्ध हों, लेकिन डॉक्टरों को ब्रांडेड दवाएं लिखने की आदत जैसी हो गई है। जेनरिक दवाएं ब्रांडेड दवाओं से … Read more