अमर भारती साहित्य संस्कृति संस्थान के “वसंतोत्सव” में याद किए गए शायर ” दरवेश “

विरोध जताने का तरीका है पेड़ का, जहां से शाख काटी थी कोंपलें वहीं से निकली: कमल संवादाता गाजियाबाद। अधिकांश रचनाकारों और संस्थानों की पहचान आज जहां बाड़ेबाजी और खेमेबाजी के तौर पर हो रही है, ऐसे में अमर भारती साहित्य संस्कृति संस्थान के आयोजन तमाम बंधनों को खोलने का काम कर रहे हैं। वरिष्ठ … Read more