बहराइच : पिता की राजनैतिक विरासत को बचा नही पाए ”गौरव” ताजपोशी का सपना चकना-चूर
“मुझे अपनो ने लूटा गैरो मे कहा दम था मेरी कश्ती वहाँ डूबी जहाँ पानी कम था” कैसरगंज के भाजपा गढ़ मे खूब दौड़ी”साइकिल”आन्नद मय हो गए लोग यहाँ समीकरण से खिलता था “कमल” समीकरण ने ही बिगाड़ दिया खेल अब करो मंथन ! भास्कर ब्यूरोजरवल/बहराइच। किसी शायर की दो पंक्तियां मुझे अपनो ने लूटा,गैरो मे … Read more