चंद्रबाबू व ममता के धरने से विपक्षी दलों की एकजुटता को मिलेगी ताकत…

नई दिल्ली । देश की राजधानी दिल्ली में चौदह फरवरी तक तेलुगु देशम पार्टी के नेता व आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू तथा तृणमूल कांग्रेस की सर्वेसर्वा व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खबरों के केन्द्र में बने रहेंगे।

चंद्रबाबू नायडू केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा अपने राज्य आंध्रप्रदेश के विकास के लिए फंड नहीं देने, राज्य के साथ सौतेला व्यवहार करने, समस्याओं की अनदेखी करने के मुद्दे पर 11 फरवरी को आंध्रप्रदेश भवन पर 12 घंटे का धरना देने के बाद उनका 12 फरवरी को विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात और भाजपा विरोधी मोर्चा को मजबूत आकार देने का कार्यक्रम है। इस बारे में देतेपा सांसद शिवप्रसाद का कहना है कि हमारे नेता चंद्रबाबू के धरने का देश की जनता में अच्छा संदेश गया है। विपक्षी दलों के नेताओं ने उनको फोन करके समर्थन किया है। कई दलों के सांसद उनसे मिलने धरना स्थल पर भी आए थे। इससे विपक्षी दलों की एकजुटता का माहौल बनने लगा है।

चंद्रबाबू के धरना और अन्य दलों के नेताओं से मिलने के कार्यक्रम के बाद 13 व 14 फरवरी को ममता बनर्जी का “संविधान बचाओ” धरना है । उसमें अन्य विपक्षी दलों के नेता भी जाएंगे। इस बारे में तृणमूल के सांसद डेरेक ओ ब्रायन का कहना है कि लगभग सभी विपक्षी दलों के नेताओं से बात हो गई है। उन सभी से पार्टी अध्यक्ष ममता बनर्जी की मुलाकात होगी।

ब्रायन का कहना है कि धरने का मुख्य मुद्दा केंद्र सरकार द्वारा प्रादेशिक पार्टियों को दबाने और उनके नेताओं के विरूद्ध सीबीआई, ईडी, आयकर जैसी केन्द्रीय जांच एजेंसियों को लगाने का रहेगा। इसका विरोध करके “संविधान बचाओ” धरना के मार्फत सभी विपक्षी दलों को भाजपानीत केन्द्र सरकार, उसके नेताओं व उनके इशारे पर काम कर रहे केन्द्रीय जांच एजेंसियों के अफसरों के विरूद्ध एकजुट होकर जनता को जागरूक करने का माहौल बनाया जाएगा।

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