उत्तर प्रदेश पुलिस का कन्नौज में मानवीय चेहरा सामने आया है. गर्भवती बीवी के इलाज के लिए बेटे को बेचने के लिए मजबूर शख्स की दारोगा ने मदद की. न केवल पैसे की व्यवस्था की, बल्कि भर्ती कराने में भी मदद की. जबकि चिकित्सक भर्ती ही नही कर रहे थे.
दरअसल, कन्नौज के सौरिख थानाक्षेत्र के बरेठी दारापुर निवासी अरविंद बंजारा का परिवार बहुत गरीब है.उनकी एक चार वर्ष की एक बेटी रोशनी और एक साल का बेटा जानू है. पत्नी सुखदेवी को बुधवार सुबह अचानक तेज प्रसव पीड़ा होने लगी.इससे वह पत्नी को जिला अस्पताल ले गए.अरविंद ने आरोप लगाया कि जिला अस्पताल में प्रसव कराने के बदले नर्सों ने उससे 25 हजार रुपये की मांग की. पैसे न होने पर वह पत्नी को लेकर मेडिकल कालेज पहुंचा. जहां सुखदेवी की नाजुक हालत देखकर चिकित्सकों ने भर्ती नहीं किया.
Kannauj: Man attempts to sell his child for Rs 25,000 for pregnant wife's treatment. Police say,'locals informed us about it. We reached the spot & made arrangements to get her admitted & also contributed money to help them. They are very poor. We will ensure she gets treatment.' pic.twitter.com/lP9BPTekda
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 30, 2018
त्नी के इलाज के लिए पैसे न होने पर अरविंद ने अपने एक वर्षीय बेटे जानू को बेंचने का फैसला कर लिया. पत्नी और बच्चों के साथ मेडिकल कालेज के गेट पर आकर एक युवक से सौदा करने लगा. अरविंद ने पत्नी और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की जान बचाने के लिए 30 हजार रुपये में बच्चे को बेंचने की बात कही, लेकिन खरीददार 25 हजार रुपये देने को राजी हुआ. खरीददार अपनी पत्नी से बच्चे को खरीदने की राय लेने घर चला गया. तभी कुछ लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी.
मामला संज्ञान में आने के बाद स्थानीय चौकी प्रभारी बृजेंद्र कुमार सहयोगियों के साथ मौके पर पहुंचे. जब उन्होंने परिवार की हालत जानी तो पहले बीमार महिला को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया और फिर महिला के इलाज का पूरा खर्च खुद उठाने की बात कही.पिता की लाचारी पर लोगों का कहना था कि अभी तक अपनों की जान बचाने के लिए मकान और जमीन बेंचते तो सुना था मगर बेटे को बेचने की बात पहली बार सुनी.