24 घंटे पहले ही अमेरिकी सेना ने काबुल छोड़ा, जश्न में तालिबानी लड़ाकों ने की अंधाधुंध फायरिंग

आखिरकार 20 साल बाद अमेरिकी सेना अफगानिस्तान से पूरी तरह अपने देश वापस लौट चुकी है. बताया जा रहा है कि अमेरिकी सेना ने 31 अगस्त से पहले ही आधी रात को आखिरी उड़ान भरी. अमेरिका ने तालिबान के साथ हुए समझौते के तहत यह कदम उठाया.

इसलिए समझौते के बावजूद करीब 24 घंटे पहले ही अमेरिका ने अफगानिस्तान छोड़ दिया. आधी रात में अमेरिका के 4 सैन्य परिवहन विमान सी-17 में काबुल एयरपोर्ट से आखरी उड़ान भरी. एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सेना है जैसे ही एयरपोर्ट से निकली वैसे ही तालिबानी लड़ाकों ने जश्न में अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी.

तालिबानी लड़ाकों की फायरिंग, लोगों को लगा फिर हुआ हमला

तालिबानी लड़ाकों के अंधाधुंध फायरिंग से आसपास के लोगों को लगा कि काबुल एयरपोर्ट पर फिर से कोई हमला हुआ है. लेकिन कुछ देर बाद ही यह साफ हो गया कि यह हमला नहीं बल्कि तालिबानी लड़ाकों का जश्न है.

अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान से लौटने को लेकर तालिबानी प्रवक्ता अमानुल्लाह ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि काबुल के लोगों डरो मत, यह गोलियां हवा में दागी जा रही हैं, मुजाहिदीन आजादी का जश्न मना रहे हैं.

अब क्या होगा काबुल एयरपोर्ट का


अमेरिकी सेना के जाने के बाद अभी साफ हो गया है कि काबुल एयरपोर्ट पर अब कोई सुरक्षा के खास इंतजाम नहीं हैं. यहां की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से तालिबानी लड़ाकों के हाथ में है. अब तालिबानी लड़ाके कितने ट्रेंड हैं, और कितने एक्सपर्ट हैं, इसका अंदाजा अमेरिकी सेना के जाने के बाद हवाई फायरिंग करने से ही लगाया जा सकता है.

वहीं काबुल एयरपोर्ट के नोटिस टू एयर ने एक इमरजेंसी मैसेज जारी करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि काबुल एयरपोर्ट अब किसी के नियंत्रण में नहीं है. और यहां कोई एयर ट्रेफिक कंट्रोल भी नहीं है. ऐसे में यहां से किसी प्लेन की उड़ान भरने या किसी दूसरे देश से प्लेन के आने पर सुरक्षा मानकों का पालन होने में काफी कठिनाई आएगी. जिससे कोई बड़ा हादसा भी हो सकता है.

इधर अमेरिकी सेना निकली, उधर बेलगाम हुए तालिबानी लड़ाके


अफगानिस्तान के हजारा प्रांत में से यह खबर आई है कि एक दिन पहले ही बेलगाम तालिबानी लड़ाकों ने कुल 14 लोगों की हत्या कर दी. जिसमें 2 आम नागरिक भी हैं. बताया जा रहा है कि हजारा बहुल जिले दायक में तालिबानी लड़ाकों ने एक लाइब्रेरी और कंप्यूटर लैब में जमकर तोड़फोड़ और लूटपाट को भी अंजाम दिया.

क्योंकि इस लाइब्रेरी में लड़कियां और लड़के दोनों साथ पढ़ाई करते थे. यह बता दें कि हाल में ही तालिबान ने एक फरमान जारी करते हुए यह कहा था कि किसी भी स्कूल में लड़के और लड़कियां एक साथ पढ़ाई नहीं करेंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि इसी आदेश के बाद ही तालिबान लड़ाकों ने इस घटना को अंजाम दिया और विरोध करने वालों को मौत के घाट उतार दिया.

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