मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, कुकी मिलिटेंट्स ने SDOP की गोली मारकर की हत्या

इंफाल। मणिपुर के टेंग्नौपाल जिले के मोरेह इलाके में मंगलवार 31 अक्टूबर को एक पुलिस अधिकारी को गोली मार दी गई। मोरेह के SDOP चिंगथाम आनंद कुमार कुकी-जो समुदाय के प्रभाव वाले इलाके का दौरा कर रहे थे।

पुलिस ने बताया कि SDOP आनंद कुमार बॉर्डर टाउन में एक स्कूल में हेलिपैड के लिए जमीन की सफाई का काम देखने गए थे। उनके साथ स्टेट फोर्स और बीएसएफ के जवान भी थे। इसी दौरान कुकी मिलिटेंट ने उन पर फायरिंग कर दी। SDOP को गोली लगने के बाद हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।

दरअसल, कई हफ्तों से मोरेह के कुछ सिविल सोसाइटी संगठन सुरक्षाबलों को बॉर्डर टाउन इलाके से हटाने की मांग कर रहे थे। इसके बाद ऐसी घटना सामने आई है। इस बीच, जुमे को सार्वजनिक अवकाश (पब्लिक हॉलिडे) घोषित करने वाले जॉइंट स्टूडेंट्स बॉडी के मेंबर्स पर एफआईआर दर्ज की गई है। राज्य सरकार ने आनंद के परिजन को 50 लाख की सहायता राशि दी है। साथ ही मोरेह और आसपास के इलाकों में आरोपियों को पकड़ने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।

सुरक्षा बलों ने इलाके से हथियार जब्त किए

सुरक्षा बलों ने सोमवार 30 अक्टूबर को इंफाल-ईस्ट और चुराचांदपुर में छापेमारी कर हथियार और विस्फोटक जब्त किए। सुरक्षा बलों को इलाके से 14 हथियार, 41 हैंड ग्रेनेड, 5 खाली कारतूस और 2 हैवी मोर्टार मिले हैं। इनमें दो 9 एमएम पिस्टल भी शामिल हैं।

साथ ही, असम राइफल्स और CRPF ने मिलिटेंट्स के 6 बंकरों को भी नष्ट कर दिया। सुरक्षा बलों ने इंफाल-वेस्ट से मनी एक्सटॉर्शन केस में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो प्रतिबंधित कांग्लेईपेक कम्युनिस्ट पार्टी का नेता है। पुलिस ने बताया कि पिछले कुछ हफ्तों में बॉर्डर एरिया से म्यांमार के 10 से ज्यादा नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। इन पर मैतेई समुदाय के खाली पड़े घरों से फर्नीचर चुराने और अवैध रूप से भारत में घुसने का आरोप है।

छुट्टी की मांग करे रहे छात्रों पर केस

चुराचांदपुर के जॉइंट स्टूडेंट बॉडी (JBS) के मेंबर्स ने हाल ही में जुमे (शुक्रवार) को सरकारी दफ्तरों और शिक्षण संस्थानों में सार्वजनिक छुट्टी की घोषणा की थी। 26 अक्टूबर को स्टूडेंट बॉडी ने बयान में कहा था कि हम इस कठिन समय में भी अपनी रहने की जगह पर ठीक से पढ़ाई करना चाहते हैं। इसके लिए हमने एक रेजोल्यूशन अपनाया है। हम सभी सरकारी, गैर सरकारी संस्थानों और स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार की छुट्टी रखना चाहते हैं। स्टूडेंट बॉडी ने 18 अगस्त को एक रेजोल्यूशन एडॉप्ट किया था, जिसमें सभी ऑफिसों और शिक्षण संस्धानों में छुट्टी की बात थी।

27 अक्टूबर को राज्य के मुख्य सचिव विनीत जोशी ने स्टूडेंट बॉडी के इस नोटिस को अवैध करार दिया। उन्होंने कहा- इस तरह की घोषणा जानबूझकर की जा रही है। यह राज्य में अशांति फैलाने के लिए किया जा रहा है। जनता इन पर भरोसा न करे।

मणिपुर DGP समेत 204 पुलिस अधिकारियों को मेडल

राज्य के DGP राजीव सिंह को केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से 2023 के लिए स्पेशल ऑपरेशन मेडल दिया जाएगा। राजीव सिंह को मणिपुर हिंसा के चलते जून 2023 में मणिपुर DGP पद पर नियुक्त किया गया था। इससे पहले राजीव त्रिपुरा के एडिशनल DGP (लॉ एंड ऑर्डर) और CRPF के IG पद पर रह चुके हैं। गृह मंत्रालय ने मंगलवार को स्पेशल ऑपरेशन मेडल 2023 के लिए 204 पुलिस अधिकारियों के नाम की घोषणा की है।

ट्राइबल लीडर्स फोरम ने मुख्यमंत्री पर जातीय दंगे भड़काने का आरोप लगाया

कुकी-जो समुदाय के संगठन इंडीजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने 24 अक्टूबर को सीएम पर आरोप लगाया था कि मणिपुर के मुख्यमंत्री ही राज्य में जातीय दंगे भड़का रहे हैं। उन्होंने सरकार से सवाल भी किया था कि AFSPA को केवल घाटी क्षेत्रों से क्यों हटाया गया, पहाड़ी जिलों से क्यों नहीं?

वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा था कि उनकी सरकार राज्य में अवैध अप्रवासियों को कभी नहीं अपनाएगी। राज्य में रह रहे 34 स्वदेशी समुदायों को अपने ऐतिहासिक संबंधों को बनाए रखना चाहिए। सीएम ने आगे कहा था कि कुछ विदेशी संगठन राज्य को टारगेट करने की साजिश रच रहे हैं। हालांकि, राज्य सामान्य स्थिति की तरफ बढ़ रहा है। जल्द ही यहां के लोग खुशी से रहेंगे।

RSS चीफ का दावा- मणिपुर में हो रही हिंसा सोची-समझी साजिश

RSS चीफ मोहन भागवत ने मंगलवार 24 अक्टूबर को दावा किया था कि मणिपुर में हो रही हिंसा सोची-समझी साजिश है। मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय सालों से एक साथ रहते हैं। इनके बीच सांप्रदायिक आग कैसे लगी? क्या हिंसा करने वाले लोगों में सीमा पार के कट्टरपंथी भी थे?

वहां सालों से सबकी सेवा करने वाले संघ जैसे संगठन को बिना कारण इसमें घसीटा गया। मणिपुर में अशांति और अस्थिरता से विदेशी सत्ता को फायदा हो सकता है। देश में मजबूत सरकार के होते हुए भी यह हिंसा किनके बलबूते इतने दिनों से चल रही है? इससे साफ है कि यह हो नहीं रहा है, करवाया जा रहा है।

बढ़ाई गई पुलिस कमांडो की संख्या

मणिपुर के बॉर्डर एरिया में पिछले एक हफ्ते में पुलिस कमांडो की संख्या बढ़ा दी गई है। हालांकि इसके खिलाफ म्यांमार की सीमा से लगे मोरे शहर में आदिवासी महिलाओं के एक वर्ग ने प्रदर्शन भी किया। आदिवासी संगठनों​​ कुकी इंपी और कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी (COTU) ने 22 अक्टूबर को यह दावा किया था कि शहर में इंफाल घाटी से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया जा रहा है। इससे शांति भंग हो सकती है।

उन्होंने यह भी दावा किया था कि शहर के बफर जोन में पैरामिलिट्री फोर्स और इंडियन आर्मी के जवान काफी संख्या में तैनात हैं। इसके बावजूद कुकी बहुल शहर टेंग्नौपाल जिले के मोरेह में रात को हेलिकॉप्टर से अतिरिक्त मैतेई पुलिस की तैनाती की जा रही है।

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