मैनपुरी के 50 हजार घरों में नहीं बरसा जल, जलसंचय पर जोर

भास्कर समाचार सेवा
मैनपुरी।
जल संकट को देखते हुए सरकार ने शहरी क्षेत्रों में बने या निर्माणाधीन इमारतों सरकारी और अर्ध सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली अपनाने पर जोर दिया है। इसके लिए नीति भी बनाई है। लेकिन अमल नहीं हो रहा है, जिम्मेदार मौन है। नक्शा पास कराने में दिखाया जा रहा सिस्टम मौके पर नहीं है।
भूजल के लगातार दोहन और वर्षा जल के रिचार्ज की व्यवस्था पर ना होने पर आने वाले सालों में समस्या हो सकती है। भू जल संरक्षण ना होने पर वह दिन दूर नहीं जब एक एक बूंद पानी के लिए तरसना पड़ेगा। सबसे अधिक नहर गंग होने के बाद भी जिले में पानी के संकट से जूझने की ओर बढ़ रहा है। बरनाहल ब्लॉक डार्क जोन हो चुका है। जबकि मैनपुरी और अन्य इस राह पर चल निकले हैं शहर में भी भूजल स्तर खिसक रहा है। वर्षा जल संचय रेन वाटर हार्वेस्टिंग करने के लिए न तो बहुमंजिला भवनों में ध्यान दिया जा रहा है। और ना ही सरकारी भवनों में वर्षा का पानी संरक्षित करने के लिए उपाय किए जा रहे हैं। यदि रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट की ओर गंभीरता से ध्यान दिया जाए तो पानी के संकट का काफी हद तक समाधान हो सकता है। भूजल के अंधाधुंध दोहन से दिनों दिन भूजल का स्तर नीचे गिरता जा रहा है। पानी की कमी होती जा रही है। पानी के संकट से निबटने के लिए वर्षा जल संचय पर जोर दिया जा रहा है। लेकिन शहर में यह बात केवल कागजों तक सीमित है। यहां पर इस दिशा में कोई काम नहीं हो रहा है। न तो लोगों को पानी के संकट के प्रति जागरूक किया जा रहा है, और ना ही मकानों में वर्षा जल संचय करने की पहल की जा रही है। शासन लगातार वर्षा जल संचय करने पर जोर दे रहा है। बहुमंजिला इमारतों में तो बिना वर्षा जल संचय के मकानों का नक्शा भी पास नहीं होता है। लेकिन शहर में धड़ल्ले से मकानों का काम चल रहा है।

खुद हो जाइए जागरूक
भवनों का नक्शा पास करने वाला विभाग गहरी नींद में है। अधिकारी कागज दौड़ाने में लगे हैं। ऐसे हालातों में नागरिकों को खुद ही जागरूक होना पड़ेगा। वर्षा जल सहेजने के लिए इंतजाम कराने होंगे।

यह है उद्देश्य
घरों में रहने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के लिए शासन ने निर्देश दिए हैं। जिससे बरसात के पानी को जमीन में पहुंचा कर जमीन में पानी के स्तर को सुधारा जा सके। हैंडपंप और बोरिंग से भूजल को अंधाधुंध तरीके से खींचकर बाहर निकाला जा रहा है। जिससे भूजल स्तर दिनों दिन गिरता जा रहा है।

क्या बोले अभियंता लघु सिंचाई
विभाग जल संरक्षण को लेकर लगातार नागरिकों को जागरूक करता है। शहर के नए भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए विनियमित क्षेत्र की जिम्मेदारी है। नागरिक इसके लिए खुद भी जागरूक हो।- आर राज्यपाल भास्कर, सहायक अभियंता लघु सिंचाई विभाग।

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