वेब 3.0 : आधुनिक काल की औद्योगिकी क्रांति

इंटरनेट ने 1990 के दशक में अपनी शुरुआत से अब तक एक लंबा सफर तय किया है। इस बीच यह बेव 1.0 और बेव 2.0 युगों के दौर से गुजरा। अब हम बेव 3.0 के नए दौर में हैं। यह निस्संदेह टेक्नोलॉजियों को दिया गया एक सामुहिक नाम है जो हमें एक ऐसे युग में ले जाने का वादा करता है जिसमें इंटरनेट का पूरी तरह विकेंद्रीकरण होगा (आसान शब्द में यह पूरी तरह समुदाय के लिए और समुदाय द्वारा होगा और यह समुदाय पूरी मानवता हो सकती है) इंटरनेट पर सभी चीजों का लगभग वास्तविक अनुभव मिलेगा। यह सर्वव्यापी होगा और निजता के लिहाज से संपूर्णता लिए होगा।

– श्री कृष्ण मोहन झा संस्थापक और सीईओ, नाइन ट्रायंगल का मानना है कि इंटरनेट के विकास से अनभिज्ञ लोगों के लिए यह संक्षप्ति में इस तरह है बेव 1.0 का अर्थ 1990 के दशक और 2000 के दशक की शुरुआत तक का इंटरनेट जब किसी रूप में आपसी संवाद के बिना स्टैटिक वेब पेज होते थे (यानी एक दिशा में संचार) होता था यूजर के लिए कंटेंट जेनरेट करना मुमकिन नहीं होता। वेब 2.0 इंटरनेट के वर्तमान युग तक का विकास है जिसमें टेक्नोलॉजी ने रीयल-टाइम इंटरेक्शन, ट्रांजेक्शन और यूजर को बेहतर अनुभव दिया है। हालांकि वेब 2.0 ने अरबों लोगों को ऑनलाइन कर दिया पर डेटा का जबरदस्त सेंट्रलाइजेशन कंट्रोल और इन्फास्ट्रक्चर गूगल, मेटा, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन जैसे कुछ जायंट की मुट्टी में आ गया है। वेब 3.0 में यह सब बदल जाने की संभावना है।

बहुत से लोग वेब 3.0 को लेकर यह तर्क और परिभाषा देते हैं कि यह ब्लॉकचन टेक्नोलॉजी इको सिस्टम (अर्थात स्मार्ट कॉन्ट्रॅक्ट्स,

क्रिप्टोकरेंसी, एनएफटी आदि) के विकास और उपयोग का दूसरा नाम है। वेब 3.0 का यह नाम ब्लॉकचैन टेक इकोसिस्टम की नींव पर पड़ा है

लेकिन माफ कीजिए मेरी राय में यह उससे कहीं आगे की चीज है टेक्नोलॉजी के इससे पूर्व के विकास की तरह वेब 3.0 आज की उभरती

टेक्नोलॉजियों जैसे ब्लॉकचैन मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, आईओटी और एआर / वीआर को आपस में मिलाने वाला है।

एक आम आदमी के नजरिये से वेब 3.0 की कुछ संभावनाएं ये हैं कि इसमें भविष्य की झलक मिलेगी या हम चुपके से आने वाले कल को देख

पाएंगे (हालांकि टेक्नोलॉजी में बदलाव इतना तेज है कि आने वाले कल की भविष्यवाणी की कोशिश करने वालों की अक्सर हार ही होती है!) वेब 3.0 रिवॉल्यूशन का केंद्र वेब का विकेंद्रीकरण है । मैं रिवॉल्यूशन शब्द का उपयोग करता हूं क्योंकि समावित विकेंद्रीकरण हुआ तो हर तरह के ट्रांजेक्शन में युगांतकारी बदलाव आ सकता है।

ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी किसी की पहचान का विकेंद्रीकरण करती है। इसमें किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है इसलिए यह सभी के लिए एक समान है। इसके ऑपरेशन में थर्ड पार्टी के वैलिडेशन की जरूरत खत्म हो जाएगी और किसी तरह के ट्रांजेक्शन के रिकॉर्ड को रियल-टाइम अपडेट करना मुमकिन होगा बैंकलेस बैंकिंग, बिना एक्सचेंज ट्रेड और सरकारी नियंत्रण रहित करेंसी से लेकर बीच के सभी वैलिडेशन लेस (इंटरफेरेंस से मुक्त) ट्रांजेक्शन एक टेक्नोलॉजी का ब्लॉकचेन सूट अपार उपयोग की संभावनाएं सामने रखता है।

मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जब बागडोर संभालेंगे तो भारी मात्रा में यूजर डेटा प्रॉसेस करना आसान होगा। कंप्यूटर सोचने और सीखने में इतने सक्षम होंगे कि लोगों के परस्पर संबंध और यूजर के अनुभव (एक्सचेंज भी) को संदर्भ के साथ कस्टमाइज करें यह भी सिमेंटिक्स (सिमेटिक वेष के लिए टिम बर्नर्स-ली की कल्पना की तरह) और समय के अनुसार आईओटी के साथ-साथ सुपर एडवास्ट और लो लेटेंसी 5जी नेटवर्क मिल कर हमें एक ऐसी दुनिया में ले जा रहे हैं जिसमें सभी परस्पर गहराई से जुड़े हैं।

इंटरनेट जिन्दगी के विभिन्न पहलुओं को जोड़ने की क्षमता देगा जैसे कि हमारे फोन, टेलीविजन, कार, एयर कंडीशनर घड़िया, रेफ्रिजरेटर आदि इस तरह इंटरनेट जन-जीवन के कण-कण में व्याप्त होगा। वर्चुअल और रियल वर्ल्ड का अंतर ऑगमेंटेड रियलिटी वर्चुअल रियलिटी और अत्यधिक टेजिबल उटी ग्राफिक्स से बहुत कम हो जाना है यह सुनिश्चित है। इंटरनेट के विभिन्न पहलुओं का अनुभव अधिक वास्तविक होगा। इससे ऑनलाइन खरीदारी, संवाद शिक्षा और मनोरंजन के साथ-साथ अन्य कई कार्यों में जो परिवर्तन आएगा किसी चमत्कार से कम नहीं होगा।

वेब 3.0 के अहम पहलुओं में एक यूजर के ओपन डिजिटल वॉलेट के माध्यम से उसका विकेन्द्रीकृत होना और कहीं भी उसकी पहचान करने की क्षमता प्राप्त करना है। इस तरह किसी व्यक्ति के डेटा और संपत्ति के स्यामित्य और हस्तांतरण योग्यता समझना बहुत आसान हो जाएगा। ओपन डिजिटल वॉलेट यूजर का यूनिवर्सल बैंक अकाउंट बन जाएगा। इसके उपयोग के दौरान सत्यापन के लिए रिकॉर्ट उपलब्ध होंगे। मामला गेमिंग क्वायन्स जैसे वर्चुअल ऐसेट का हो या फिर मेटावर्स में ऐसेट का किसी की पहचान और एक्सेस संबंधित जानकारी का हो या फिर किसी के डेटा और कटट का, ‘ओपन डिजिटल वॉलेट’ निष्पक्ष प्लेटफॉर्म बन कर परस्पर उपयोग आसान बनाएगा।

यह पावर यूजर के हाथों में रख देगा वह भी जीरो स्टिकिनेस के साथ ये कुछ उदाहरण हैं कि वेब 3.0 किस तरह हमारे निजी जीवन को ऑनलाइन की दुनिया में हमारे व्यवहार को और सामान्य रूप से हमारे कारोबार को प्रभावित कर सकता है। हालाँकि विकास का सटीक अनुमान देना सबसे कठिन काम है जैसा कि हम ने वेब 2.0 युग में ऑनलाइन और ऑफलाइन टेक्नोलॉजियों को आपस में मिलते देखा है। वेब 3.0 का दौर इस मामले में बहुत अलग हो इसकी संभावना नहीं है। हा एक बीज जो नहीं बदलेगी यह है व्यापार के मॉडल, ट्रांजेक्शन की प्रचलित पद्धति और संपत्ति के स्वामित्व मॉडल में बड़े बदलाव का आना पावर का पूरी तरह यूजर के हाथों में आना लगभग तय है। इसलिए ऐसे व्यवसाय जिनके काम काज के केंद्र में ग्राहक नहीं हैं उनके लिए बदलने का समय आ गया है या फिर वे यूजर को केंद्र में रख कर हो रहे बदलाव से जूझने के लिए तैयार रहें।

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