तीन राज्यों में मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के शानदार जीत के बाद पार्टी में अब भी सीएम पद को लेकर सस्पेंस बरकरार है। 2019 के चुनावों से पहले सीएम के नामों का ऐलान खुद राहुल गांधी के लिए किसी टेस्ट से कम नहीं होगा। इस बीच, सुबह संसद पहुंचकर उन्होंने 2001 आतंकी हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दी और अब अपने आवास पर लौट आए हैं। खास तौर पर राजस्थान को लेकर अधिक खींचतान नजर आ रही है, जहां अनुभवी नेता के तौर पर अशोक गहलोत और युवा नेता सचिन पायलट प्रमुख दो प्रमुख दावेदार हैं।
दोनों नेता गुरुवार सुबह पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने यहां पहुंचे, लेकिन अभी अटकलों का दौर समाप्त नहीं हुआ। इन सबके बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि इस बारे में जल्द ही ऐलान होगा।
संसद से रवाना होने से पहले उन्होंने पत्रकारों के सवाल पर कहा कि सीएम के नामों को लेकर हम विधायकों और कार्यकर्ताओं से उनके इनपुट ले रहे हैं।
राहुल ने कहा कि वह पार्टी में कार्यकर्ताओं और नेताओं से जानकारी ले रहे हैं। विधायकों से भी विचार-विचार किया जा रहा है और सीएम के नाम का ऐलान जल्द ही होगा।
राजस्थान में कांग्रेस के पास सरकार गठन के लिए जरूरी आंकड़ा 101 है, पर पार्टी में मुख्यमंत्री को लेकर असमंजस की स्थिति है। इस पद के लिए दो प्रमुख दावेदार गहलोत और पायलट गुरुवार को राहुल गांधी से मिलने दिल्ली पहुंचे। पार्टी के विधायकों ने इस बारे में फैसला कांग्रेस अध्यक्ष पर छोड़ दिया है। गहलोत और पायलट भी पूर्व में कह चुके हैं कि पार्टी अध्यक्ष जो भी फैसला लेंगे उन्हें मान्य होगा।
गहलोत और पायलट के साथ-साथ राजस्थान में विधायकों के विचारों को परखने वाले पर्यवेक्षक भी दिल्ली में हैं। माना जा रहा है कि उनसे सलाह-मशविरे के बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा और राहुल गांधी सीएम पद के लिए नाम का ऐलान करेंगे।
उधर, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी सीएम को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। मध्य प्रदेश में हालांकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के नाम पर अधिक चर्चा हो रही है, पर साफ तौर पर अभी कुछ भी नहीं कहा गया है। इस सिलसिले में भोपाल में कांग्रेस विधायकों की गुरुवार शाम 4 बजे बैठक होनी है। छत्तीसगढ़ में भी सीएम पद के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल के अलावे टी एस सिंह देव, ताम्रध्वज साहू और चरणदास महंत के नाम की चर्चा है।
MP में आज विधायकों की फिर बैठक
उधर, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आज शाम 4 बजे कांग्रेस के विधायकों की एक बैठक बुलाई गई है। भले ही कहा जा रहा हो कि यहां की तस्वीर साफ है पर चुनौती यह है कि पार्टी के फैसले से कोई बड़ा नेता नाराज भी न हो। एक दिन पहले ही विधायकों ने कमलनाथ को अपना नेता चुन लिया था। ऐसे में उनका सीएम बनना तय माना जा रहा है।
संभावना जताई जा रही है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को संतुष्ट करने के लिए उन्हें डेप्युटी सीएम का पद दिया जा सकता है। आपको बता दें कि कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे प्रदेश के सभी दिग्गज नेताओं को एक साथ लाने का काम किया, जिसके चलते इस बार हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी में एकजुटता दिखी।
छत्तीसगढ़ में फंसा पेच
छत्तीसगढ़ में सीएम के नाम को लेकर आम सहमति बनाने की कोशिश हो रही है। बताया जा रहा है कि कार्यकर्ताओं के पास राहुल गांधी की आवाज में रेकॉर्डेड फोन कॉल आए हैं। इनमें कार्यकर्ताओं से सीएम का नाम पूछा जा रहा है। पार्टी के चार बड़े नेताओं का नाम इसके लिए सबसे आगे है। इनमें पार्टी का ओबीसी चेहरा माने जाने वाले ताम्रध्वज साहू का नाम भी शामिल है।
2019 के चुनाव के लिए साहू पार्टी के लिए फायदेमंद माने जा रहे हैं। पाटन से चार बार विधायक रहेऔर अजीत जोगी सरकार में मंत्री रहे भूपेश बघेल का नाम भी इस लिस्ट में है। इसके अलावा चरणदास महंत और टीएस सिंह देव भी कुर्सी के दावेदारों में हैं। अब राहुल गांधी के फैसले पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।