युुवती को सरेराह रोककर, अपहरण, बलात्कार और हत्या की धमकी देने वाले गुुंडों पर बाबूपुरवा पुलिस महरबान!

◆ सरेराह रोककर युुवती से शारीरिक छेड़छाड़ भी की थी, गुंडों ने दी तेजाब डालने की भी धमकी
◆ एफआईआर के 75 दिन बाद भी बाबूूपुरवा पुलिस नहीं कर सकी गिरफ्तारी
◆ पीड़िता को रोज धमकाते हुये खुलेआम घूम रहे आरोपियों को थाने के चंद पुलिसकर्मियों का खुला संरक्षण, बड़े हादसे के इंतजार में बैठी पुलिस!
◆ युवति लगातार कर रही जानमाल और परिजनों की सुरक्षा की गुहार

कानपुर। महानगर में और आसपास अपहरण और हत्याओं जैसे जघन्य अपराधों का तांता लगा है। लगभग हर घटना में थाना स्तर के चंद पुलिसकर्मियों की अपराधियों के साथ मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं। इसके बावजूद कानपुर पुलिस को शर्म नहीं आ रही है। कानपुर पुलिस महिलाओं की सुरक्षा जैसे गंभीर मामलों पर भी महीनों तक कार्रवाई नहीं कर रही है। ऐसा ही एक बड़ा मामला थाना बाबूपुरवा के ढकनापुरवा इलाके से सामने आया है। जहां आईपीसी 354-क और 341 सहित चार गंभीर धराओं में एफआईआर होने के ढाई महीने, यानि कि 75 दिनों बाद भी बाबूपुरवा पुलिस शर्मनाक ढंग से हाथ पर हाथ धरे बैठी है। दरअसल यहां एक युुवती को सरेराह रोककर, उसका अपहरण करके, बलात्कार और हत्या करने की धमकी देने वालों को गिरफ्तार नहीं कर रहे है।

पुलिस की ‘कृपा’ से छुट्टा घूम रहे आरोपी अपराधी…

आरोपी खुलेआम इलाके में ही घूूम रहे हैं। पीड़ित युुवती और उसके परिवार को रोजाना जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। परिवार का जीना दूभर कर दिया है। युुवती थाने और चैकी के चक्कर लगाते थक चुकी है। आरोप है कि वर्तमान में थाने पर तैनात और पूर्व में तैनात रहे पुलिसकर्मी ही इस मामले के आरोपियों को बचाने में लगे हैं। पीड़िता व उसके पिता ने कैमरे पर दिये बयानों में बाबूपुरवा के कुछ पलिसकर्मियों पर ऐसे गंभीर आरोप लगाये हैं। पुलिसिया लापरवाही और मिलीभगत पीड़िता या परिजनों के संग बड़ी वारदात को न्योता दे रही है। वारदात की जड़ में पीड़िता के मकान पर आरोपियों द्वारा जबरन कब्जे का मामला है।  

सरेआम रास्ते में रोककर गुडों ने की जमकर अभद्रता, दी जानमाल की धमकियां

थाना बाबूपुरवा अंतर्गत ढकनापुरवा के अपने पुश्तैनी मकान में अकेले बीमार पिता के संग सबा बानो नाम की एक युुवती रहती है। सबा बानो ने बताया कि पास में रहने वाले बाबूपुरवा थाने के उर्दू अनुवादक सलाम की शह पर इलाके के ही उमर अली नाम के व्यक्ति ने उसके मकान के आगे के हिस्से पर कब्जा कर लिया। पीड़िता सबा ने बताया कि उसका एक भाई बाहर नौकरी करता है। पिता की बीमारी से लाचारी और मां की मौत के बाद भाई की कमाई से ही घर चलता है। मजबूरन भाई को शहर से बाहर रहना पड़ रहा है। उसके अकेले होने और पिता की लाचारी का फायदा उठाकर अपराधी छवि के उमर अली ने अपने बेटे जीशान और दामाद शमीम की मदद से उसके घर पर कब्जा जमाया। आगे का हिस्सा तोड़कर उसपर निमार्ण की कोशिश की।

12 मई को वारदात, 19 मई को चार संगीन धारा में एफआईआर, कार्रवाई आज तक नहीं!

पीड़ित युुवती सबा के अनुसार विरोध करने और पुलिस से सहायता की गुहार लगाने पर लाॅकडाउन के दौरान ही उमर अली, जीशान और शमीम ने 12 मई की शाम को घर लौटते समय उसेे सरेआम हाथ पकड़ कर रोक लिया। उसे सन्नाटे में घसीटने का प्रसास किया। पुलिस में दी गई एप्लीकेशन वापस नहीं लेने पर घर उठा ले जाने और दुुष्कर्म करके हत्या कर डालने तक की धमकी दे डाली। एकलौते भाई के संग भी ‘कुछ करने’ की धमकी दी। उसी वक्त भूमाफिया के साथ आये जीशान व शमीम ने शारीरिक छेड़छाड़ की। इससे भयाक्रांत होकर भागने की कोशिश पर जबरन पकड़ कर वहीं रोके रखा। तेजाब डालने और जान से मार देने की धमकी दी। उन तीनों ने सबा से कहा कि थाने में या चाहे जहां शिकायत दर्ज करा लो, सारा मामला हमेशा की तरह बाबूपुरवा थाने का उर्दू अनुवादक सलाम देख लेगा। कभी कोई कार्रवाई नहीं होने देगा। पीड़ित सबा के अनुसार आरोपियों ने खूब बढ़चढ़कर अपने ऊपर अनुवादक सलाम की सरपस्ती होने की बात कही, क्योंकि उन्होंने कई जमीनों पर सलाम के लिये कब्जा करके या करवाके उसको सौंपा या बिकवाया है। सबा के अनुसार आरोपी उमर के गुर्गों ने उसको घर छोड़ कर चले जाने को कहा। सरेशाम सड़क के किनारे अपने साथ हुई हरकत से खौफजदा होकर सबा जोर-जोर से रोने लगी। इसपर आरोपी वहां से खिसक लिये। सबा के अनुसार इस हरकत के एक हफ्ते बाद तक आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने को बाबूपुरवा थाने-चैकी दौड़ती रही। लेकिन रिपोर्ट नहीं लिखी गई। तब मुख्यमंत्री पोर्टल पर एफआईआर के लिये शिकायत दर्ज करवाई। अधिकारियो से गुहार पर घटना के कई दिन बाद 19 मई को आईपीसी की धाराओं में 354-क, 341, 504, 506 के अंतर्गत एफआईआर हुई। फिर पुलिस ने सबा के बयान भी दर्ज किये थे।

दरोगा से इंस्पेक्टर बन चुका सलाम का साथी भी इन्वॉल्व!

सबा और उसके पिता अब्दुल मजीद का कहना है कि बाबूपुरवा थाने के अनुवादक सलाम और सलाम के घरेलू मित्र, आसिफ नामक पुलिसकर्मी अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके कोई कार्रवाई नहीं होने दे रहे हैं। बताया गया कि आसिफ अब इंस्पेेक्टर के पद पर प्रमोट हो गये हैं, फिलहाल शहर के कर्नलगंज में तैनात हैं। क्षोभ ये है कि महिला के खिलाफ अपराध में ऐसी गंभीर धाराओं में एफआईआर के बावजूद महीनों में आरोपियों की गिरफ्तारी तो दूर, बाबूपुरवा पुलिस ने लेषमात्र कोई कार्रवाई नहीं की। रिपोर्ट दर्ज कराने से लेकर अब तक  ढाई महीनों से आरोपियों द्वारा पीड़िता व परिजनों को धमकियां जारी हैं।
पूरे मामले पर बात करने को एसएसपी कानपुर नगर उपलब्ध नहीं हो सके। वो बिकरु कांड की एसआईटी जांच दल के साथ थे। उधर सीओ बाबूपुरवा आलोक सिंह ने कहा कि पीड़ित युवती सबा उनके पास आये, वो तुरंत ऐक्शन लेंगे।

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