युद्ध पर पर उतारु हुआ ड्रैगन? भारी फौज के साथ जंगी हथियार तैनात, पढ़े पूरी खबर 

नयी दिल्‍ली : भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) में मौजूदा तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच लगातार वार्ता हो रही है. वहीं दूसरी ओर ड्रैगन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. एक ओर चीन सीमा पर अमन-चैन की बात कर रहा है, तो दूसरी ओर LAC पर अपनी सैन्‍य शक्‍ति को लगातार बढ़ा रहा है.

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार चीनी सेना पूर्वी लद्दाख के एलएसी क्षेत्र पर अपनी सैन्‍य क्षमता लगातार बढ़ा रही है. खबर है चीन ने LAC पर 10 हजार से अधिक सैनिकों और भारी तोपों समेत अन्‍य सैन्‍य साजो सामान वहां तैनात किया है.
इधर भारत ने भी चीन की चुनौती से निपटने के लिए कमर कस ली है और भारत ने अपने सबसे अच्छे टी-90 टैंकों को लद्दाख में तैनात कर दिया है. भारत-चीन के बीच लद्दाख में शुरू हुए सीमा विवाद को अब दो महीने होने वाले हैं. खबरों के मुताबिक चीन ने अपनी सीमा में टैंकों और बख्तरबंद गाड़ियों, तोपों और सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है. जवाबी कार्रवाई करते हुए भारत ने भी अपने सबसे भरोसेमंद हथियार को लद्दाख के मोर्चे पर पहुंचा दिया है.

टी-90 टैंकों की तैनाती
लद्दाख के खुले मैदान टैंकों के लिए बहुत अच्छा मौका देते हैं. यहां पूर्वी लद्दाख के स्पांगुर गैप से होकर सीधे चीन के अंदर जा सकते हैं. इसके अलावा डेमचैक इलाके में जिसे इंडल वैली कहते हैं, के पांच महत्वपूर्ण पासों की सुरक्षा का जिम्मा भी ये टैंक संभाल सकते हैं. दोनों ही इलाकों में खुले हुए मैदान हैं जहां टैंकों की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है. यहां जमीन रेतीली है इसलिए टैंकों के जरिए तेजी से आगे बढ़ना आसान है. स्पांगुर गैप या डेमचैक दोनों ही जगहों से चीन का महत्वपूर्ण जी 219 हाईवे 50 किमी से ज्यादा दूर नहीं है. अगर लड़ाई भड़की तो चीन के लिए इस हाईवे की सुरक्षा करना सबसे जरूरी होगा. उस समय ये हाईवे भारतीय टैंकों के लिए आसान निशाना होंगे.

खबर है 15 जून की रात में दोनों देशों की सेना के बीच हुई हिंसक झड़प की घटना के बाद चीन गलवान में कुछ निर्माण भी कर लिया है. गौरतलब है कि हिंसक झड़प की घटना में 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे और 45 की संख्‍या में चीनी सैनिक भी मारे गये थे.

जानें, चीन-भारत राजनयिक वार्ता में क्‍या हुआ
चीन-भारत राजनयिक वार्ता के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा, दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में स्थिति सहित सीमावर्ती क्षेत्रों के घटनाक्रमों पर विस्तार से चर्चा की. भारतीय पक्ष ने पूर्वी लद्दाख में हुए हालिया घटनाक्रम पर अपनी चिंता से उन्हें अवगत कराया.

विदेश मंत्रालय ने बताया, चीन के साथ राजनयिक वार्ता के दौरान भारतीय पक्ष ने 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प का मुद्दा उठाया. विदेश मंत्रालय ने बताया, वार्ता में इसपर जोर दिया गया कि दोनों पक्ष वास्तविक नियंत्रण रेखा का पूरा-पूरा सम्मान करें. मौजूदा हालात के शांतिपूर्ण समाधान के लिए दोनों पक्षों के बीच राजनयिक और सैन्य स्तर पर संवाद बनाए रखने की सहमति बनी.

चीन-भारत सीमा पर अमन-चैन बनाकर रखना दोनों पक्षों के साझा हितों में : चीन
चीन और भारत को एक दूसरे का महत्वपूर्ण पड़ोसी बताते हुए चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन-भारत सीमा पर अमन-चैन बनाकर रखना दोनों पक्षों के साझा हितों में है और इसके लिए संयुक्त प्रयासों की जरूरत है. हालांकि चीन के विदेश और रक्षा मंत्रालयों ने अलग-अलग बयानों में बीजिंग के रुख को दोहराया कि पूर्वी लद्दाख में 15 जून को हुई दोनों देशों के सैनिकों की झड़प के लिए भारत जिम्मेदार है.

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वू कियान ने कहा कि दोनों रक्षा मंत्री फोन पर बातचीत कर रहे हैं. उन्होंने कहा, दोनों पक्षों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव घटाने और शांति एवं स्थिरता बनाकर रखने पर गहन विचार-विमर्श के लिए 22 जून को दूसरी सैन्य स्तरीय वार्ता की थी.

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