क्या केजरी के ‘शीशमहल’ को किया जाएगा ध्वस्त ? BJP की शिकायत के बाद एक्शन मोड में CVC, विस्तृत जांच के आदेश

दिल्ली चुनाव(Delhi Elections 2025) के नतीजों ने आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के राजनीतिक भविष्य पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। वर्षों तक मुफ्त की राजनीति और झूठे वादों के सहारे सत्ता में टिके रहने के बाद, जनता ने आखिरकार इस चुनाव में केजरीवाल को सख्त संदेश दे दिया है। आम आदमी पार्टी को इस बार करारी शिकस्त झेलनी पड़ी, और खुद अरविंद केजरीवाल अपनी सीट तक नहीं बचा सके। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती। चुनावी हार का झटका अभी पचा भी नहीं था कि केजरीवाल के लिए और बुरी खबर आ गई। केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने उनके ‘शीशमहल’ के करोड़ों रुपये के खर्चों की विस्तृत जांच के आदेश दे दिए हैं। यह वही मामला है, जिसमें नवंबर से ही प्रारंभिक जांच चल रही थी।

कई सरकारी संपत्तितयों के विलय से बना ‘शीशमहल’

कभी ईमानदारी और सादगी की राजनीति का दावा करने वाले अरविंद केजरीवाल अब अपने ही बनवाए ‘शीशमहल’ को लेकर सवालों के घेरे में आ गए हैं। केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने इस मामले की व्यापक जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। पहले से ही नवंबर से जांच चल रही थी, लेकिन शुरुआती रिपोर्ट में अनियमितताओं के संकेत मिलने के बाद अब इसकी तह तक जाने की तैयारी है। यह केवल कानूनी जांच नहीं, बल्कि उस छवि पर भी सीधा वार है, जिसे केजरीवाल ने सालों तक जनता के सामने गढ़ा था।

 

बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता की शिकायत के आधार पर CVC ने केजरीवाल के सरकारी आवास—6 फ्लैग स्टाफ रोड—के महंगे नवीनीकरण की जांच का निर्देश दिया है। आरोप है कि करीब 40,000 वर्ग गज (8 एकड़) में फैले इस भव्य महल को बनाने के दौरान कई निर्माण नियमों की अनदेखी की गई। जिस व्यक्ति ने एक समय सरकारी बंगलों और वीआईपी संस्कृति का विरोध कर जनता को लुभाया था, वही अब सत्ता में आने के बाद खुद के लिए महल जैसा ठिकाना बनवा बैठा।

शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया कि राजपुर रोड पर स्थित प्लॉट नंबर 45 और 47 के साथ-साथ दो सरकारी बंगले (8-ए और 8-बी, फ्लैग स्टाफ रोड) को तोड़कर नए आवास का हिस्सा बना दिया गया। यह न केवल नैतिक रूप से आपत्तिजनक है, बल्कि भवन निर्माण के निर्धारित नियमों और FAR (फ्लोर एरिया अनुपात) मानकों का भी स्पष्ट उल्लंघन है। जनता से कर के रूप में वसूला गया पैसा, जिसे विकास कार्यों में लगना चाहिए था, वह एक राजनीतिक व्यक्ति की शाही जीवनशैली को पूरा करने में बहाया गया।

5 दिसंबर 2024 को विजेंद्र गुप्ता की शिकायत पर CPWD के मुख्य सतर्कता अधिकारी (CVO) ने इस पूरे मामले पर एक तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार की और CVC को सौंपी। इसके बाद, 13 फरवरी 2025 को CVC ने CPWD को इस मामले की विस्तृत जांच करने का आदेश दिया।

तोड़ा जाए ‘शीशमहल’ का अवैध निर्माण: बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता

बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखकर अरविंद केजरीवाल के ‘शीशमहल’ पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा है कि 6, फ्लैग स्टाफ रोड स्थित सरकारी आवास पर अवैध निर्माण और नियमों के खुलेआम उल्लंघन के खिलाफ तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए। उनका साफ कहना है कि यह सरकारी संपत्ति जनता के धन से बनी है, और इसे उसकी मूल स्थिति में बहाल किया जाना चाहिए। साथ ही, आस-पास की जिन सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण किया गया है, उन्हें बिना किसी देरी के हटाया जाए।

अपने पत्र में विजेंद्र गुप्ता ने खुलकर आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जनता के पैसों का दुरुपयोग कर अपने सरकारी आवास को भव्य ‘शीशमहल’ में बदल दिया। उन्होंने इसे पूरी तरह से गैरकानूनी और अनैतिक करार देते हुए मांग की कि इस अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जाए, ताकि सार्वजनिक धन के दुरुपयोग और सरकारी जमीनों पर कब्जे की इस प्रवृत्ति पर रोक लगाई जा सके।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें

महाकुम्भ में बना एक और महारिकॉर्ड योगी सरकार ने महाकुंभ के दौरान सबसे बड़े सफाई अभियान का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। CM Yogi : ‘हैरिंग्टनगंज’ नहीं ‘विष्णु नगर’ नाम बोले इस प्यार को क्या नाम दूं… फारुक अब्दुल्ला ने किए माता वैष्णो देवी के दर्शन