भारतीय सुरक्षाबलों ने जम्मू-कश्मीर के नगरोटा में 19 नवंबर को एक ट्रक में चार आतंकवादियों को ढेर कर दिया था. ये सभी आतंकी पाकिस्तान के रहने वाले थे. अब इन्हें लेकर कई खुलासे हुए हैं. सुरक्षा एजेंसियों की गहन जांच में पता चला है कि सारे आतंकवादी कमांडो ट्रेनिंग लिए हुए थे, जिन्हें 2016 के पठानकोट हमले का प्रमुख अभियुक्त कासिम जान हैंडल कर रहा था. कासिम जान पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का ऑपरेशनल कमांडर है. वह सीधे जैश चीफ मुफ्ती रऊफ असगर को रिपोर्ट करता है.
मारे गए आतंकियों से प्राप्त ग्लोबल पॉजिशनिंग सिस्टम (GPS) सेट, वायरलेस सेट और रिसिवर के आंकड़ों की पड़ताल में पता चला है कि कमांडो ट्रेनिंग प्राप्त ये सारे आतंकी शाकरगाह स्थित जैश के आतंकी कैंप से करीब 30 किमी चलकर सांबा बॉर्डर पहुंचे और वहां से जटवाल के पिक पॉइंट तक गए जो सांबा से कठुआ के बीच छह किमी दूर है. इसका मतलब है कि आतंकी अंधेरी रातों में पिक पॉइंट्स तक गए और वहां से जम्मू-कश्मीर का रुख किया था.
अभी तक की जांच से पता चला है कि चारों आतंकी संभवतः 2.30 से 3 बजे रात ट्रक में बैठे. JK01AL 1055 नंबर का यह ट्रक जम्मू की तरफ जाते हुए 3.44 बजे सरोर टोल प्लाजा को पार किया. उसके बाद ट्रक नरवाल बाइपास से कश्मीर की तरफ मुड़ गया और बान टोल प्लाजा पर 4.45 बजे सुरक्षा बलों ने इसे धर दबोचा. सीनियर सिक्यॉरिटी अफसरों के मुताबिक, मारे गए आतंकी आत्मघाती दस्ते के सदस्य थे क्योंकि उनका पेट और जांघ के बीच के भाग के बाल साफ थे. पिछले घटनाओं में भी जिहादियों के शरीर के इस हिस्से से बाल साफ मिले थे.
जम्मू-कश्मीर पुलिस के आईजी ने जानकारी देते हुए बताया कि खुफिया सूचना के आधार पर चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था. एक ट्रक की तलाशी शुरू करने पर फायरिंग शुरू हो गई. 3 घंटे तक एनकाउंटर चला. ऑपरेशन को पुलिस, सीआरपीएफ और आर्मी की लोकल यूनिट ने अंजाम दिया था. सुबह 5 बजे प्लाजा पर संदिग्ध ट्रक पहुंचा. ये आतंकी ट्रक में ही बोरियों के बीच में छिपकर बैठे थे. वहीं से वे सुरक्षाबलों पर गोली चलाने लगे. जवाब में सुरक्षाबलों ने उस ट्रक को ही उड़ा डाला. इसके बाद आतंकवादी पास में जंगल की तरफ भागने लगे.
आप को बता दें कि बीते 1 फरवरी 2020 को भी पाकिस्तानी आतंकियों को लेकर जा रहे एक ट्रक को नगरोटा के इसी टोल प्लाजा के पास रोका गया था. उस एनकाउंटर में जैश के 3 आतंकी मार गिराए गए थे.