इंजीनियर का कमाल, जुगाड़ से बना डाला बाइक एम्बुलेंस…साथ लगा दिया ऑक्सीजन सिलेंडर

कोरोना जहाँ देश में आपदा बनकर आई है. तो इसी आपदा को अवसर में बदलने का काम भी कुछ लोग कर रहे हैं. जहाँ मेरठ के दो दोस्तों ने कबाड़ से जुगाड़ कर एक ऑक्सीजन प्लांट बना दिया, ताकि लोगों की कुछ हद तक मदद की जा सके, तो वहीं धार के एक युवा इंजीनियर ने कमाल कर दिया है.

इंजीनियर अजीज खान ने एक ऐसी बाइक एंबुलेंस तैयार की है, जो महामारी के इस दौर में लोगों के लिए मददगार साबित होगी. आप भी उनकी ये कलाकारी देखिये, आप देख सकते हैं कि बाइक के पीछे उन्होंने एक बेड अटैच कर रखा है. ख़ास बात ये यह है कि अजीज ने महज दो दिनों में इस बाइक एंबुलेंस को तैयार किया है. सबसे बड़ी बात ये कि किसी भी मरीज को ऑक्सीजन लगाकर इसे एक जगह से दूसरी जगल ले जाया जा सकता है. मरीज के साथ एक दूसरे शख्स को भी बाइक एंबुलेंस में आसानी से बिठाया जा सकता है, जो मरीज का ख्याल रख सके

अजीज का कहना है कि वो जल्द ही जिला अस्पताल को यह बाइक एंबुलेंस फ्री में भेंट करेंगे, ताकि जरूरतमंदों को समय पर इलाज मिल सके और उनकी जान बच सके.बता दें कि इस एंबुलेंस को बनाने में महज 25 से 40 हजार रुपए का खर्च आया है

बाइक एम्बुलेंस की ख़ास बात ये है कि इसका उपयोग आदिवासी अंचल के मंजरे टोले में किया जा सकता है. मतलब उन जंगली इलाकों में जहां शासकीय एंबुलेंस को पहुंचने में बेहद कठिनाई का सामना करना पड़ता है. ऐसे में यह बाइक एंबुलेंस आसानी से सकरे रास्ते से हुए होते हुए मौकेपर पहुंच सकती है और मरीज को प्राथमिक इलाज देने के साथ ही उसकी जिंदगी बचाई जा सकती है.

इस बाइक एंबुलेंस को बनाने में अजीज ने पुराने कल पुर्जों का इस्तेमाल किया है. बाइक के दो टायर इकट्ठा किए. फिर लोहे की एक फेम बनाई. जिस पर एक सीट लगाई गई है.. ताकि मरीज आराम से लेट सके. इसके साथ ही एक सिलेंडर लगाया गया, जिससे मरीज को ऑक्सीजन मिल सके. फिर इसे बाइक के साथ अटैच करने के लिए एक एंगल का उपयोग किया गया है. जिसे जोड़कर आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सके. ज़ाहिर है कि इस काल में ऐसे आविष्कारों से बहुत से लोगों की मदद हो पाएगी. खास तौर पर वो जगह जहाँ एम्बुलेंस का पहुंचना थोड़ा मुश्किल हो जाता है.

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