उपचुनाव जीतने के बाद भी अटकीं ममता बनर्जी की सांसें, जानिए पूरा मामला

नई दिल्ली  । पश्चिम बंगाल में राजभवन और तृणमूल कांग्रेस सरकार के बीच एक ताजा गतिरोध सामने आया है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ को सरकार ने 7 अक्टूबर को एक विधायक के रूप में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को शपथ दिलाने के लिए आमंत्रित किया था। उन्होंने फिलहाल इंतजार करने के लिए कहा है। गवर्नर ने कहा कि वह आधिकारिक राजपत्र तक इंतजार करेंगे। आपको बता दें कि टीएमसी सुप्रीमो ने भवानीपुर उपचुनाव में प्रचंड जीत हासिल की है। विधानसभा में से बात करते हुए, ममता सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा, “हमने माननीय राज्यपाल से 7 अक्टूबर को दोपहर से पहले ममता बनर्जी को शपथ दिलाने का अनुरोध किया है। हम चाहते हैं कि वह शपथ दिलाने के लिए राज्य विधानसभा में आएं। 

हमें उम्मीद है कि 7 अक्टूबर तक गजट नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा और वह विधानसभा में आकर हमारे अनुरोध का सम्मान करेंगे। ममता बनर्जी सहित तीनों विधायकों को शपथ दिलाएंगे। ममता बनर्जी ने भवानीपुर विधानसभा उपचुनाव 58,835 मतों के भारी अंतर से जीता है। उन्होंने इस सीट से 2011 का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है। टीएमसी ने रविवार को जंगीपुर और समसेरगंज की दो अन्य विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की है। राज्य सरकार ने स्पीकर के शपथ ग्रहण दिलानों की शक्ति वापस लिए जाने के बाद राज्यपाल से नए विधायकों को शपथ दिलाने का अनुरोध किया है। राज्य सरकार के अनुरोध के जवाब में, राज्यपाल ने कहा कि एक बार उपचुनाव परिणाम की अधिसूचना प्रकाशित हो जाए। उसके बाद वह इस मामले में निर्णय लेंगे। घनखड़ ने इसको लेकर ट्वीट भी किया है। विधानसभा से जुड़े एक अधिकारी ने पहचान जाहिर न करने की शर्त पर हमारे सहयोगी बताया, ‘भवानीपुर और मुर्शिदाबाद जिले की दो सीटों पर हुए उपचुनाव से कुछ दिन पहले ही राजभवन की तरफ से स्पीकर के दफ्तर को एक चिट्ठी मिली थी। इस चिट्ठी में संविधान के अनुच्छेद 188 का जिक्र किया गया है, जो राज्यपाल को शपथ दिलवाने की शक्ति देता है।

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