एक दिन तेजी दिखाने के बाद सोने में फिर से तगड़ी गिरावट, जानिए आज की कीमत

एक दिन तेजी (Gold Price Surge) दिखाने के बाद सोने में फिर से तगड़ी गिरावट (Gold Price Fall) देखी गई है। कल 51,333 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बंद हुआ सोना आज 134 रुपये की गिरावट के साथ 51199 रुपये प्रति 10 ग्राम (Gold Price Today) के स्तर पर खुला। सोने की ये गिरावट लगातार बढ़ती ही चली गई। शुरुआती कारोबार में ही एक ऐसा भी वक्त आया जब सोने ने 51064 रुपये प्रति 10 ग्राम का न्यूनतम स्तर छू लिया, जबकि वह अपने ओपनिंग प्राइस से एक बार भी ऊपर नहीं जा सका।

कल वायदा बाजार में सोने में आई तेजी

मजबूत हाजिर बाजार की मांग के कारण कारोबारियों ने ताजा सौदों की लिवाली की जिससे वायदा बाजार में बुधवार को सोने का भाव 198 रुपये की तेजी के साथ 51,108 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में दिसंबर का सोना वायदा भाव 198 रुपये यानी 0.39 प्रतिशत की तेजी के साथ 51,108 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। इस अनुबंध में 14,125 लॉट के लिये कारोबार किया गया। बाजार विश्लेषकों ने कहा कि कारोबारियों द्वारा ताजा सौदों की लिवाली के कारण सोना वायदा कीमतों में तेजी आई। न्यूयार्क में सोना 0.48 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,924.50 डालर प्रति औंस हो गया।

सर्राफा बाजार में सोने-चांदी का हाल

वैश्विक बाजार में तेजी के रुख और रुपये के मूल्य में गिरावट के बीच सर्राफा बाजार में बुधवार को सोना 512 रुपये की तेजी के साथ 51,415 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी है। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 50,903 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। चांदी की कीमत भी 1,448 रुपये की तेजी के साथ 64,015 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। पिछले दिन बंद भाव 62,567 रुपये था। रुपये का आरंभिक लाभ लुप्त हो गया तथा बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले यह नौ पैसे की गिरावट के साथ 73.58 (प्रारंभिक आंकड़ा) रुपये प्रति डॉलर रह गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज वरिष्ठ विश्लेषक (कमोडिटी) तपन पटेल ने कहा, ‘दिल्ली में 24 कैरेट सोने की हाजिर कीमत में 512 रुपये की तेजी थी जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने में तेजी और रुपये में गिरावट को परिलक्षित करता है।’’ अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना उछलकर 1,921 डॉलर प्रति औंस हो गया जबकि चांदी मामूली तेजी के साथ 25.10 डॉलर प्रति औंस हो गया। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के उपाध्यक्ष (जिंस बाजार अनुसंधान) नवनीत दमानी ने कहा, ‘‘डॉलर के कमजोर होने तथा नवंबर के चुनावों से पहले नये अमेरिकी कोरोना वायरस राहत पैकेज मिलने की बढ़ती उम्मीद से सोना कीमतों में तेजी आई।’’

देखिए अब तक कितना गिरे सोना-चांदी

7 अगस्त 2020, ये वो दिन था जब सोने-चांदी ने एक नया रेकॉर्ड बनाया। सोने और चांदी दोनों ने ही अपना ऑल टाइम हाई छुआ। 7 अगस्त को सोने ने 56,200 रुपये प्रति 10 ग्राम का ऑल टाइम हाई का स्तर छुआ था, जबकि चांदी ने 77,840 रुपये प्रति किलो का स्तर छुआ था। सोना अब तक करीब 5500 रुपये प्रति ग्राम गिरा है, जबकी चांदी 15,800 रुपये प्रति किलो तक गिर चुकी है।

क्या सोना कोरोना काल से पहले की स्थिति में लौट आएगा?

कोरोना वायरस की वजह से शेयर बाजार में एक तगड़ी गिरावट देखने को मिली थी। समय बीतने के साथ-साथ शेयर बाजार उस तगड़ी गिरावट से लगातार उबर रहा है। दुनिया भर के अधिकतर शेयर बाजार कोरोना की वजह से आई गिरावट से मजबूती से लडते हुए रिकवर कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सोना (today gold price) अपना ऑल टाइम हाई छू कर वापस आ चुका है। आए दिन सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। अब सवाल ये उठता है कि क्या सोना भी कोरोना काल से पहले वाली स्थिति में लौट आएगा, क्योंकि ये ट्रेंड देखा गया है कि शेयर बाजार मजबूत होता है तो सोना कमजोर होता है और इसका उल्टा भी होता है। तो क्या सोना अभी और सस्ता होगा, क्योंकि जनवरी में सेंसेक्स 41 हजार के करीब था, तब सोने की कीमत भी 41 हजार के करीब थी।

एक्सपर्ट्स की मानें तो जारी रहेगा उतार-चढ़ाव

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंसियल सविर्सिज के जिंस शोध के उपाध्यक्ष नवनीत दमानी कहते हैं कि सोना ऊंचाई से गिरकर 50 हजार रुपये के दायरे में आया है, जबकि चांदी 60 हजार रुपये के दायरे में आ चुकी है। उनका मानना है कि आने वाले दिनों में भी उतार चढ़ाव जारी रह सकता है। केडिया कैपिटल के डायरेक्टर अजय केडिया मानते हैं कि स्टिमुलस पैकेज ने शेयर बाजारों के लिए स्टेरॉयड का काम किया। इसी की वजह से शेयर बाजार में तेजी आई है, लेकिन इसे नेचुरल नहीं कहा जा सकता।

सोना सस्ता होगा या महंगा?

सोने में गिरावट की एक बड़ी वजह है पिछले 2 महीनों में रुपये में आई मजबूती। अभी रुपये 73-74 रुपये प्रति डॉलर तक मजबूत हो चुका है, जो कुछ महीने पहले 76-77 रुपये प्रति डॉलर तक कमजोर हो गया था। अगर फिर से डॉलर मजबूत होता है तो सोने में लॉन्ग टर्म में फिर से मजबूती देखने को मिलेगी और डॉलर का फिर से मजबूत होना लगभग तय ही है। यानी सोना अगले साल तक 60-70 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।

एक नजर सोने और सेंसेक्स की तुलना पर

24 फरवरी 2020 को सोना 41 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर था जबकि सेंसेक्स 40,363 के स्तर पर था। 15 मई तक सोना 47 हजार से भी ऊपर पहुंच गया, जबकि सेंसेक्स गिरकर 27,500 के करीब आ गया। कोरोना काल के दौरान 7 अगस्त को सोने ने 56,254 रुपये प्रति 10 ग्राम का ऑल टाइ हाई छू लिया, जबकि सेंसेक्स भी काफी रिकवर होकर 37,600 के स्तर पर पहुंच गया। 30 सितंबर तक सोना गिरकर 50,400 के करीब पहुंच गया है, जबकि सेंसेक्स अभी भी 38 हजार के दायरे में है।

इस बार फेस्टिव सीजन में भी कम रहेगी मांग

अक्टूबर-नवंबर के दौरान अमूमन सोने की मांग काफी बढ़ जाती है। इसकी वजह है फेस्टिव सीजन का आना। दिवाली के करीब सोना हमेशा चमकता है, लेकिन कोरोना की वजह से इस बार लोगों को आर्थिक तंगी झेलनी पड़ रही है, जिसका सीधा असर सोने की मांग पर पड़ा है। मुंबई के एक गोल्ड डीलर का कहना है कि इस बार फेस्टिव सीजन के दौरान भी मांग कम ही रहने का अनुमान है, क्योंकि कीमतें काफी बढ़ चुकी हैं।

कोरोना काल में सोना बना वरदान

सोना गहरे संकट में काम आने वाली संपत्ति है, मौजूदा कठिन वैश्विक परिस्थितियों में यह धारणा एक बार फिर सही साबित हो रही है। कोविड-19 महामारी और भू-राजनीतिक संकट के बीच सोना एक बार फिर रिकॉर्ड बना रहा है और अन्य संपत्तियों की तुलना में निवेशकों के लिए निवेश का बेहतर विकल्प साबित हुआ है। विश्लेषकों का मानना है कि उतार-चढ़ाव के बीच सोना अभी कम से कम एक-डेढ़ साल तक ऊंचे स्तर पर बना रहेगा। दिल्ली बुलियन एंड ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल गोयल का मानना है कि कम एक साल तक सोना उच्चस्तर पर रही रहेगा। वह कहते हैं कि संकट के इस समय सोना निवेशकों के लिए ‘वरदान’ है। गोयल मानते हैं कि दिवाली के आसपास सोने में 10 से 15 प्रतिशत तक का उछाल आ सकता है।

मुसीबत की घड़ी में हमेशा बढ़ी है सोने की चमक!

सोना हमेशा ही मुसीबत की घड़ी में खूब चमका है। 1979 में कई युद्ध हुए और उस साल सोना करीब 120 फीसदी उछला था। अभी हाल ही में 2014 में सीरिया पर अमेरिका का खतरा मंडरा रहा था तो भी सोने के दाम आसमान छूने लगे थे। हालांकि, बाद में यह अपने पुराने स्तर पर आ गया। जब ईरान से अमेरिका का तनाव बढ़ा या फिर जब चीन-अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर की स्थिति बनी, तब भी सोने की कीमत बढ़ी।

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