कहीं सुई सेट नहीं किया और मर गए तो कौन जिम्मेदारी लेगा ? : बिहार के इस गांव में लोगों को जान का डर

मोतिहारी : कोरोना महामारी से पूरा देश त्राहिमाम कर रहा है। सरकार शत प्रतिशत वैक्सीनेशन के लिए लोगों को लगातार जागरूक कर रही है। आमजन जागरूक होकर वैक्सीन ले भी रहे हैं। इसी बीच एक चौंकाने वाली खबर पूर्वी चंपारण जिले से आई है। यहां आठ सौ से अधिक लोगों ने कोविड वैक्सीन लेने से इंकार कर दिया है। वजह बताई है कि ‘कहीं सुई सेट नहीं किया और मर गए तो कौन जिम्मेदारी लेगा?’

यह लोग संग्रामपुर प्रखंड के मंगलापुर गांव के वार्ड चौदह के रहने वाले हैं। मंगलवार को इनके वैक्सीनेशन के लिए गई टीम दिनभर बैठकर शाम में बैरंग वापस हो गई। टीम ने इस बात की सूचना स्थानीय PHC के अधिकारियों और BDO दृष्टि पाठक को दी। PHC से अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को लोगों को समझाने के लिए भेजा गया, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। सभी ने दो टूक शब्दों में वैक्सीन लेने से इनकार कर दिया।मन में बैठा मर जाने का भय

वैक्सीनेशन टीम के कर्मियों ने बताया कि उक्त वार्ड में यादव समाज के लोगों की जनसंख्या अधिक है। सुबह जब टीम पहुंची तो आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 155 पर वैक्सीनेशन के लिए लोगों को बुलाया गया। घंटो बाद भी जब कोई वैक्सीन लेने नहीं पहुंचा तो स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर पूछने लगे। लोगों ने एक स्वर में जवाब दिया कि हमलोग वैक्सीन नहीं लेंगे। कर्मियों ने लाख समझाया कि इससे बीमारी फैलती नहीं, बल्कि रुकती है, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं हुआ।

टीम में शामिल आंगनबाड़ी सेविका सुप्रिया कुमारी और सहायिका बबीता देवी का घर उसी वार्ड में है। उन दोनों ने बताया कि यहां के लोग ठेठ किसान और पशुपालक हैं। इनके भीतर यह शंका और भय बैठ गया है कि वैक्सीन लेने के बाद लोग मर जाते हैं। इसी कारण कुछ भी कहने के बाद भी कोई वैक्सीन नहीं ले रहा है।

जनप्रतिनिधि ने भी समझाया, लेकिन लोग नहीं माने

वैक्सीन नहीं लेने की जानकारी मिलने के बाद BDO दृष्टि पाठक ने पूर्व मुखिया सह वर्तमान मुखिया प्रतिनिधि ओमप्रकाश कुमार यादव को लोगों को समझाने भेजा। ओमप्रकाश ने भी वहां जाकर लोगों को समझाया, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। अंत मे पूरी टीम वापस चली आई।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें