लखनऊ
कोरोना वायरस की दूसरी लहर की वजह से गर्भवती महिलाओं को इलाज के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। ऐसे में बड़ा कदम उठाते हुए यूपी सरकार ने हर जिले में एक अस्पताल इनके लिए रिजर्व करने का फैसला किया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 102 एंबुलेंस को भी गर्भवती महिलाओं को उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। मुख्यमंत्री के इस फैसले से राज्य में गर्भवती महिलाओं की इलाज को लेकर एक बड़ी चिंता दूर हुई है।
ऐप के जरिये परामर्श दे रहे केजीएमयू के डॉक्टर
केजीएमयू के मेडिसिन, रेस्पिरेटरी मेडिसिन, स्त्री एवं प्रसूति रोग, हृदय रोग, सर्जरी, मनोचिकित्सक, त्वचा रोग, हड्डी एवं जोड़ रोग, नेत्र रोग, कान नाक एवं गला रोग और दंत रोग सहित अन्य विशेषज्ञों के जरिए मरीजों को उनके इलाज के संबंध में परामर्श दिया जा रहा है। इस व्यवस्था के तहत ही गर्भवती महिलाओं को भी परामर्श दिया जा रहा है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने गर्भवती महिलाओं के इलाज और महिलाओं के प्रसव को लेकर हर जिले में एक अस्पताल आवंटित करने का फैसला लिया ताकि गर्भवती महिलाओं को तनाव मुक्त किया जा सके। मुख्यमंत्री के इस फैसले के तहत अब हर जिले इस व्यवस्था को सुनिश्चित किया गया है। इसके साथ ही गर्भवती महिला को किसी भी समय यदि इमरजेंसी चिकित्सा की जरूरत हो तो उसके लिए 102 एंबुलेंस को भी उनके पास पहुंचने की व्यवस्था कर दी गई है।
इसी क्रम में अब अब उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की तरफ से से भी गर्भवती महिलाओं का इलाज कराने के लिए पहल की गई है। आयोग ने गर्भवती महिलाओं को आपातकालीन चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए एक वॉट्सऐप हेल्पलाइन नंबर शुरू किया है। इसके साथ ही टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है। इस हेल्पलाइन नंबर के जरिए गर्भवती महिलाओं की आपात स्थिति में चिकित्सा सहायता बहुत ही आसानी के साथ में प्राप्त कर सकती हैं। आयोग ने कहा है कि टोल फ्री नंबर 18001805220 पर बात कर मदद ली जा सकती है।