क्या ओवैसी की पार्टी राजस्थान में लड़ेगी चुनाव ! AIMIM सुप्रीमो ने कही ये बात…

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) जल्द ही राजस्थान में भी एंट्री करेगी। औवैसी ने दिसंबर तक राजस्थान में संगठन तैयार करने की घोषणा की है। जयपुर दौरे पर आए पार्टी सुप्रीमो ओवैसी ने मीडिया से कहा- ‘यहां हम पार्टी को लॉन्च करेंगे। बहुत से जिम्मेदार लोगों से बात हुई है। मेरा इरादा यह है कि आज से डेढ-दो महीने के अंदर राजस्थान में पार्टी की गतिविधियां शुरू हो जाएं। राजस्थान में थर्ड फ्रंट का काफी स्कोप है। यहां की जनता बीजेपी-कांग्रेस दोनों से परेशान है। यहां की माइनॉरिटी को एक राजनीतिक आवाज और राजनीतिक प्लेटफॉर्म मिले, यही हमारी कोशिश होगी।’ राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 में कराए जाने हैं।

राजस्थान में गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा- ‘पहले पार्टी यहां गतिविधियां शुरू करेगी, फिर संगठन को मजबूत किया जाएगा। गठंबधन की बात बाद में होगी। मैं बीटीपी नेता छोटुभाई वसावा के घर गया था। उनसे अच्छी बातचीत हुई थी। माइनॉरिटी के साथ दलित, एसटी सहित दूसरे कास्ट से भी बातचीत होगी। हमारी पार्टी सबका एजेंडा रखेगी। सबकी बात होगी।’

अल्पसंख्यक समुदाय के विधायकों पर बरसे
ओवैसी ने राजस्थान में मुस्लिम विधायकों को शो-पीस कहकर निशाना साधा। ओवैसी ने कहा- ‘राजस्थान में मुस्लिम माइनोरिटी की पॉलिटिकल वॉयस नहीं के बराबर है। यहां माइनॉरिटी के आठ-नौ लोग जीत जाते हैं। माइनॉरिटी के विधायक भी अंगड़ाई लेते वक्त ही मुंह खोलते हैं। जब तक माइनॉरिटी की स्वतंत्र आवाज नहीं होगी, तब तक ये शो पीस ही हैं। इनका असेंबली और विकास में क्या योगदान है? बाबा साहेब आंबेडकर से भी पूछा गया था ​कि दलित नेता जीत तो रहे हैं फिर भागीदारी पर सवाल क्यों? तब बाबा साहब ने कहा था कि दलित जीत कर जाते हैं, लेकिन संसद में मुंह उस वक्त खोलते हैं, जब उन्हें अंगड़ाई लेनी हेाती है। यही हाल राजस्थान में मुस्लिम विधायकों का है।’

मुसलमानों का राजनीतिक रूप से सशक्त होना जरूरी
बीजेपी की मदद के सवाल पर ओवैसी ने कहा- ‘मुझे आरोपों की फिक्र नहीं है। राजस्थान, एमपी, छत्तीसगढ में चुनाव में कांग्रेस जीत गई, लेकिन लोकसभा में 65 सीट में से जीरो क्यों हो गए? कांग्रेस में खुद झगड़ा हो गया। इसका मैं थोड़े ही जिम्मेदार हूं। मुसलमान सबसे बड़ी माइनॉरिटी है। उसका पॉलिटिकल एम्पावरमेंट होना बहुत जरूरी है। इससे संसदीय लोकतंत्र में विश्वास बढ़ेगा। देश मजबूत होगा।’

जिन्ना को हमारे बुजुर्ग खारिज कर चुके
जिन्ना के सवाल पर ओवैसी ने कहा- ‘मुझे अफसोस इस बात का है कि जब भी मुसलमान के एम्वपावरमेंट की बात आती है तो उस व्यक्ति का नाम याद आता है। हमारे बुजुर्गों ने उसे(जिन्ना को) रिजेक्ट किया। उसके पैगाम को रिजेक्ट किया। उनसे मतलब ही नहीं है, जितना उस शख्स का नाम आप लोग लेते हैं, उतना तो हम लेते ही नहीं। हम तो भारत के एम्पावरमेंट की बात करते हैंं। हमारा लोकतंत्र सबकी भागीदारी वाला है। किसकी, कितनी हिस्सेदारी है, इस पर तो बात होगी ही। इसमें आपको अपना हिस्सा लेना पड़ेगा। माइनॉरिटी को ये पार्टियां हिस्सेदारी देने वाली नहीं हैं।’

कांग्रेस ने यूएपीए का समर्थन किया

ओवैसी ने कहा कि मुसलमानों ने इतने दिन वोट दिया, लेकिन उनके साथ भेदभाव हुआ है। अमित शाह यूएपीए का बिल लाए, जिसमें दिल्ली में बैठे पुलिस इंस्पेक्टर को राजस्थान के किसी भी व्यक्ति को आतंकी करार देने का अधिकार दे दिया। कांग्रेस ने यूएपीए का समर्थन किया।

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