घर बैठे राशन कार्ड से जुड़ी सभी समस्याओं का होगा हल, बस फॉलो करें ये स्‍टेप्‍स

How to change mobile number in Ration Card: राशन कार्ड एक ऐसा डॉक्युमेंट जिसकी मदद से आपको सरकार की ओर से फ्री में राशन मिलता है. अगर इस कार्ड पर आपके गलत नंबर डला हुआ है या फिर कोई पुराना नंबर एंटर है तो आपके लिए परेशानी हो सकती है. इसलिए आप फटाफट अपने राशन कार्ड पर मोबाइल नंबर अपडेट करा लें.

अपडेट करें मोबाइल नंबर
मोबाइल नंबर अपडेट कराना बहुत ही आसान है. आप ये काम घर बैठे ही कर सकते हैं. अगर आपके कार्ड में कोई पुराना नंबर एंटर होगा तो आपको राशन से जुड़े अपडेट नहीं मिल पाएंगे. विभाग की तरफ से कई अपडेट मैसेज के जरिए कार्डधारकों तक पहुंचाए जाते हैं.

राशन कार्ड में मोबाइल नंबर कैसे अपडेट करें (How to change mobile number in Ration Card )

  • आपको सबसे पहले इस साइट https://nfs.delhi.gov.in/Citizen/UpdateMobileNumber.aspx पर विजिट करना होगा.
  • आपके सामने एक पेज ओपन होगा.
  • यहां आपको Update Your Registered Mobile Number लिखा हुआ दिखाई देगा.
  • अब इसके नीचे दिए गए कॉलम में आपको अपनी जानकारी फिल करनी है.
  • यहां पहले कॉलम में आपको Aadhar Number of Head of Household/NFS ID लिखना होगा.
  • दूसरे कॉलम में Ration card No लिखना होगा.
  • तीसरे कॉलम में Name of Head of HouseHold लिखना होगा.
  • आखिरी कॉलम में आपको अपना नया मोबाइल नंबर लिखना होगा.
  • अब Save पर क्लिक करें.
  • अब आपका मोबाइल नंबर अपडेट हो जाएगा.
  • 30 सितंबर तक कार्ड को आधार से कराएं लिंक
  • देशभर में फैले कोरोना संकट को देखते हुए केंद्र सरकार ने राशन कार्ड को आधार से लिंक करने की तारीख को आगे बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया है. केंद्रीय खाद्य मंत्रालय (Food Ministry) ने बताया है कि जिन भी लोगों ने 30 सितंबर तक अपने राशन कार्ड को आधार से लिंक नहीं कराया तो उनको राशन नहीं दिया जाएगा.

1 जून से लागू हो गई One nation One Card योजना
बता दें देश में एक जून से 20 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी सेवा ‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ शुरू हो चुकी है. इस योजना के तहत अब आप किसी भी राज्य में रहकर राशन खरीद सकते हैं. यानी आपको कहीं भी खाने के सामान के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, गोवा, झारखंड, त्रिपुरा, बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब हिमाचल प्रदेश और दमन-दीव में पहले से ही ये योजना लागू है.

 

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