छत्तीसगढ़ में कहर बरपा रहा कोरोना : कुछ और जिलों में बढ़ाया जा सकता है लॉकडाउन, देखे ताजा आंकड़े

देश के दूसरे राज्यों की तरह ही छत्तीसगढ़ में भी कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक हो रही है। यहां लगातार 5 दिनों से 10 हजार से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं। रविवार को 10 हजार 521 नए केस सामने आए और 82 लोगों की जान गई। अब एक्टिव मरीजों की संख्या 90 हजार 277 हो गई है। कोरोना से अब तक 4 हजार 899 लोगों की जान जा चुकी है।

संक्रमितों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार जल्द ही निजी अस्पतालों में भी इलाज के रेट तय करेगी।

रेमडेसिविर और ऑक्सीजन की कमी के लिए सरकार का प्लान

एक तरफ कोरोना के केस बढ़ रहे हैं तो दूसरी तरफ रेमडेसिविर इंजेक्शन, दवाइयों और ऑक्सीजन की कमी ने समस्या को बढ़ा दिया है। रेमडेसिविर की कमी पूरी करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दो अधिकारियों को मुंबई और हैदराबाद भेजा है। अधिकारी रेमडेसिविर प्रोड्यूस करने वाली कंपनियों से मिलेंगे और उनसे राज्य के लिए पर्याप्त इंजेक्शन की सप्लाई को लेकर चर्चा करेंगे। ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए नए निर्देश जारी किए गए हैं। प्रदेश में बनी ऑक्सीजन का 80% यहीं के मरीजों के लिए इस्तेमाल होगा। सरकारी अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन के नए प्लांट बनाने की भी तैयारी है।कुछ और जिलों में बढ़ाया जा सकता है लॉकडाउन

प्रदेश के 16 जिलों में लॉकडाउन का आदेश जारी हो चुका है। अगर सोमवार को भी संक्रमण के मामलों में गिरावट नहीं देखने को मिली तो कई और जिलों में लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया जा सकता है। संक्रमण से लगातार मौतें बढ़ रही हैं और श्मशानों पर भी वेटिंग है। सरकार ने शहरी इलाकों में नए श्मशान बनाने का फैसला लिया है। रायपुर, दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर और रिसाली में विद्युत शवदाह गृह बनाए जाएंगे।

छत्तीसगढ़ आने वालों को दिखानी होगी रिपोर्ट

पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वास्थ्य विज्ञान और आयुष विश्वविद्यालय ने नर्सिंग पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। ये परीक्षाएं 22 अप्रैल से होनी थीं। छत्तीसगढ़ आने वाले यात्रियों को अपनी कोरोना निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी। RT-PCR की ये रिपोर्ट 72 घंटे पहले की होनी चाहिए।

पिछले साल सितंबर में निजी अस्पतालों में ​​​​​​​इलाज का रेट

छ्त्तीसगढ़ के प्राइवेट अस्पतालों में सुविधाओं को ध्यान में रखकर जिलों को तीन कैटेगरी में बांटा गया था। A कैटेगरी वाले जिलों में रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, कोरबा और रायगढ़, B कैटेगरी वाले जिलों में सरगुजा, महासमुंद, धमतरी, कांकेर, जांजगीर और बालौदाबाजार, कबीरधाम और बस्तर और C कैटेगरी वाले जिलों में ए और बी श्रेणी के अलावा बचे 14 जिलों को शामिल किया गया था।

A कैटेगरी वाले जिलों के लिए निर्धारित दर

अस्पतालों की कैटेगरीमॉडरेट मरीजगंभीर मरीजअति गंभीर मरीज
NABH से मान्यता प्राप्त6,20012,0017,000
गैर NABH मान्यता प्राप्त6,20010,00014,000

‘B’ श्रेणी के अस्पताल ‘A’ श्रेणी के अस्पतालों में मरीजों की तीन श्रेणियों के लिए निर्धारित दर का 80% फीस ले सकते हैं, जबकि ‘C’ श्रेणी के अस्पताल इसका 60% फीस ले सकते हैं।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें