देश की जेलों में बंद हैं 4.78 लाख कैदी, 66 प्रतिशत ST, SC और OBC

देशभर की विभिन्न जेलों में 4,78,600 अपराधी अपने अपराधों की सजा भुगत रहे हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से 65.90 प्रतिशत यानी 3,15,409 कैदी अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से हैं। इसी तरह 34.10 प्रतिशत कैदी अन्य वर्गों के हैं। गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी की ओर से बुधवार को राज्यसभा में प्रस्तुत किए गए जेल कैदियों के डाटा में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। राज्यसभा सांसद नासिर हुसैन ने मांगी थी कैदियों से संबंधित जानकारी

राज्यसभा में सांसद नासिर हुसैन पूछा था कि क्या देश की जेलों में बंद अधिकांश कैदी मुस्लिम और दलित समुदाय से आते हैं। इस पर गृह राज्य मंत्री रेड्डी ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा जारी किए गए 31 दिसंबर, 2019 तक के आंकड़ों के आधार पर बताया कि जेलों में बंद कुल 4,78,600 कैदियों में से 3,15,409 या 65.90 प्रतिशत ST, SC और OBC समुदाय से हैं। जबकि 1,26,393 अन्य समुदायों से हैं।सबसे ज्यादा

जेलों में बंद हैं OBC समुदाय के सबसे अधिक कैदी- रेड्डी

रेड्डी ने बताया कि देश की जेलों में बंद 4,78,600 कैदियों में से 95.83 प्रतिशत यानी 4,58,687 पुरुष कैदी और महज 4.16 प्रतिशत यानी 19,913 महिला कैदी हैं।उन्होंने ब ताया कि जेलों में बंद कैदियों में से सबसे अधिक 34.01 प्रतिशत यानी 1,62,800 कैदी OBC समुदाय, 20.74 प्रतिशत यानी 99,273 कैदी SC समुदाय और 11.14 प्रतिशत यानी 53,336 कैदी ST समुदाय के हैं। शेष कैदी अन्य समुदाय से आते हैं। जानकारी

महिला कैदियों में यह है समुदाय की स्थिति

रेड्डी ने बताया कि जेलों में बंद 19,913 महिला कैदियों में से सबसे अधिक 31.93 प्रतिशत यानी 6,360 OBC, 22.43 प्रतिशत यानी 4,467 SC, 11.45 प्रतिशत यानी 2,281 महिला कैदी ST और 26.29 प्रतिशत यानी 5,236 कैदी अन्य समुदायों से हैं।राज्य

उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद है सबसे अधिक कैदी

रेड्डी ने बताया कि देश की जेलों में बंद 4,78,600 कैदियों में से सबसे अधिक 21.16 प्रतिशत यानी 1,01,297 कैदी उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद है। इसके बाद मध्य प्रदेश की जेलों में 44,603 और बिहार में 39,814 कैदी सजा भुगत रहे हैं। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों में से सबसे अधिक OBC, SC और अन्य समुदायों से हैं। इसी तरह मध्य प्रदेश की जेलों में सबसे अधिक कैदी ST समुदाय से हैं।जिम्मेदारी

राज्यों के पास है कैदियों के प्रबंधन की जिम्मेदारी

कैदियों की शिक्षा और पुनर्वास के लिए केंद्र सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों के सवाल के जवाब में रेड्डी ने कहा कि जेलों में बंद कैदियों के प्रबंधन और पुनर्वास की जिम्मेदारी राज्य सरकारों के पास है। हालांकि, राज्यों के प्रयासों को मजबूती देने के लिए गृह मंत्रालय ने मई 2016 में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक मॉडल जेल मैनुअल दिया गया था। जिसमें कैदियों के पुनर्वास और शिक्षा संबंधी उपाय किए गए थे।जानकारी

इन पर भी दिया जा रहा है ध्यान

रेड्डी ने बताया कि जेलों में बंद कैदियों के व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रम, कैदियों के कल्याण, देखभाल और पुनर्वास को लेकर भी मॉडल जेल मैनुअल में कई प्रावधान किए गए हैं। इनकी पालना करना राज्यों की जिम्मेदारियों में शामिल है।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें