धर्मांतरण मामले में सामने आया टेरर कनेक्शन : एक आतंकी संगठन पर शक, CM ने जांच के दिए निर्देश

उत्तर प्रदेश एंटी टेरेरिस्ट स्कॉड (ATS) ने धर्मांतरण के प्रकरण में गुरुवार को बड़ा खुलासा किया है। सूत्रों की माने तो जांच एजेंसियों को इस बात के प्रमाण मिले हैं कि बड़ी संख्या में मूक-बधिर बच्चों का धर्म परिवर्तन कराने के पीछे इन्हें आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल करने की साजिश थी। दरअसल, धर्मांतरण गिरोह के निशाने पर मूक बधिर बच्चे इसलिए भी थे कि क्योंकि इन बच्चों को अलग तकनीकी से पढ़ाया जाता है।

इन्हें पढ़ाने के लिए इस गिरोह ने अपने टीचर रखे हुए थे। यही टीचर ही इन बच्चों का ब्रेन वाश कर इन्हें हिन्दू से मुस्लिम बनाते था। मुस्लिम बनने के बाद फिर इन्हें आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की ट्रेनिंग दी जाती, लेकिन इससे पहले ही इसका भंडाफोड़ हो गया। एक आंतकी संगठन को लेकर यूपी एटीएस ने खुफिया एजेंसियों से संपर्क साधा है।

अब इस मामले में ‘टेरर एंगल’ आने के बाद खुद सीएम योगी पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रहे है। सीएम ने इस पूरे मामले का खुलासा करने वाली जांच एजेंसियों को सख्त निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा है कि जांच एजेंसियां देश की सुरक्षा और आस्था के खिलाफ साजिश करने वालों से सख्ती से निपटें।

टेरर फंडिंग के सबूत मिले

धर्मांतरण रैकेट के तार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़ता देख एटीएस और सक्रिय हो गई है। एक आंतकी संगठन को लेकर यूपी एटीएस ने खुफिया एजेंसियों से संपर्क साधा है। बताया जा रहा है कि अब तक जो जांच हुई है इसमें धर्मांतरण के लिए विदेशी फंडिंग के साथ ही साथ टेरर ग्रुप से भी फंडिंग मिलने की बात सामने आई है। टेरर फंडिंग के भी एजेंसियों को प्रमाण मिले है। लिहाजा इस सूचना को देश के दूसरे एजेंसियों से भी शेयर किया जा रहा है।

उमर गौतम 24 राज्यों में करा चुका है अवैध घर्मांतरण

जांच एजेंसियों को को यह भी पता चला है कि खुद हिंदू से मुस्लिम बने उमर गौतम अब तक देश के 24 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में अवैध धर्मांतरण करा चुका है। दिल्ली का बाटला हाऊस इलाका उमर गौतम की अवैध गतिविधियों का मुख्य केंद्र था। इसके साथ ही यूपी ATS ने 150 लोगो की सूची यूपी पुलिस को सौंपी है। ये वो लोग है, जो हिन्दू से मुस्लिम बने है। इनमें से करीब 50 सिर्फ यूपी के फतेहपुर जिले के रहने वाले हैं। हिंदू होने की वजह इनकी पहुंच हिंदुओं में ज्यादा थी, लिहाज ये ज्यादा हिंदूओ को प्रभावित कर सकते थे। इसी का फायदा उठाकर इस गिरोह ने हिंदू, ईसाई, जैन और सिख परिवारों के बच्चों का भी बड़ी संख्या में धर्मांतरण कराया है।

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